• 28 Apr, 2025

सार समाचार

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  • पत्नी बेकार बैठ कर पत्नी से न मांगे गुजाराः हाईकोर्ट

बेंगलुरू। देश के एक हाईकोर्ट ने पिछले दिनों पति से तलाक के पत्नी को गुजारा भत्ता के हक पर एक फैसला सुनाते हुए महत्वपूर्ण टिप्पणी की है।  फैसले में कहा गया है कि पति से अलग होने के बाद पत्नी अपने पति पर पूरी तरह से भत्ते के लिए निर्भर नहीं रह सकती है। गुजारा भत्ते से जुड़े एक मामले में कर्नाटक हाईकोर्ट ने यह टिप्पणी की है। कोर्ट ने कहा कि अलग होने के बाद महिला को आजीविका के लिए काम करना चाहिए। कोर्ट ने यह भी कहा कि महिला पति से केवल मदद योग्य भत्ते की मांग कर सकती है।

कोर्ट में महिला की तरफ से अपील की गई थी जिसमें सत्र न्यायालय की तरफ से गुजारा भत्ता को कम किए जाने और मुआवजे की रकम को घटाने के आदेश को चुनौती दी गई थी। सत्र न्यायालय ने महिला को मिलने वाले गुजारा भत्ते की रकम 10 हजार से घटा कर 5000 रुपये और मुआवजा 3 लाथ से कम कर 2 लाख करने का आदेश जारी किया था। मामले की सुनवाई कर रहे जस्टिस राजेन्द्र बादामीकार ने पाया कि महिला शादी से पहले काम कर रही थी और इस बार उसकी तरफ से ऐसी कोई जानकारी नहीं दी गई कि वह अब काम क्यों नहीं कर सकती ?

  • गरीबी से तंग महिला ने बेच दी बच्ची खरीदने वाली दम्पत्ती गिरफ्तार 

भुवनेश्वर, मयूरभंज (ओडिशा) । दुसरी बेटी के जन्म से दुखी एक स्थानीय गरीब महिला ने अपनी दुधमुही बच्ची को 800 रुपये में एक दम्पत्ती को बेच दिया।  पुलिस ने तीन जुलाई बुधवार को यह जानकारी दी। महिला की पहचान मयूरभंज जिले के खुंटा की निवासी कारमी मुर्मू के रूप में की गई है। पुलिस ने पताया महिला कारमी मुर्मू का पति तमिलनाडु में दिहीड़ी मजदूरी करता है और उसे अपनी पत्नी के इस काम की जानकारी नहीं थी। इस बीच जानकारी होते ही पुलिस ने उक्त महिला और उससे उसकी बच्ची खरीदने वाले पति-पत्नी के साथ ही उसके बीच मध्यस्तता करने वाले व्यक्ति को भी गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस को जैसा उस युवती ने बताया उसके मुताबिक कारमी मुर्मू दूसरी बेटी के जन्म को लेकर कथित रूप से दुःखी थी और अपने सीमित संसाधनों में उस बच्ची के लालन पालन में अपने को समर्थ नहीं पा रही थी। उसी के हवाले से पुलिस ने कहा कि ऐसी हालत में कारमी को अपनी दूसरी बच्ची के पालन पोषण की चिंता थी सो उसे यही एक आसान रास्ता दिखा जिससे उसकी बेटी का पालन पोषण भी हो  जाएगा और उसे इस चिंता से मुक्ति मिलेगी। कारमी का पति जब तमिलनाडु के अपने काम से छुट्टी पर घर पहुंचा तो उसने छोटी बेटी के बारे में अपनी पत्नी से पूछा जिस पर कारमी ने अपने पति से कहा कि उसकी मौत हो गई। हालांकि बाद में उसके पड़ोसी ने मुसू मुर्मू को उसकी छोटी बेटी को बेच दिये जाने की जानकारी दी। इसके बाद उसने बच्ची को खोजने का प्रयास किया जब वह वहां नहीं मिली तब उसने खुंटा पुलिस थाने में इस बाबत शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस ने तत्काल इस मामले में कार्रवाई करते हुए मुसू मुर्मू की पत्नी, उक्त बच्ची को खरीदने वाली दम्पत्ती और बिचौलिये को गिरफ्तार कर लिया। 

  • बर्गर से गायब हुआ टमाटर, 150 रुपये किलो
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नई दिल्ली। सब्जियों की आसमान छूती कीमतों के बीच टमाटर की कीमत में आई अचानक उछाल ने फास्टफूड चैन को अपने बिक्री की रणनीति पर सोचने पर मजबूर कर दिया है। विदेशी फास्टफूड चैन ने टमाटर की आसमान छूती कीमतों के कारण देश के उत्तरी और पूर्वी क्षेत्रों में अपने अधिकांश रेस्त्रां के खाने के सामान में टमाटर का उपयोग करना बंद कर दिया है। कुछ जगहों पर टमाटर की कीमत 150 रुपये किलो भी अधिक हो गई है। 

