• 28 Apr, 2025

धान का काट ढूंढ रही है भाजपा

धान का काट ढूंढ रही है भाजपा

• भाजपा प्रदेश प्रभारी ने कहा गुजरात फार्मूला छत्तासगढ़ में नहीं होगा लागू | • छत्तीसगढ़ी और गैर छत्तीसगढ़ीवाद मुद्दा नहीं | • 30 फीसदी चेहरे तो हर राज्य के चुनाव में बदलते हैं | • छत्तीसगढ़िया प्रेमी हैं तो राज्यसभा में क्यों नहीं भेजा |

रायपुर। विधानसभा चुनाव अब करीब आ रहा है तो सभी राजनीतिक दलों में नई रणनीति और तैयारियों की  सुगबुगाहट शुरू हो गई है। पिछली बार कांग्रेस की जीत में भी प्रदेश में धान और किसान सियासत के केन्द्र में रहे हैं। जाहिर है इस बार फिर धान और किसान का मुद्दा जोरशोर से उठेगा। कांग्रेस के धान के मुद्दे पर माइलेज ले लेने ने भाजपा को चिंतित तो किया है। इसे देखते हुए भाजपा के प्रदेश प्रभारी ओम माथुर ने संकेत दिये हैं कि भाजपा के पास भी धान के मुद्दे का माफिक तोड़ है। श्री माधुर ने माना कि वे जहां भी जाते हैं कार्यकर्ता उनसे धान खरीदी की  ही बात करते हैं। उन्होंने कहा कि जाहिर है यदि 600 रुपये किसी को भी अतिरिक्त मिलेगा तो उसका स्वाभाविक रूप से मनोवैज्ञानिक असर तो पड़ेगा।  उन्होंने कहा – मगर कांग्रेस इस एक बात की आड़ में कितनी जगह गडबड़ियां कर रही है इस पर भी ध्यान देने की जरूरत है। 
 श्री माथुर ने बातचीत में धान के काट के लिए घोषणापत्र का इंतजार करने की बात कही है। इससे जाहिर है कि उन्होंने प्रदेश की नब्ज़ का अंदाजा लगा लिया है।  देर ही से सही पर इस बार वे कांग्रेस की ही तर्ज पर किसी तरह की बड़ी घोषणा किसानों के हित में कर सकते हैं। 
 

  • चुनाव में चेहरा बदलने पर कहा –
    उन्होंने विधानसभा चुनाव में लोकसभा चुनाव की तरह चेहरा बदलने और गुजरात फार्मूला जैसे प्रश्नों पर कहा- बड़े चेहरों को बदलने के लिए किसी पत्थर की लकीर जैसी कोई शर्त नहीं है। यहां कोई आईपीसी की धारा नहीं लगी हुई है। जब उनसे सब कुछ बदल डालने जैसे  पूर्व प्रदेश प्रभारी डी पुरंदेश्वरी के बयान का जिक्र किया गया तो उन्हें इसकी जानकारी मिली थी। डी . पुरंदेश्वरी का क्या अनुभव रहा इस पर वे कोई टिप्पणी नहीं करेंगे पर यह बात साफ है कि एक राज्य की रचना रणनीति दूसरे राज्य पर वैसे ही लागू नहीं होती । श्री माथुर ने कहा कि हर राज्य की राजनीतिक, सामाजिक और भौगोलिक स्थितियां अलग-अलग  होती हैं। गुजरात में पांच छह लोग पुराने थे। मूलरूप से पार्टी यह विचार करती है कि पूर्ण बहुमत कैसे हासिल करें। बहुमत से सरकार कैसे बनाएं इसलिए जिताऊ और टिकाऊ उम्मीदवार को ही ध्यान में रखकर निर्णय लिए जाते हैं। गुजरात  या  किसी और राज्य का फार्मूला जस का तस राजस्थान या छत्तीसगढ़ में लागू नहीं किया जा सकता।  उन्होंने कहा कि मीडिया में पुराने चेहरे बदले जाने की चर्चा है पर यह तो विषय तो सभी जगह खड़ा होता है।  उन्होंने बताया कि उन्हें आठ से दस राज्यों का अनुभव है और वे खुद भी राजस्थान से आते हैं।  एक प्रदेश का मॉडल किसी दूसरे प्रदेश में लागू नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि आखिर नए लोग तो आए हैं तो 30 फीसदी के आसपास चेहरे तो हर चुनाव में बदलते ही हैं। 
भ्रष्टाचार कानून व्यवस्था व विकास होंगे प्रमुख मुद्दे छत्तीसगढ़ प्रेमी हैं तो राज्यसभा में क्यों नहीं भेजा 
श्री माथुर ने कहा कि छत्तीसगढ़ में 2023 के चुनाव में भ्रष्टाचार ही प्रमुख मुद्दा बनेगा।  उन्होंने कहा कि अब भ्रष्टाचार को कितने विभागों में बांटे यह देखना होगा। उन्होंने इसके बाद कानून व्यवस्था और विकास को प्रमुख मुद्दा बनाए जाने के संकेत दिए।  उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की जनता 15 साल में और साढ़े चार साल में छत्तीसगढ़ में हुए विकास कार्यों की तुलना करने लगी है। श्री माथुर ने कहा उन्हें बहुत अच्छा लगता है जब पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह जनता से 15 साल में हुए विकास गिनाते हैं औऱ सामने बैठी जनता से पूछते हैं कि इन बीते साढ़े चार सालों में क्या हुआ तो वहां से आवाज आती है- कुछ नहीं। इसलिए विकास का मुद्दा तो भाजपा के पास है इसके अलावा केन्द्र की जितनी भी योजनाएं हैं उसका भी लाभ तो मिलेगा वे भी मुद्दे होंगे। केन्द्र सरकार की योजनाओं का अन्य राज्यों में कितना काम हुआ और छत्तीसगढ़ में कितना काम हुआ इसकी भी तुलना की जाएगी। प्रदेश में छत्तीसगढ़ की संस्कृति और छत्तीसगढ़ीवाद एक बड़ा मुद्दा बन कर पिछले चार सालों में उभरा है इस पर श्री माथुर ने कहा छत्तीसगढ़िया या गैर छत्तीसगढ़िया का मुद्दा यहां आज तक नहीं बना है। हां इसे एक तरह से अब मुद्दा बनाने की कोशिश हो रही है। उन्होंने सीएम बघेल का नाम लिए बगैर सवाल उठाया कि छत्तीसगढ़िया से इतना ही प्रेम है तो राज्यसभा में किसे भेजा।  किसी छत्तीसगढ़िया को राज्यसभा में क्यों नहीं भेजा गया। उन्होंने कहा कि यह सब जनता में भ्रम पैदा करने की कोशिश है। यह सब बनाए हुए और भरमाने वाले मुद्दे हैं। इन्हें ध्यान में रखकर भाजपा अपनी रणनीति बना रही है।