अब महाराष्ट्र-झारखंड में चुनावी सरगर्मियां तेज..
■ भाजपा ने दोनों राज्यों में लगाई सौगातों -वादों की झड़ी ■ विपक्षी खेमा भी सक्रिय हुआ ■ इन दोनों राज्यों में चुनाव नवंबर में होने की चर्चा
• मानहानि मामले मों दोषसिध्दि पर रोक की मांग वाली याचिका खारिज | • गुजरात हाईकोर्ट ने कहा - सजा उचित और कानूनी, रोक की जरूरत नहीं |
अहमदाबाद। राहुल गांधी को गुजरात हाईकोर्ट से राहत नहीं मिली। मोदी सरनेम को लेकर मानहानि मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को हाईकोर्ट ने राहत देने से इंकार कर दिया। दोषसिध्दि पर रोक की मांग वाली याचिका खारिज करते हुए हाईकोर्ट ने कहा राहुल को उनकी टिप्पणियों के लिए दो साल की जेल की सजा देने का निचली अदालत का आदेश सही, उचित और कानूनी था। सजा बरकरार रहने का मतलब है कि राहुल की संसद सदस्यता बहाल नहीं होगी।
• गुण-दोष पर फैसला लें- जिला जज
हाई कोर्ट ने राहुल गांधी को सरनेम को लेकर की टिप्पणि पर मिली सजा के बारे में किए की गई अपील पर कहा कि निचली अदालत का फैसला उचित और कानूनी था। इसमें आगे किसी तरह के हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है। इसके साथ ही जस्टिस प्रेक्षक ने सूरत की जिला और सत्र अदालत को दोष सिध्दि के खिलाफ राहुल की अपील पर उसके गुणदोष के आधार पर और कानून के अनुसार यथासंभव शीघ्रता से सुनवाई करने के निर्देश दिए हैं।
इधर जस्टिस हेमंत प्रेच्छक गुजरात हाईकोर्ट ने कहा है कि राजनीति में सुचिता होना अब समय की मांग है। जन प्रतिनिधियों को स्पष्ट पृष्ठभूमि वाला व्यक्ति होना चाहिए। यह व्यक्ति केन्द्रित मानहानि का दावा नहीं है। बल्कि कुछ ऐसा है जो समाज के एक बड़े वर्ग को प्रभावित करता है।
• सुप्रीम कोर्ट जाएगी कांग्रेस
वेणुगोपाल ने कहा – गुजरात जैसे राज्य से न्याय मिलेगा ये कैसे करें विश्वास है..
इस बहुचर्चित और बहु प्रतीक्षित मामले में फैसले के बाद कांग्रेस ने कहा है कि वह हाई कोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी। इस मामले में पार्टी महासचिव वेणुगोपाल ने कहा कि फैसले पर हमें कोई हैरानी नहीं है। हमारे पास अभी एक और विकल्प बचा है। उन्होंने कहा कि हम कैसे यकीन करें कि वर्तमान समय में गुजरात जैसे राज्य से न्याय मिलेगा।
■ भाजपा ने दोनों राज्यों में लगाई सौगातों -वादों की झड़ी ■ विपक्षी खेमा भी सक्रिय हुआ ■ इन दोनों राज्यों में चुनाव नवंबर में होने की चर्चा
हम एक धर्म निरपेक्ष देश हैं । हमारे निर्देश सभी के लिए होंगे। चाहे वे किसी धर्म या व्यवसाय के हों। अगर सड़क के बीच में कोई धार्मिक संरचना है फिर वह गुरूद्वारा हो, दरगाह या फिर मंदिर, तो उसे हटाना ही पड़ेगा। यह जनता के आवागमन में बाधा नहीं डाल सकती। साथ ही अवैध निर्माण तोड़ने से पहले पर्याप्त समय देना चाहिए। महिलाओं और बच्चों को सड़क पर देखना अच्छा नहीं । - जस्टिस बी.आर. गवई
हम एक धर्म निरपेक्ष देश हैं । हमारे निर्देश सभी के लिए होंगे। चाहे वे किसी धर्म या व्यवसाय के हों। अगर सड़क के बीच में कोई धार्मिक संरचना है फिर वह गुरूद्वारा हो, दरगाह या फिर मंदिर, तो उसे हटाना ही पड़ेगा। यह जनता के आवागमन में बाधा नहीं डाल सकती। साथ ही अवैध निर्माण तोड़ने से पहले पर्याप्त समय देना चाहिए। महिलाओं और बच्चों को सड़क पर देखना अच्छा नहीं । - जस्टिस बी.आर. गवई
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