किसानों की आय बढ़ाने व खाद्य सुरक्षा के लिए एक लाख करोड़, रेल कर्मियों को बोनस
■ केन्द्रीय कैबिनेट के महत्वपूर्ण फैसले
खाद बीज के 10 नमूने अमानक बिक्री पर लगी रोक
रायपुर . छत्तीसगढ़ सरकार ने खेती को प्रोत्साहित करने के लिए अनेक कदम उठाए हैं उन्हीं में से एक यह है कि किसानों को रबी फसलों की खेती करने के लिए 600 करोड़ के ऋण दिए जाएंगे। किसानों को यह ऋण सहकारी समितियों द्वारा बिना ब्याज के दिया जाएगा। इस योजना के तक किसानों को अब तक 54 करोड़ 15 लाख रुपयों का ऋण वितरित किया जा चुका है।
इसके अलावा रबी फसलों को प्रोत्साहित करने के अन्य उपाय भी किये गए हैं। रबी फसल की खेती में उपयोग में आने वाली चीजों की गुणवत्ता की शिकायत पर इनके लिए बिकती हुई खाद,बीज और पौधों को बचाने वली दवाइयों की जांच शुरु कर दी गई है। इधर कृषि विभाग ने अपने जिलों के अफसरों उनके इलाकों में लगातार निगरानी करने तथा गुणपत्ता की जांच के लिए सैंपल लेने के निर्देश दिए गए हैं। जांच में खाद के 8 तथा बीज के दो नमूने अमानक पाए गए गए हैं। गुणवत्ताहीन खाद-बीज मिलने के बाद संबंधित फर्म को नोटिस जारी कर खाद बीज के उस लॉट की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इतना ही नहीं साथ ही संबंधित फर्म को नोटिस जारी कर कृषि विभाग ने जवाब तलब किया है।
132 सैम्पल्स की जांच 83 की रिपोर्ट नहीं आई
रबी सीजन की खेती में इस्तेमाल होने वाले बीजों की बिक्री से पहले 132 नमूने जांच के लिए भेजे गए थे जिनमें से 49 की हुई जांच में 2 अमानक पाए गए, जबकि 83 सैम्पल्स की जांच रिपोर्ट अभी नहीं आई है। इसी तर्ज पर उर्वरक के 158 नमूनों में 128 की ही जांच हुई और 29 की जांच की जा रही है। इनमें से 120 मानक स्तर के तथा 8 अमानक पाये गए हैं।
उत्पादन का लक्ष्य
बीज उत्पादन के लिए 18 हजार 917 हैक्टेयर का लक्ष्य निर्धारित किया गया है जो पिछले सीजन में लिए गए 13 हजार 560 हैक्टेयर में लिए गए उत्पादन से 5410 हैक्टेयर अधिक है। राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम द्वारा स्वयं के प्रक्षेत्र में 200 हैक्टेयर और कृषकों के खेत में 12,550 हैक्टेयर। इस प्रकार कुल 12,70 हैक्टेयर में बीज उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है।
■ केन्द्रीय कैबिनेट के महत्वपूर्ण फैसले
● खाद्य तेल 13 दिन में 30 रुपये, प्याज 4 माह में 35 रुपये और आटा 6 महीने में 7 रुपये महंगे हो गए ● सरकार ने किसानों को राहत तो दी पर मुनाफाखोरों ने बाजार में दाम ज्यादा बढ़ाए इन्हे नहीं रोका..
■ हरेली छत्तीसगढ़ी लोक का सबसे लोकप्रिय और सबसे पहला त्यौहार है। ■ पर्यावरण को समर्पित यह त्यौहार छत्तीसगढ़ी लोगों का प्रकृति के प्रति प्रेम और समर्पण दर्शाता है।
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