हालांकि कंपनी ने कहा है कि अच्छी गुणवत्ता के टमाटर नहीं मिलने के कारण यह कदम उठाया गया है। हम अभी कुछ दिनों के लिए टमाटर का उपयोग हमारे डिश में नहीं कर रहे हैं।  इधर 6 जुलाई को दिल्ली में एक किलो टमाटर की कीमत 140 रुपये थी। मैकडॉनल्ड इंडिया (नार्थ एंड वेस्ट ) ने कहा कि वह फिलहाल टमाटर के उपयोग पर रोक लगाने के लिए विवश है।  यह भी कहा कि हम टिकाउ फसल प्रणाली को अपना कर इस मामले को हल करने की कोशिश कर रहे हैं। कंपनी के प्रवक्ता ने कहा कि कुछ क्षेत्रों में मौसमी फसल संबंधी समस्याओं के कारण हमारे गुणवत्ता निर्देशों के अनुरूप सब्जियां पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध नहीं हैं। 

  • रायपुर से बिलासपुर के बीच दौड़ेगी वंदे मेट्रो ट्रेन...

रायपुर। इस बात की बड़ी संभावना जताई गई है कि अगले साल बिलासपुर – रायपुर के बीच 8 कोच की वंदे मेट्रो ट्रेन चलाई जा सकती है। रेल मंत्रालय ने फरवरी 2024 से सौ किमी की दूरी पर वंदे मेट्रो ट्रेन चलाने का फैसला किया है। इस आधार पर रायपुर-बिलासपुर का दावा बनता है। यदि ऐसा हुआ तो दोनो शहरों के बीच पैसेंजर और लोकल ट्रेनों की जगह वंदे मेट्रो ट्रेन उनकी जगह ले लेगी। वंदे ट्रेनों के चलने से समय की बहुत बचत हो सकेगी। 

वंदे मेट्रो ट्रेन भारतीय रेल की चर्चित सेमी हाई स्पीड वंदे भारत एक्सप्रेस का छोटा संस्करण ही है। जिसे मौजूदा 3 हजार पैसेंजर ट्रेनों को हटाकर उनकी जगह चलाने की योजना है। पर यह एक साथ चलाना भी संभव नहीं होगा यदि रायपुर बिलासपुर के दावे के अनुरूप इन दोनों शहरों के बीच वंदे मेट्रो ट्रेन चलाई जाती है तो हो सकता है कि चरणबध्द मंजूरी मिलने से इसमें यहां के लिए कुछ समय भी लग जाए। वंदे ट्रेनों में पुश-पुल ट्रेन की तरह टॉयलेट की व्यवस्था नहीं होगी। वंदे मेट्रो ट्रेन के दरवाजे स्वचलित तरीके से खुलेंगे और बंद होंगे। इसमें वंदे भारत ट्रेन की तरह ही सभी सुविधाएं मौजूद होंगी। रेलवे अधिकारियों का कहना है कि यदि सभी पैमानों पर ये दोनों शहर ठीक उतरते हैं तो अगले साल के अंत तक बिलासपुर को वंदे ट्रेनों की सौगात मिल सकती है। पैसेंजर ट्रेनों की गति धीमी होती है और स्टेशन से छूटने के बाद गति पकड़ती है। अब यात्रियों को द्रुतगामी ट्रेनों की सौगात मिल सकती है। ऐईसीआर से वंदे ट्रेनों के लिए प्लान मांगा जाएगा इसके आधार पर रूट तय किया जाएगा। यह भी संभव है कि यदि इसे मंजूरी मिली तो इसे दुर्ग से बिलासपुर के बीच चलाया जाए।

