• 28 Apr, 2025

सेंट्रल एजेंसियों की मदद से लोकतंत्र का गला घोंटा जा रहाः सीएम बघेल

सेंट्रल एजेंसियों की मदद से लोकतंत्र का गला घोंटा जा रहाः सीएम बघेल

 सेंट्रल एजेंसियों की मदद से लोकतंत्र का गला घोंटा जा रहाः सीएम बघेल • भाजपा में जाने के बाद सभी दलबदलुओं के खिलाफ जांच क्यों बंद हो जाती है .. • महाराष्ट्र में सियासी घटनाक्रम को लेकर भाजपा पर प्रहार, जिनके खिलाफ जांच चल रही वे वॉशिंग मशीन में धुल कर बाहर आ गए।

रायपुर। महाराष्ट्र में सियासी उथल –पुथल को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भारतीय जनता पार्टी को निशाने पर लिया है। उन्होंने कहा कि पहले महाराष्ट्र के सभी नेता भाजपा के निशाने पर थे और उन सभी के खिलाफ ईडी की जांच चल रही थी।  भाजपाई रोज इनके खिलाफ बयानबाजी करते रहते थे। 
      सीएम बघेल ने कहा कि महाराष्ट्र में भाजपा की विरोधी पार्टी के नेता जो कल तक ईडी की कार्रवाई के शिंकजे में थे वे सभी पाला बदलते ही रातों रात बेदाग हो गए। साथ आते ही जैसे वाशिंग मशीन से धुलकर चकाचक होकर बाहर निकले हैं।  जाहिर है अब इनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होगी। अब इन्हीं में से कोई सीएम , कोई राष्ट्रीय उपाध्यक्ष तो कोई मंत्री बना दिया गया। सेन्ट्रल एजेंसियों का इस्तेमाल करके लोकतंत्र का गला घोंटा जा रहा है।  राजधानी में चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री बघेल ने ईडी की कार्रवाई में फंसे एनसीपी नेताओं के भाजपा के साथ जाने पर तीखे कटाक्ष किए।  उन्होंने कहा कि क्या भाजपा के साथ जाते ही उनके सारे पाप धुल गए। 
 भाजपा ने सेंट्रल एजेंसियों के माध्यम से पहले शिवसेना को तोड़ा, इनमें जिन आधा दर्जन लोगों के खिलाफ जांच चल रही थी वो बंद हो गई।  अभी कुछ दिनों पहले ही राकांपा के एक नेता के यहां पड़ा था पर वे जैसे ही भाजपा के साथ आए कि उनको मंत्रिमंडल में भी जगह मिल गई।  शपथ भी दिला दी गई। इसी तरह देशभर में लम्बी फेहरिस्त  है। असम, बंगाल, महाराष्ट्र  गोवा समेत कई राज्यों में यही हुआ है। 

कार्यकर्ताओं से भी सीखा वे भी मेरे गुरु हैं..

मुख्यमंत्री ने गुरुपूर्णिमा की बधाई देते हुए कहा कि कद्दावर नेता वासुदेव चंद्राकर मेरे राजनीतिक गुरू रहे हैं।  वे 30 साल डीसीसी अध्यक्ष और 16 साल मार्कफेड अध्यक्ष रहे हैं।  उनसे संगठन की बारीकियां सीखीं। सांसद रहे चंदूलाल चंद्राकर से भी मार्गदर्शन मिला। दिग्विजय सिहं पीसीसी के अध्यक्ष थे उनसे भी सीखा।  जब वे सीएम बने तो उनसे अटैच रहा और प्रशासन की बारीकियां सीखीं।  उनके मार्ग दर्शन में आगे बढ़े। छत्तीसगढ़ बनने के बाद आम कार्यकर्ताओं से भी सीखते रहे।  वरिष्ठ नेताओं से भी बहुत कुछ सीखा।