अब महाराष्ट्र-झारखंड में चुनावी सरगर्मियां तेज..
■ भाजपा ने दोनों राज्यों में लगाई सौगातों -वादों की झड़ी ■ विपक्षी खेमा भी सक्रिय हुआ ■ इन दोनों राज्यों में चुनाव नवंबर में होने की चर्चा
छत्तीसगढ़ में सांसदों को तैयार रहने का इशारा
नई दिल्ली। पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में भाजपा मौजूदा केन्द्रीय मंत्रियों और सांसदों को भी विस चुनाव के लिए प्रत्याशी बनाएगी। तीन केन्द्रीय मंत्रियों सहित 7 सांसदों को प्रत्याशी बनाने के बाद भाजपा अन्य लोगों को भी चुनाव लड़वाने के लिए उतारेगी। पार्टी के एक वरिष्ठ महासचिव ने इस बात की पुष्टि की है और कहा है कि अभी जिन राज्यों में चुनाव हैं वहां कई मंत्रियों और सांसदों को चुनाव लड़ने के लिए भेजा जाएगा।
इसका कारण पूछने पर एक पदाधिकारी ने कहा कि पिछले विधान सभा चुनाव में पार्टी उन किसी भी राज्यों में विधानसभा चुनाव नहीं जीत पायी जहां इस साल चुनाव होने जा रहे हैं पर इसके साथ ही विधानसभा के बाद हुए लोकसभा के चुनाव में भाजपा ने उन राज्यों में शानदार प्रदर्शन किया।
एक संसदीय क्षेत्र में अमूमन 6 से 8 विधानसभा सीटें हैं। ऐसे में मौजूदा सांसद 5-6 अन्य प्रत्याशियों के वोट शेयर को भी बढ़ा सकता है। इस तर्क से कहा जा सकता है कि इससे पार्टी को इससे लाभ होगा। इस सवाल पर कि कितने प्रतिशत सांसदों को विधानसभा का चुनाव लड़ने कहा जाएगा। इस सवाल पर भी पार्टी के एक नेता कहते हैं कि कोशिश यह होगी की इतने सांसदों को विधानसभा चुनाव लड़ाया जाय कि विधानसभा की 40-50 फीसदी सीटों पर सांसदों को लड़ाने का लाभ अन्य प्रत्याशियों को मिल सके।
■ भाजपा ने दोनों राज्यों में लगाई सौगातों -वादों की झड़ी ■ विपक्षी खेमा भी सक्रिय हुआ ■ इन दोनों राज्यों में चुनाव नवंबर में होने की चर्चा
हम एक धर्म निरपेक्ष देश हैं । हमारे निर्देश सभी के लिए होंगे। चाहे वे किसी धर्म या व्यवसाय के हों। अगर सड़क के बीच में कोई धार्मिक संरचना है फिर वह गुरूद्वारा हो, दरगाह या फिर मंदिर, तो उसे हटाना ही पड़ेगा। यह जनता के आवागमन में बाधा नहीं डाल सकती। साथ ही अवैध निर्माण तोड़ने से पहले पर्याप्त समय देना चाहिए। महिलाओं और बच्चों को सड़क पर देखना अच्छा नहीं । - जस्टिस बी.आर. गवई
हम एक धर्म निरपेक्ष देश हैं । हमारे निर्देश सभी के लिए होंगे। चाहे वे किसी धर्म या व्यवसाय के हों। अगर सड़क के बीच में कोई धार्मिक संरचना है फिर वह गुरूद्वारा हो, दरगाह या फिर मंदिर, तो उसे हटाना ही पड़ेगा। यह जनता के आवागमन में बाधा नहीं डाल सकती। साथ ही अवैध निर्माण तोड़ने से पहले पर्याप्त समय देना चाहिए। महिलाओं और बच्चों को सड़क पर देखना अच्छा नहीं । - जस्टिस बी.आर. गवई
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