एसआई और एएसआई के 600 से ज्यादा पदों पर होगी भर्ती
● पुलिस भर्ती के लिए वैकेंसी इसी महीने ● इस बार व्यापमं से मंगाए जाएंगे आवेदन
• फर्जी जाति प्रमाणपत्र के आधार पर नौकरी कर रहे 267 लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग, जेल गए | • पुलिस ही नहीं बल्कि विधानसभा की ओर जाने वाली मुख्य सड़क से गुजर रहे लोग भी हक्के-बक्के रह गए |
रायपुर। अपनी मांगों के लिए आवाज उठाकर थक गए कुछ युवकों ने 18 जुलाई को विधानसभा के पास प्रदर्शन का अजीब तरीका अख्तियार किया और सड़क पर नग्न प्रदर्शन करने उतर आए। ये तमाम युवक कथित रूप से फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर प्रदेश सरकार की नौकरी कर रहे 267 लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर इस बात के विरोध के लिए गठित संघर्ष समिति के नेतृत्व में यह प्रदर्शन आयोजित किया था।
कहा जा रहा है कि कथित रूप से वर्ग विशेष के हितों के साथ हो रहे अन्याय के विरोध में आवाज उठा रहे संगठन जब अपनी आवाज की अनसुनी से आजीज आ गए तब उन्होंने थक हार कर यह कदम उठाया। मंगलवार 18 जुलाई को इन युवकों को सड़कों पर इस हालत में देखकर पुलिस ही नहीं बल्कि विधानसभा की ओर जाने वाली मुख्य सड़क से गुजर रहे लोग भी हक्के-बक्के रह गए। हालत और ही विचित्र हो गई जब पुलिस ने उन्हें रोकने का प्रयास किया तो ये युवक इसी हालत में मुख्य मार्ग पर मंत्रियों-विधायकों की कारों के सामने ही दौड़ने लगे। जैसे तैसे पुलिस ने इन्हें पकड़ कर वाहनों में बिठाया और मंदिर हसौद ले गई। मामले में 29 प्रदर्शनकारियों के खिलाफ आईटी एक्ट 67, 68 धारा 146,147, 294 और धारा 332, 353 के तहत अपराध पंजीबध्द किया गया है। सभी गिरफ्तार प्रदर्शनकारियों को जेल भेज दिया गया है।
उल्लेखनीय है कि इन प्रदर्शन कारियों ने यह प्रदर्शन अचानक ही नहीं किया बल्कि 18 जुलाई से ही छत्तीसगढ़ विधानसभा का चार दिवसीय मानसून सत्र शुरू हुआ है और इससे पूर्व ही अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग फर्जी प्रमाण पत्र मामला संघर्ष समिति इसी मुद्दे पर विधानसभा घेराव करने की अपनी पूर्व चेतावनी और पूर्व सूचना के तहत सड़क पर लगभग साढ़े 10 बजे नारेबाजी करते हुए नग्न प्रदर्शन करने उतर गए। पुलिस और प्रशासन ने इनकी पूर्व चेतावनी को शायद गंभीरता से नहीं लिया।
इस तरह प्रदर्शन की नौबत क्यों आई... | अब तक केवल 40 ही बर्खास्त |
कहा जा रहा है कि राज्य सरकार में कथित रूप से 269 अधिकारी –कर्मचारी फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर बीते कई साल से कार्यरत हैं। जब इसकी शिकायत मिली थी तब राज्य सरकार ने एक छानबीन समिति बनाई और उक्त प्रकरणों की जांच की। इसमें सन 2000 स 2020 तक 758 शासकीय कर्मियों और अधिकारियों के इस तरह से नौकरी करने की शिकायत मिली थी। इसमें 659 मामलों की जांच में ही दो दशक लग गए। इसके बाद भी 369 अधिकारियों-कर्मचारियों के जाति प्रमाण पत्र गलत पाए गए। | इस बारे में पूछताछ करने पर पता चला कि 269 प्रकरणों पर इस मामले में कार्रवाई की गई है। इनमें से केवल 40 लोगों को बर्खास्त किया गया है। वहीं 16 लोगों की मृत्यु हो चुकी है या वे रिटायर हो चुके हैं। 90 लोगों ने अपने बचाव में अदालत से स्थगन ले रखा है जबकि 17 लोगों के पक्ष में अदालत का फैसला आया है। चार लोगों के खिलाफ छानबीन की जा रही है जबकि 102 लोगों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई विचाराधीन है। हालांकि सीएम भूपेश बघेल ने हाल में फर्जी जाति प्रमाणपत्र धारी सरकारी सेवकों को जांच में सही पाये जाने पर बर्खास्त करने के निर्देश दिये थे। |
रात तक चलती गतिविधियां....
|
● पुलिस भर्ती के लिए वैकेंसी इसी महीने ● इस बार व्यापमं से मंगाए जाएंगे आवेदन
■ हरून इंडिया रिच लिस्ट – 1539 अमीरों में 205 की संपत्ति घटी, 45 सूची से बाहर हुए
■ असंतुलन- नीति आयोग के वर्किंग पेपर से चौकाने वाला खुलासा ■ वेतनभोगी कर्मियों की मांग घट गई, औपचारिक रोजगार दोगुना
■ हमारे साझा सरोकार "निरंतर पहल" एक गम्भीर विमर्श की राष्ट्रीय मासिक पत्रिका है जो युवा चेतना और लोकजागरण के लिए प्रतिबद्ध है। शिक्षा, स्वास्थ्य, खेती और रोजगार इसके चार प्रमुख विषय हैं। इसके अलावा राजनीति, आर्थिकी, कला साहित्य और खेल - मनोरंजन इस पत्रिका अतिरिक्त आकर्षण हैं। पर्यावरण जैसा नाजुक और वैश्विक सरोकार इसकी प्रमुख प्रथमिकताओं में शामिल है। सुदीर्ध अनुभव वाले संपादकीय सहयोगियों के संपादन में पत्रिका बेहतर प्रतिसाद के साथ उत्तरोत्तर प्रगति के सोपान तय कर रही है। छह महीने की इस शिशु पत्रिका का अत्यंत सुरुचिपूर्ण वेब पोर्टल: "निरंतर पहल डॉट इन "सुधी पाठको को सौपते हुए अत्यंत खुशी हो रही है। संपादक समीर दीवान
Address
Raipur
Phone
+(91) 9893260359