• 29 Apr, 2025

सार समाचार दिसंबर 2023

सार समाचार दिसंबर 2023

(1) शोध के नाम पर अब नहीं चलेगा कॉपी पेस्ट 
नई दिल्ली। उच्च शिक्षण संस्थानों महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों में अब शोध के नाम पर कॉपी पेस्ट करने का रिवाज नहीं चल पाएगा। और न ही एक ही विषय पर दर्जनों शोध किये जा सकेंगे। सरकार ने चिकित्सा के क्षेत्र में शोध की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए मेडिकल शोध गंगा की शुरुआत की है।  इस डिजिटल प्लेटफार्म पर प्रत्येक मेडिकल छात्र का पंजीयन अनिवार्य किया गया है। यदि शोध का विषय पहले ही से पंजीकृत है तो शोध की अनुमति नहीं मिल सकेगी।  जानकारी के अनुसार भारतीय आर्युविज्ञान अनुसंधान परिषद और एनएमसी के साथ मिलकर मेडिकल शोध गंगा कार्यक्रमेश के  तैयार किया गया है।

आईसीएमआर के अनुसार जल्द ही चिकित्सा छात्रों के पंजीयन के लिए देश के सभी मेडिकल कॉलेजों को आदेश भी जारी किए जाएंगे। आईसीएमआर ने बताया  कि एक से अधिक स्नाकोत्तर अपने शोध प्रबंध के लिए एक विशेष विषय चुन सकते हैं और अपने मेडिकल कॉलेजों में उपलब्ध संसाधनों के अनुसार सैंपल साइज पर निर्णय ले सकते हैं। आईसीएसआर ने बताया कि चिकित्सा स्नाकोत्तर की क्षमता बढ़ाने के लिए स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग( डीएचआर) एनएमसी और आईसीएसआर पिछले काफी समय से इस पर काम कर रहा है।  प्रस्तावित शोध प्रबंध विषयों की पहचान करने के लिए विशेषज्ञ संकायों के साथ परामर्शी बैठकों की एक पूरी श्रृंखला बुलाई जिसके बाद चिकित्सा विज्ञान की समझ में सुधार के लिए मेडिकल शोध गंगा की स्थापना का फैसला लिया गया। 

(2) रिटायर्ड आईएएस अफसर ने राम मंदिर को दान की पूरी कमाई 

  • मूर्ति के सामने पांच करोड़ से तैयार 151 किलो सोने की रामचरित मानस स्थापित करेंगे

    नई दिल्ली। कुछ लोग ऐसे भी  होते हैं जिनकी श्रध्दा अगाध होती है। ऐसे ही एक पूर्व आईएएस ने अपनी पूरी कमाई राम मंदिर के नाम कर दी। तेरा तुझको अर्पण क्या लागे है मेरा -   भगवान विष्णु की आरती की इस पंक्ति से प्रभावित होकर केन्द्र सरकार में गृह सचिव रहे सेवानिवृ्त्त अधिकारी एस. लक्ष्मीनारायण ने अपनी जीवनभर की कमाई प्रभु राम के चरणों में अर्पित करने जा रहे हैं।  राम लला की प्राणप्रतिष्ठा के बाद वह मूर्ति के सामने पांच करोड़ रुपये की लागत से तैयार 151 किलो का रामचरित मानस स्थापित करवाएंगे। 

    बताया गया है कि महाकाव्य का हरेक पन्ना तांबे का बना होगा और इनके हरेक पन्ने को 24 कैरेट गोल्ड में डुबोया जाएगा। बताया गया है कि इसमें 140 किलो तांबा और पांच से सात किलो सोना लगेगा। सजावट के लिए अन्य धातुओं का भी इस्तेमाल होगा। इस पुस्तक के लिए नारायण ने अपनी सभी संपत्तियों को बेचने  और बैंक खातो को खाली करने का निर्णय लिया है। मानस को रामलला के चरणों के पास ही रखा 
जाएगा।

माँ की मन्नत से मिला लक्ष्मीनारायण नाम 

एस. लक्ष्मीनारायण ने बताया कि गर्भवती होने के समय मां ने दिल्ली के बिरला मंदिर यानी लक्ष्मी नारायण मंदिर में प्रार्थना की थी कि बेटा हुआ तो लक्ष्मीनारायण नाम रखेंगी। उनकी प्रार्थना पूरी हुई तो मेरा नाम लक्ष्मी नारायण रख दिया गया। उनके घर में सभी को ईश्वर में अगाध आस्था है। अफसर का कहना है कि संयोग से पत्नी भी सरस्वती सरीखी ही मिलीं ।

ईश्वर ने जो दिया उसे वापस कर रहा हूँ- 

अफसर लक्ष्मी नारायण ने कहा ईश्वर ने जो मुझे जीवन पर्यंत बहुत कुछ दिया उसे ही उन्हें लौटा रहा हूँ। प्रमुख पदों पर रहा मेरा जीवन बहुत अच्छा चला। रिटायरमेंट के बाद भी खूब पैसा मिल रहा है। दाल रोटी खाने वाला इंसान हूँ। पेंशन भी खर्च नहीं होती। ईश्वर का दिया हुआ है उन्हे ही लौटा देना चाहता हूँ। दान के नाम पर धन की लूट खसोट से बेहतर है कि प्रभु के चरणों में उनकी पुस्तक अर्पित कर दूँ। 

