अब महाराष्ट्र-झारखंड में चुनावी सरगर्मियां तेज..
■ भाजपा ने दोनों राज्यों में लगाई सौगातों -वादों की झड़ी ■ विपक्षी खेमा भी सक्रिय हुआ ■ इन दोनों राज्यों में चुनाव नवंबर में होने की चर्चा
विस सत्र से पहले सीएम भूपेश बघेल का राजभवन से टकराव अध्ययन के नाम पर रोक दी गई है मंडी बिल
रायपुर. छत्तीसगढ़ में विधानसभा का शीत सत्र दिसंबर के आखिर में शुरू होना है इससे पहले राजभवन में लंबित विधेयकों को लेकर राजनीति सरगर्म हो गई है। इस बार सीएम भूपेश बघेल ने ही सवाल खड़े कर दिए हैं।
तीन जिलों के दौरे पर जाने से पहले 8 नवंबर को सीएम बघेल ने हैलीपैड पर पत्रकारों से चर्चा करते बताया कि कृषि संशोधन विधेयक को लेकर हमने विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर बिल पास किया था जो राज्यपाल के पास रुका हुआ है। हम कई बार राज्यपाल से मिल चुके हैं कि बिल का अनुमोदन कर राज्य सरकार को वापस दिया जाए, लेकिन बिल के अध्ययन के नाम पर अब तक रोके रखा गया है। यह सामंजस्य की बात नहीं है, अनेक बार ऐसे बिल आते हैं जिन्हें राजभवन में अध्ययन के नाम पर रोके रखा जाता है, असहमत हैं तो वापस किया जाता है, सहमति है तो अनुमोदन करके भेज दिया जाता है। इसमें असहमति वाली बात नहीं है, लेकिन मंडी विधेयक और पत्रकारिता विवि के बिल भी रुके हुए हैं।
सीएम राज्यपाल पद की गरिमा का अपमान कर रहे हैः कौशिक
इस बात पर विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि सीएम बघेल ने ऐसा कह कर न केवल संवैधानिक मर्यादा बल्कि राज्यपाल पद की गरिमा का अपमान किया है। उन्होंने कहा कि राज्यपाल को किसी भी विधेयक पर गंभीर विचार मंथन और व्यापक विमर्श करने का संवैधानिक अधिकार है, इसलिए इस तरह का राजनीतिक आरोप लगाना सीएम बघेल को शोभा नहीं देता । उन्होंने कहा जिस कृषि बिल को रोककर रखे जाने का आरोप लगाया गया है वह मुख्यमंत्री के सत्तावादी अहंकार से प्रेरित अमर्यादित राजनीतिक आचरण है। और रहा सवाल पत्रकारिता विवि संशोधन विधेयक को तो सरकार ने इसे कुलपति चयन के राज्यपाल के अधिकार को छीनने की नीयत से पारित किया गया था। दरअसल काँग्रेस के राजनीतिक डीएनए में लोकतांत्रिक, संवैधानिक और न्यायिक संस्थाओं तथा पद की गरिमा का सम्मान करने का संस्कार हीवा नहीं है।
विधानसभा शीत सत्र 20 दिसंबर के बाद
अब मौजूदा हालात में विधानसभा की शीत सत्र को लेकर हलचल बढ़ गई है। पावस सत्र के अंतिम दिन स्पीकर डॉ. चरणदास महंत ने कहा था कि विधानसभा का शीत कालीन सत्र दिसंबर के तीसरे सप्ताह में आहूत किया जाएगा। एक जानकारी के मुताबिक सरकार क्रिसमस के पहले सत्र पूरा कर लेना चाहती है। संकेत है कि 20 दिसंबर से सत्र बुलाया जा सकता है जो पाँच दिन का होगा। लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने शिमला में स्पीकर्स कांफ्रेंस बुलाया है जो 15 से 18 नवंबर तक आयोजित है। स्पीकर डॉ. महंत अभी शिमला में हैं।
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हम एक धर्म निरपेक्ष देश हैं । हमारे निर्देश सभी के लिए होंगे। चाहे वे किसी धर्म या व्यवसाय के हों। अगर सड़क के बीच में कोई धार्मिक संरचना है फिर वह गुरूद्वारा हो, दरगाह या फिर मंदिर, तो उसे हटाना ही पड़ेगा। यह जनता के आवागमन में बाधा नहीं डाल सकती। साथ ही अवैध निर्माण तोड़ने से पहले पर्याप्त समय देना चाहिए। महिलाओं और बच्चों को सड़क पर देखना अच्छा नहीं । - जस्टिस बी.आर. गवई
हम एक धर्म निरपेक्ष देश हैं । हमारे निर्देश सभी के लिए होंगे। चाहे वे किसी धर्म या व्यवसाय के हों। अगर सड़क के बीच में कोई धार्मिक संरचना है फिर वह गुरूद्वारा हो, दरगाह या फिर मंदिर, तो उसे हटाना ही पड़ेगा। यह जनता के आवागमन में बाधा नहीं डाल सकती। साथ ही अवैध निर्माण तोड़ने से पहले पर्याप्त समय देना चाहिए। महिलाओं और बच्चों को सड़क पर देखना अच्छा नहीं । - जस्टिस बी.आर. गवई
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