  • एम्स भुवनेश्वर में मरीज के परिजनों के लिए धर्मशाला

भुवनेश्वर।  भुवनेश्वर स्थित एम्स मे रोगियो की देखभाल करने वाले उनके परिजनों को मामूली दर पर आवास सुविधा मुहैया कराने के लिए एक किफायती धर्मशाला शुरू किया है। गौरतलब है कि ओडिशा, पश्चिम बंगाल, झारखंड औऱ बिहार सहित पूर्वी भारत से हजारों लोग भुवनेश्वर में स्थित एमस में इलाज कराने आते हैं।  मरीजों के परिजनों को सुविधा हो इसलिए एमस परिसर में एक तीन मंजिला इमारत बनाई गई है। जहां तीमार दार एक तय समय के लिए रह सकते हैं।  इस परिसर में नाममात्र के शुल्क पर 480 बिस्तर और कमरे उपलब्ध हैं। बताया गया है कि एम्स भुवनेश्वर के ग्यारहवें स्थापना दिवस पर यह सुविधा लोगों के लिए शुरु कर दी गई है।  आशुतोष विश्वास ने कहा है कि अगर किसी भी मरीज या उसके तीमारदार  या उसकी देखभाल करने वाले को आवास की आवश्यकता है तो उसे धर्मशाला के रिसेप्शन या फिर चिकित्सा अधीक्षक कार्यालय से संपर्क करना होगा। 

  • 25 छोटी कंपनियों ने दिया 6 महीने में सौ फीसदी रिटर्न 

मुंबई। कोविड काल के बाद आई चौतरफा मंदी के बाद बाजार का रुख धीरे से बदल गया है। अब भारतीय शेयर बाजार नए रिकार्ड भी बना रहा है। एक बड़ा बदलाव यह देखने को मिल रहा है कि बड़ी कमाई तो छोटी कंपनियों में निवेश करने वाले कर रहे हैं।  23 जुलाई से पहले एक हफ्ते में 68 स्माल कैप कंपनियों ने 10 प्रतिशत से ज्यादा रिटर्न दिया है। 17 कंपनियों ने 20 प्रतिशत और 8 कंपनियों ने 25 फीसदी से ज्यादा रिटर्न दिया है। इसमें भी महत्वपूर्ण बात यह है कि सिर्फ 6 महीने में 100 फीसदी से ज्यादा बढ़त हासिल की है। 5000 रुपये से कम मार्केट कैप वाली कंपनियां स्माल कैप कंपनियों के तहत आती हैं। बाजार विशेषज्ञ प्रकाश दीवान कहते हैं  - हाल ही में बाजार की संभावना से संकेत हैं स्मॉल कैप कंपनियां अभी और उछाल भर सकते हैं। खास तौर पर इंफ्रा, कैपेक्स ,बीटू  मैनुफैक्चरिंग , मेटल, कमोडिटी एनर्जी और मीडिया सेंटर से जुड़ी कंपनियों की बेलेंस शीट काफी मजबूत दिख रही है। चूंकि ये कंपनियां एक जैसा कारोबार नहीं करतीं इसलिए इस बात के आसार हैं कि स्मॉल कैप कंपनियों में आगे भी तेजी बनी रह सकती है। 

  • देश में पहली बार बहुमंजिला कब्र, एक ब्लाक में चार शव रखे जाएंगे 
  • दस साल बाद दोबारा इस्तेमाल हो सकेगी 
     
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  • इंदौर। इंसानी जरूरतें उसे नित नए प्रयोग करने के लिए प्रेरित करती रहती है। ऐसे ही एक नवाचार की खबर इंदौर से आई है। स्थानीय इंदौर के क्रिश्चयन समाज ने देश में पहली बास बहुमंजिला कब्र या परतों में कब्र या परतों में कब्र (लेयर्ड कब्र) बनाई गई है। इंदौर के कंचनबाग स्थित क्रिश्चयन समाज के कब्रिस्तान में ऐसी 64 कब्रें बनाई गईं हैं तो 15 फीट गहरी, चार फीट चौड़ी है और साढ़े 6 फीट लम्बी है। इसमें कुल पांच लेयर हैं जिसमें सबसे नीचे जगह खाली छोड़ी गई है। इसके बाद एक के ऊपर एक चार शव दफनाये जा सकेंगे। इन ताबूतों के बीच के फासले को फर्श से भरा जाएगा। इतना ही नहीं दस –बारह साल बाद जब कब्रें भर जाएंगी तो ताबूत में रखे अवशेष को सबसे नीचे खाली छोड़ी जगह में भरा जाएगा।
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  • अंतिम बिदाई मिट्टी की जगह पुष्पों से होगी 
    बिशप टी जे चाको इंदौर डायोसिस से हैं ने बताया कि जगह की बढ़ती समस्या और समाज से सलाह लेने के बाद यह प्रयोग इंदौर में करना तय हुआ था। समाज के लोगों का कहना है कि पहले शवों को दफनाते वक्त उसमें मिट्टी डालते थे इससे एक तरह का भावनात्मक जुड़ाव ही होता है। इस नए तरीके से अब बिदाई फूलों से दी जा सकेगी। आधुनिक समय को देखते हुए इसमें कुछ भी अचरज नही है और न ही किसी तरह का विरोधाभास ही है।