(3) भिलाई का नन्हा विराट करोड़पति बनते बनते रह  गया

- एक करोड़ के सवाल के जवाब के बेहद करीब था उत्तर

भिलाईनगर। देश के टीवी पर आने वाले बहुत चर्चित गेम शो कौन बनेगा करोड़पति जिसे मशहूर अभिनेता अमिताभ बच्चन संचालित  करते हैं उसमें इस बार बच्चों ने भी हिस्सा लिया था। करोड़पति-15 इस बार जूनियर्स के लिए ही आयोजित था। भिलाई में रहने वाले गूगल ब्वाय के नाम से मशहूर तीसरी कक्षा में पढ़ने वाले छात्र विराट अय्यर 22 नवंबर को केबीसी के जूनियर स्पेशल एपिसोड में हाट सीट पर  थे और वे एक करोड़ रुपये जीतते 
जीतते रह गए। 8 साव के विराट ने लगभग सभी सवालों के जवाब देकर सभी को हैरान कर दिया था। यहां तक कि नन्हें विराट का सामान्य ज्ञान को देखकर महानायक भी उसके फैन हो गए। गलत जवाब के कारण विराट केवल 3.20 लाख रुपये ही घर ले कर आ सके। 
  विराट अपने घर में बैठे हुए ही 24 सितंबर को आनलाइन ऑडिशन दिया था। इसमें 20 प्रश्न पूछे गए थे। उनमें से 18 प्रश्नों सही जवाब विराट ने दिया था। भिलाई के शंकराचार्य विद्यालय में कक्षा तीन में पढ़ने वाले छात्र विराट बुधवार 22 नवंबर 2023 में प्रसारित होने वाले एपिसोड में जब एक  करोड़ रुपये कि लिए सवाल पूछा गया तो विराट का कहना था कि यह बहुत ही हार्ड क्वेश्चन है। इस पर अमिताभ बच्चन ने उनसे पूछा कि क्या आप क्विट करना चाहेंगे तो उस वक्त तक विराट के पास कोई लाइफ लाइन नहीं बची थी। एक क्षण को ऐसा लगा कि विराट इस स्टेज पर क्विट करने 50 लाख रुपये लेना चाहेंगे पर 8 साल के इस बच्चे ने जोखिम लिया , अमिताभ के सवाल पर विराट ने कहा नहीं सर इस पर मैं थोड़ा सोचूंगा। मुझे लग  रहा है कि इस सवाल का  जवाब ए या फिर बी है। काफी सोच विचार के बाद विराट ने ए  पर लाक करवा दिया जो कि सही जवाब नहीं था। 

(4) सिंघानिया और पत्नी के झगड़े में निवेशकों के 18 करोड़ डॉलर डूबे 

नई दिल्ली। सूट और फैब्रिक के सबसे बड़े उत्पादकों में से एत रेमंड सूट्स के शेयरों में नवंबर माह के 22 तारीख को लगातार सातवें दिन भी गिरावट रही। कंपनी के चेयरमैन गौतम सिंघानिया और उनकी पत्नी के बीच विवाद से कंपनी की पूंजी में 18 करोड़ डॉलर की कमी आई है। इस विवाद निवेशकों में अनिश्चितता है और इस चिंताbbbb में वे शेयरों की थोक में बिकवाली कर रहे हैं। रेमंड का शेयर 13 नवंबर के बाद से 12 फीसदी टूट चुका है। इसी दिन सिंघानिया ने पत्नी नवाज से अलग होने की घोषणा की थी। इसी बुधवार को कंपनी का शेयर 4.4 फीसदी टूट गया।  बताया गया कि जो 25 अक्टूबर के बाद किसी एक बिकवाली के दिन में सबसे बड़ी गिरावट है। अंत में शेयर की कीमत 3.77 फीसदी गिर कर 1,678 रुपये पर बंद  हुआ। नवाज ने अलग होने के लिए सिंघानिया की 1.4 अरब डॉलर की संपत्ति में 75 फीसदी का हिस्सा मांगा है। ब्रोकरेज हाउसों का कहना है कि उनकी पत्नी नवाज कंपनी के बोर्ड में सदस्य भी हैं इसलिये यह कार्पोरेट गवर्नेंस का मामला भी बन सकता है। 

(5) सार समाचार

कोलकाता। केन्द्र में गृह मंत्री अमित शाह ने पश्चिम बंगाल में सीएम और सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी को नागरिकता संशोधन विधेयक (सीएए) पर सीधी चुनौती दी है। शाह ने कहा ममता दीदी  सीएए देश का कानून है और हमें इसे लागू करने से कोई नहीं रोक सकता। बाहर से आए हिन्दू भाई बहनों का देश पर उतना ही अधिकार है जितना मेराा और आपका है। उन्हें उनके इस अधिकार से कोई वंचित नहीं कर सकता। धर्मतला में भाजपा की प्रतिवाद रैली में शाह ने आकड़ों के साथ बताया कि यूपीए की सरकार ने 2004 से 2014 तक कितने रुपये बंगाल को दिये और नरेन्द्र मोदी की सरकार ने उनसे कई गुना पैसा इन साढ़े 9 वर्षों में दिया है।