अब महाराष्ट्र-झारखंड में चुनावी सरगर्मियां तेज..
■ भाजपा ने दोनों राज्यों में लगाई सौगातों -वादों की झड़ी ■ विपक्षी खेमा भी सक्रिय हुआ ■ इन दोनों राज्यों में चुनाव नवंबर में होने की चर्चा
● साल 2003-04 के आम बजट से डेढ़ गुना है पूरक बजट ● धान बोनस , प्रधानमंत्री आवास,महतारी वंदन के लिए राशि का प्रावधान- ● भूपेश सरकार के बेरोजगारी भत्ता योजना के लिए भी ढाई सौ करोड़
रायपुर। छत्तीसगढ़ की भाजपा की नई सरकार के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने विधानसभा में बुधवार 20 दिसंबर को इस अपनी सरकरा का पहला और वित्तीय वर्ष का दूसरा अनुपूरक बजट पेश किया। 12 हजार 992 करोड़ का यह अनुपूरक बजट राज्य के अब तक का सबसे बड़ा पूरक बजट है। बताया गया कि यह दो दशक पहले यानी 2003 -04 के आम बजट से रुपयों के लिहाज से लगभग डेढ़ गुने आकार का है।
कहा गया है कि इस बजट में नई सरकार की कई गारंटियों के लिए बजट का प्रावधान किया गया है। चुनाव से पहले पीएम मोदी की गारंटी के रूप में किए गए वादे को देखते हुए इस अनुपूरक बजट पर राज्य की आम जनता के अलावा कांग्रेस की भी नज़र थी। अस बजट से एक तरह से विष्णुदेव साय की सरकार ने अपनी शुरुआती प्राथमिकताएं भी तय कर दी। सीएस साय द्वारा पेश अनुपूरक बजट में दूसरे दिन गुरुवार 22 दिसंबर को चर्चा होना तय किया गया है। अब तक प्रदेश में जितने भी अनुपूरक बजट पेश हुए उनका आकार तीन से पांच-छह हजार करोड़ के आसपास ही रहा है लेकिन यह पहला अनुपूरक बजट है जिसका आकार 10 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा है।
इस पूरक बजट का आकार पिछले आम बजट के आकार से दस फीसदी से भी ज्यादा है। बीस साल पहले यानी 2003-04 का आम बजट 7327 करोड़ रुपये का था। इस लिहाज से देखें वर्तमान के अनुपूरक बजट का आकार उस समय के आम बजट से डेढ़ गुना से भी ज्यादा बड़ा है।
भाजपा ने किसानों को वर्ष 2016-17 और 2017-18 के बकाया धान बोनस का भुगतान 25 दिसंबर को करने का ऐलान किया है। याद दिलाते चलें भाजपा जब इससे पहले आखिरी बार सत्ता में थी तब उसने धान बोनस की बात अपने घोषणा पत्र में की थी पर तब केन्द्र से पैसे नहीं मिलने के कारण किसानों को भुगतान नहीं किया जा सका था। भाजपा की नई बनी सरकार ने अपने पुराने वादे को पूरा करने के लिए पूरक बजट में 38 सौ करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। बजट पारित होते ही 25 दिसंबर को किसानों के खातों में धान बोनस का भुगतान किया जा सकता है।
पूरक बजट में दूसरे नंबर पर सबसे बड़ा राशि प्रधानमंत्री आवास के लिए रखी गई है। ग्रामीण क्षेत्र के आवासहीनों को 18 लाख आवास देने की घोषणा की गई थी। नई भाजपा सरकार ने अपनी पहली ही कैबिनेट की बैठक में इस योजना पर मुहर लगाई थी। इस योजना को पूरा करने के लिए राज्यांश के रूप में 37 और 99 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
भाजपा ने अपने घोषणा पत्र में तीसरी महत्वपूर्ण योजना विवाहित महिलाओं को सालाना 12 हजार रुपये देने की घोषणा की थी। इस योजना का नाम महतारी वंदन योजना दिया गया है। प्रारंभिक तौर पर इस योजना के लिए 12 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।राज्य में कितनी विवाहित महिलाओं को इस योजना का लाभ मिलेगा और इसके लिए क्या मानदंड होगा इसका जल्द ही निर्धारण किया जा सकता है। |
इससे पहले राज्य में कांग्रेस की भूपेश बघेल की सरकार ने राज्य के एक लाख से अधिक युवाओं को ढाई हजार रुपये बेगोजगारी भत्ता देने की योजना शुरु की थी। भाजपा की विष्णुदेव साय सरकार ने फिलहाल उक्त योजना को जारी रखने का फैसला किया है। पूरक बजट में इस योजना के लिए ढाई सौ करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
किसानों के लिए एक अन्य महत्वपूर्ण योजना के तहत 5 हार्स पावर तक के कृषि पंपों को निशुल्क बिजली प्रदान करने के लिए योजना को अनुदान देने हेतु 1123 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। पावर कंपनी ऋण का टेकओवर करने के लिए 93 करोड़ रुपये और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं महिला सहायिकाओं को मानदेय के लिए भी 40 करोड़ से ज्यादा का बजट प्रावधान किया |
■ भाजपा ने दोनों राज्यों में लगाई सौगातों -वादों की झड़ी ■ विपक्षी खेमा भी सक्रिय हुआ ■ इन दोनों राज्यों में चुनाव नवंबर में होने की चर्चा
हम एक धर्म निरपेक्ष देश हैं । हमारे निर्देश सभी के लिए होंगे। चाहे वे किसी धर्म या व्यवसाय के हों। अगर सड़क के बीच में कोई धार्मिक संरचना है फिर वह गुरूद्वारा हो, दरगाह या फिर मंदिर, तो उसे हटाना ही पड़ेगा। यह जनता के आवागमन में बाधा नहीं डाल सकती। साथ ही अवैध निर्माण तोड़ने से पहले पर्याप्त समय देना चाहिए। महिलाओं और बच्चों को सड़क पर देखना अच्छा नहीं । - जस्टिस बी.आर. गवई
हम एक धर्म निरपेक्ष देश हैं । हमारे निर्देश सभी के लिए होंगे। चाहे वे किसी धर्म या व्यवसाय के हों। अगर सड़क के बीच में कोई धार्मिक संरचना है फिर वह गुरूद्वारा हो, दरगाह या फिर मंदिर, तो उसे हटाना ही पड़ेगा। यह जनता के आवागमन में बाधा नहीं डाल सकती। साथ ही अवैध निर्माण तोड़ने से पहले पर्याप्त समय देना चाहिए। महिलाओं और बच्चों को सड़क पर देखना अच्छा नहीं । - जस्टिस बी.आर. गवई
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