अब महाराष्ट्र-झारखंड में चुनावी सरगर्मियां तेज..
■ भाजपा ने दोनों राज्यों में लगाई सौगातों -वादों की झड़ी ■ विपक्षी खेमा भी सक्रिय हुआ ■ इन दोनों राज्यों में चुनाव नवंबर में होने की चर्चा
• पवार का फैसला सुनकर सब चौके,सांसद बेटी और पत्नी नहीं..
मुंबई, दिल्ली। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता शरद पवार ने 2 मई मंगलवार को पार्टी अध्यक्ष पद से इस्तीफे का एलान करके सभी को चौका दिया। यद्यपि पवार की सांसद सुप्रीया सुले व पत्नी प्रतिभा पवार की प्रतिक्रिया सामान्य थी। ऐसे जैसे उनको इन फैसले की पहले से आभास रहा हो। शरद पवार ने अपनी आत्मकथा –लोक मांझे संगाती के दूसरे संस्करण के विमोचन कार्यक्रम में कहा एक मई 1960 से 1 मई 2023 तक के लम्बे राजनीतिक कैरियर के बाद एक कदम पीछे हटना जरूरी है। इसलिए मैंने अब पार्टी के अध्यक्ष पद से हटने का फैसला किया है।
पवार ने कहा – राज्यसभा में मेरा तीन साल का कार्यकाल अभी बाकी है। मैं अब चुनाव नहीं लड़ूंगा। इस ऐलान के बाद समर्थक और पार्टी के तमाम नेताओं ने उन्हें अपने फैसले पर फिर से विचार करने का अनुरोध किया। हालांकि शरद पवार के भतीजे अजीत पवार ने कहा कि उन्होंने जो फैसला किया है उस पर वे अडिग हैं और वापस नहीं लेंगे। इसलिए आप से अनुरोध है कि उन पर इसके लिए दबाव नहीं डालें। मगर एक नाटकीय घटनाक्रम में कुछ देर बाद ही अजीत पवार और प्रफुल्ल पटेल ने उनके घर जाकर उन्हें मनाने की कोशिश की। इसके बाद अजीत ने कहा कि शरद पवार जी अपने फैसले पर पुनर्विचार करेंगे। इसके लिए उन्होंने दो तीन दिन का समय मांगा है। अजीत के अनुसार शरद पवार ने कहा कि पार्टी में जो बातें हो रहीं हैं वो रुकनी चाहिए।
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हम एक धर्म निरपेक्ष देश हैं । हमारे निर्देश सभी के लिए होंगे। चाहे वे किसी धर्म या व्यवसाय के हों। अगर सड़क के बीच में कोई धार्मिक संरचना है फिर वह गुरूद्वारा हो, दरगाह या फिर मंदिर, तो उसे हटाना ही पड़ेगा। यह जनता के आवागमन में बाधा नहीं डाल सकती। साथ ही अवैध निर्माण तोड़ने से पहले पर्याप्त समय देना चाहिए। महिलाओं और बच्चों को सड़क पर देखना अच्छा नहीं । - जस्टिस बी.आर. गवई
हम एक धर्म निरपेक्ष देश हैं । हमारे निर्देश सभी के लिए होंगे। चाहे वे किसी धर्म या व्यवसाय के हों। अगर सड़क के बीच में कोई धार्मिक संरचना है फिर वह गुरूद्वारा हो, दरगाह या फिर मंदिर, तो उसे हटाना ही पड़ेगा। यह जनता के आवागमन में बाधा नहीं डाल सकती। साथ ही अवैध निर्माण तोड़ने से पहले पर्याप्त समय देना चाहिए। महिलाओं और बच्चों को सड़क पर देखना अच्छा नहीं । - जस्टिस बी.आर. गवई
■ हमारे साझा सरोकार "निरंतर पहल" एक गम्भीर विमर्श की राष्ट्रीय मासिक पत्रिका है जो युवा चेतना और लोकजागरण के लिए प्रतिबद्ध है। शिक्षा, स्वास्थ्य, खेती और रोजगार इसके चार प्रमुख विषय हैं। इसके अलावा राजनीति, आर्थिकी, कला साहित्य और खेल - मनोरंजन इस पत्रिका अतिरिक्त आकर्षण हैं। पर्यावरण जैसा नाजुक और वैश्विक सरोकार इसकी प्रमुख प्रथमिकताओं में शामिल है। सुदीर्ध अनुभव वाले संपादकीय सहयोगियों के संपादन में पत्रिका बेहतर प्रतिसाद के साथ उत्तरोत्तर प्रगति के सोपान तय कर रही है। छह महीने की इस शिशु पत्रिका का अत्यंत सुरुचिपूर्ण वेब पोर्टल: "निरंतर पहल डॉट इन "सुधी पाठको को सौपते हुए अत्यंत खुशी हो रही है। संपादक समीर दीवान
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