अब महाराष्ट्र-झारखंड में चुनावी सरगर्मियां तेज..
■ भाजपा ने दोनों राज्यों में लगाई सौगातों -वादों की झड़ी ■ विपक्षी खेमा भी सक्रिय हुआ ■ इन दोनों राज्यों में चुनाव नवंबर में होने की चर्चा
• भाजपा प्रदेश प्रभारी ने कहा गुजरात फार्मूला छत्तासगढ़ में नहीं होगा लागू | • छत्तीसगढ़ी और गैर छत्तीसगढ़ीवाद मुद्दा नहीं | • 30 फीसदी चेहरे तो हर राज्य के चुनाव में बदलते हैं | • छत्तीसगढ़िया प्रेमी हैं तो राज्यसभा में क्यों नहीं भेजा |
रायपुर। विधानसभा चुनाव अब करीब आ रहा है तो सभी राजनीतिक दलों में नई रणनीति और तैयारियों की सुगबुगाहट शुरू हो गई है। पिछली बार कांग्रेस की जीत में भी प्रदेश में धान और किसान सियासत के केन्द्र में रहे हैं। जाहिर है इस बार फिर धान और किसान का मुद्दा जोरशोर से उठेगा। कांग्रेस के धान के मुद्दे पर माइलेज ले लेने ने भाजपा को चिंतित तो किया है। इसे देखते हुए भाजपा के प्रदेश प्रभारी ओम माथुर ने संकेत दिये हैं कि भाजपा के पास भी धान के मुद्दे का माफिक तोड़ है। श्री माधुर ने माना कि वे जहां भी जाते हैं कार्यकर्ता उनसे धान खरीदी की ही बात करते हैं। उन्होंने कहा कि जाहिर है यदि 600 रुपये किसी को भी अतिरिक्त मिलेगा तो उसका स्वाभाविक रूप से मनोवैज्ञानिक असर तो पड़ेगा। उन्होंने कहा – मगर कांग्रेस इस एक बात की आड़ में कितनी जगह गडबड़ियां कर रही है इस पर भी ध्यान देने की जरूरत है।
श्री माथुर ने बातचीत में धान के काट के लिए घोषणापत्र का इंतजार करने की बात कही है। इससे जाहिर है कि उन्होंने प्रदेश की नब्ज़ का अंदाजा लगा लिया है। देर ही से सही पर इस बार वे कांग्रेस की ही तर्ज पर किसी तरह की बड़ी घोषणा किसानों के हित में कर सकते हैं।
भ्रष्टाचार कानून व्यवस्था व विकास होंगे प्रमुख मुद्दे | छत्तीसगढ़ प्रेमी हैं तो राज्यसभा में क्यों नहीं भेजा |
श्री माथुर ने कहा कि छत्तीसगढ़ में 2023 के चुनाव में भ्रष्टाचार ही प्रमुख मुद्दा बनेगा। उन्होंने कहा कि अब भ्रष्टाचार को कितने विभागों में बांटे यह देखना होगा। उन्होंने इसके बाद कानून व्यवस्था और विकास को प्रमुख मुद्दा बनाए जाने के संकेत दिए। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की जनता 15 साल में और साढ़े चार साल में छत्तीसगढ़ में हुए विकास कार्यों की तुलना करने लगी है। श्री माथुर ने कहा उन्हें बहुत अच्छा लगता है जब पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह जनता से 15 साल में हुए विकास गिनाते हैं औऱ सामने बैठी जनता से पूछते हैं कि इन बीते साढ़े चार सालों में क्या हुआ तो वहां से आवाज आती है- कुछ नहीं। इसलिए विकास का मुद्दा तो भाजपा के पास है इसके अलावा केन्द्र की जितनी भी योजनाएं