सुप्रीम कोर्टने कहा- बिना सहमति संबंधों को माना दुष्कर्म तो नष्ट होगी विवाह संस्था
■ केन्द्र मैरिटल रेप को अपराध बनाने के खिलाफ
नई दिल्ली। अब बच्चे के जन्म के रजिस्ट्रेशन में माता और पिता के धर्म का ब्योरा अलग अलग दर्ज होना जरूरी होगा। अब तक बच्चे के जन्म के समय परिवार के धर्म का विवरण दर्ज होता था। गृह मंत्रालय ने इस बारे में माडल रूल्स का ड्राफ्ट बनाया है। यह ड्राफ्ट राज्यों को भी भेजा जाएगा।
फॉर्म नम्बर-1 में बच्चे के परिवार के धर्म के साथ एक कॉलम और जोड़ा गया है जिसमें माता-पिता के धर्म का उल्लेख होगा। गोद लेने की प्रक्रिया में भी फॉर्म नम्बर -1 जरूरी होगा। पिछले साल पारित जन्म मृत्यु (संशोधन) कानून के अनुसार राष्ट्रीय स्तर पर जन्म और मृत्यु का पंजीयन होगा। एक अक्टूबर 2023 को प्रभावी हुए कानून के अनुसार जन्म और मृत्यु का डिजिटल रजिस्ट्रेशन होगा। बच्चे के माता-पिता के धर्म के बारे में जानकारी सांख्यिकी विभाग के साथ साझा रहेगी।
जन्म रजिस्ट्रेशन के नए फॉर्म नंबर -1 से मिले डेटाबेस के आधार पर एनपीआर, आधार कार्ड, वोटर लिस्ट, राशन कार्ड, पासपोर्ट और ड्राइविंग लाइसेंस जैसे दस्तावेज को भी अधतन ( अपडेट ) किया जा सकेगा। जन्म का यह डिजिटल सर्टिफिकेट सिंगल डाक्यूमेंट ( एकल दस्तावेज) के रूप में मान्य होगा। ये किसी भी शिक्षण संस्थान में दाखिले के लिए मान्य दस्तावेज होगा।
गृह मंत्रालय के रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया ने मृत्यु प्रमाण पत्र में अब मृत्यु के तात्कालिक कारणों के साथ साथ पुरानी बीमारी के जिक्र को भी जरूरी किया गया है। आरजीआई देशभर में जन्म और मृत्यु के डाटा का संधारण राष्ट्रीय स्तर पर करेगा। आरजीआई को राज्यों के चीफ रजिस्ट्रार से लेकर पंचायत स्तर के अधिकारियों के साथ समन्वय के अधिकार भी सौंपे गए हैं।
दूसरा बदलाव पुस्तकों में --
नई दिल्ली । राष्ट्रीय शैक्षणिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) की किताबों में ताजा संशोधन के तहत अयोध्या में बाबरी मस्जिद, गुजरात दंगों में मुस्लिमों की हत्या, हिन्दुत्व और मणिपुर के भारत में विलय से जुड़े संदर्भ हटा दिये गए हैं। ये बदलाव 11 वीं और 12 वीं कक्षा के राजनीति शास्त्र की पुस्तकों में किये गए हैं।
अधिकारियों ने बताया कि ये बदलाव रूटीन अपडेट का हिस्सा हैं। नये पाठ्यक्रम की रूपरेखा के तहत नई किताबों के विकास से इसका कोई संबंध नहीं है। एनसीईआरटी की पाठ्यक्रम मसौदा समिति द्वारा तैयार किये गए परिवर्तनों का विवरण देने वाले एक दस्तावेज के अनुसार राम जन्मभूमि आंदोलन के संदर्भों को - 'राजनीति में नवीनतम विकास के साथ' बदल दिया गया है। वहीं 11 वीं की किताब में धर्मनिरपेक्षता पर अध्याय 8 में गोधरा दंगों के संदर्भ को बदला गया है। इसमें पहले था- 'गुजरात में 2002 में गोधरा दंगों के बाद एक हजार से ज्यादा मुस्लिम मारे गए थे।'- इसे बदलकर '2002 में गुजरात में गोधरा के बाद हुए दंगों में 1000 से अधिक लोग मारे गए थे'- कर दिया गया है।
एनसीईआरटी का तर्क है किसी भी दंगे में सभी समुदाय के लोगों को नुकसान होता है, किसी एक का नहीं ।
■ केन्द्र मैरिटल रेप को अपराध बनाने के खिलाफ
■ तमिलनाडु के पूर्व मंत्री सेंथिल बालाजी को जमानत, शीर्ष कोर्ट ने कहा केस पूरा होने में अत्यधिक देरी और जमानत देने की उच्च सीमा एक साथ नहीं चल सकती
● एक राष्ट्र एक छात्र- अपार आई डी योजना का जल्द क्रियान्वयन होगा ● आई डी आजीवन रहेगी और डीजी लॉकर के जरिए आसानी से उपलब्ध होगी ● कक्षा पहली से 12 वीं तक हर विद्यार्थी की बनेगी अपार आई डी ● सबसे पहले 9 वीं से 12 वीं के विद्यार्थियों का बनेगा ● बच्चों की शारीरिक प्रगति और उपलब्धियों की जानकारी रहेगी इसमेंं ● स्कूल शिक्षा विभाग ने जारी किए दिशा निर्देश
■ हमारे साझा सरोकार "निरंतर पहल" एक गम्भीर विमर्श की राष्ट्रीय मासिक पत्रिका है जो युवा चेतना और लोकजागरण के लिए प्रतिबद्ध है। शिक्षा, स्वास्थ्य, खेती और रोजगार इसके चार प्रमुख विषय हैं। इसके अलावा राजनीति, आर्थिकी, कला साहित्य और खेल - मनोरंजन इस पत्रिका अतिरिक्त आकर्षण हैं। पर्यावरण जैसा नाजुक और वैश्विक सरोकार इसकी प्रमुख प्रथमिकताओं में शामिल है। सुदीर्ध अनुभव वाले संपादकीय सहयोगियों के संपादन में पत्रिका बेहतर प्रतिसाद के साथ उत्तरोत्तर प्रगति के सोपान तय कर रही है। छह महीने की इस शिशु पत्रिका का अत्यंत सुरुचिपूर्ण वेब पोर्टल: "निरंतर पहल डॉट इन "सुधी पाठको को सौपते हुए अत्यंत खुशी हो रही है। संपादक समीर दीवान
Address
Raipur
Phone
+(91) 9893260359