हैं उसका भी लाभ तो मिलेगा वे भी मुद्दे होंगे। केन्द्र सरकार की योजनाओं का अन्य राज्यों में कितना काम हुआ और छत्तीसगढ़ में कितना काम हुआ इसकी भी तुलना की जाएगी। | प्रदेश में छत्तीसगढ़ की संस्कृति और छत्तीसगढ़ीवाद एक बड़ा मुद्दा बन कर पिछले चार सालों में उभरा है इस पर श्री माथुर ने कहा छत्तीसगढ़िया या गैर छत्तीसगढ़िया का मुद्दा यहां आज तक नहीं बना है। हां इसे एक तरह से अब मुद्दा बनाने की कोशिश हो रही है। उन्होंने सीएम बघेल का नाम लिए बगैर सवाल उठाया कि छत्तीसगढ़िया से इतना ही प्रेम है तो राज्यसभा में किसे भेजा। किसी छत्तीसगढ़िया को राज्यसभा में क्यों नहीं भेजा गया। उन्होंने कहा कि यह सब जनता में भ्रम पैदा करने की कोशिश है। यह सब बनाए हुए और भरमाने वाले मुद्दे हैं। इन्हें ध्यान में रखकर भाजपा अपनी रणनीति बना रही है। |
■ भाजपा ने दोनों राज्यों में लगाई सौगातों -वादों की झड़ी ■ विपक्षी खेमा भी सक्रिय हुआ ■ इन दोनों राज्यों में चुनाव नवंबर में होने की चर्चा
हम एक धर्म निरपेक्ष देश हैं । हमारे निर्देश सभी के लिए होंगे। चाहे वे किसी धर्म या व्यवसाय के हों। अगर सड़क के बीच में कोई धार्मिक संरचना है फिर वह गुरूद्वारा हो, दरगाह या फिर मंदिर, तो उसे हटाना ही पड़ेगा। यह जनता के आवागमन में बाधा नहीं डाल सकती। साथ ही अवैध निर्माण तोड़ने से पहले पर्याप्त समय देना चाहिए। महिलाओं और बच्चों को सड़क पर देखना अच्छा नहीं । - जस्टिस बी.आर. गवई
हम एक धर्म निरपेक्ष देश हैं । हमारे निर्देश सभी के लिए होंगे। चाहे वे किसी धर्म या व्यवसाय के हों। अगर सड़क के बीच में कोई धार्मिक संरचना है फिर वह गुरूद्वारा हो, दरगाह या फिर मंदिर, तो उसे हटाना ही पड़ेगा। यह जनता के आवागमन में बाधा नहीं डाल सकती। साथ ही अवैध निर्माण तोड़ने से पहले पर्याप्त समय देना चाहिए। महिलाओं और बच्चों को सड़क पर देखना अच्छा नहीं । - जस्टिस बी.आर. गवई
■ हमारे साझा सरोकार "निरंतर पहल" एक गम्भीर विमर्श की राष्ट्रीय मासिक पत्रिका है जो युवा चेतना और लोकजागरण के लिए प्रतिबद्ध है। शिक्षा, स्वास्थ्य, खेती और रोजगार इसके चार प्रमुख विषय हैं। इसके अलावा राजनीति, आर्थिकी, कला साहित्य और खेल - मनोरंजन इस पत्रिका अतिरिक्त आकर्षण हैं। पर्यावरण जैसा नाजुक और वैश्विक सरोकार इसकी प्रमुख प्रथमिकताओं में शामिल है। सुदीर्ध अनुभव वाले संपादकीय सहयोगियों के संपादन में पत्रिका बेहतर प्रतिसाद के साथ उत्तरोत्तर प्रगति के सोपान तय कर रही है। छह महीने की इस शिशु पत्रिका का अत्यंत सुरुचिपूर्ण वेब पोर्टल: "निरंतर पहल डॉट इन "सुधी पाठको को सौपते हुए अत्यंत खुशी हो रही है। संपादक समीर दीवान
Address
Raipur
Phone
+(91) 9893260359