• 28 Apr, 2025

ईडी सबूतों के आधार पर गिरफ्तारी करे, मनमानी से नहीं -सुप्रीम कोर्ट

ईडी सबूतों के आधार पर गिरफ्तारी करे, मनमानी से नहीं -सुप्रीम कोर्ट

● सीबीआई केस में अभी बेल नहीं , 17 को सुनवाई होनी थी

नई दिल्ली। सुप्रीम को र्ट ने कथित शराब नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉड्रिंग केस में शुक्रवार 12 जुलाई को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल को अंतरिम जमानत दी।  जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच ने अपने फैसले में ईडी (प्रत्यर्पण निदेशालय) की कार्यप्रणाली पर सख्त टिप्पणियां की हैं। बेंच ने कहा कि ईडी को सबूतों के आधार पर गिरफ्तारियां करनी चाहिए, मनमानी से नहीं। ईडी उन सबूतों को नज़रअंदाज नहीं कर सकती जो आरोपी के पक्ष में जाती हैं।

   बेंच ने कहा कि मनी लॉड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) की धारा 19 के तहत गिरफ्तारी का आधार महज जांच नहीं हो सकता है। ईडी मनी लॉड्रिंग के मामलों में गिरफ्तारी के लिए एक समान नीति बनाए। पीएमएलए एक्ट में गिरफ्तारी की अनिवार्यता अथवा उसकी जरूरत की व्याख्या के लिए इस मामले को तीन जजों की बेंच को रिफर किया जा रहा है।  बताते चलें कि दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल अभी जेल में ही रहेंगे क्योंकि उन्हें अभी शराब नीति घोटाले में भ्रष्टाचार के सीबीआई केस में अभी बेल नहीं मिली है। 
 
   इस बीच शुक्रवार को दिल्ली की एक कोर्ट ने भ्रष्टाचार के एक केस में केजरीवाल की न्यायिक कस्टडी 25 जुलाई तक बढ़ा दी है। केजरीवाल की ओर से अरेस्ट के खिलाफ चुनौती पर दिल्ली हाई कोर्ट में 17 जुलाई को सुनवाई होगी। 
 

  • सीएम रहें या नहीं केजरीवाल खुद ही इसका फैसला करें- सुप्रीम कोर्ट

जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा कि केजरीवाल 90 दिनों से जेल में बंद हैं , जीने के अधिकार के तहत उन्हें अंतरिम जमानत का फैसला लिया गया है। केजरीवाल को दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से हटना चाहिए या नहीं इस बारे में खुद ही फैसला करें। कोर्ट ने कहा कि केजरीवाल एक िर्वाचिच नेता हैं कोर्ट किसी निर्वाचित मुख्यमंत्री अथवा मुख्यमंत्री को पद छोड़ने का आदेश नहीं दे सकती है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि मामले को बड़ी  बैंच को रिफर किया गया है। यदि तीन जजों की बड़ी बेंच यदि उचित समझे तो इस सवाल को देख सकती है।

  • नियमित बेल पर हाई कोर्ट फैसला करेगा-

सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया  है कि केजरीवाल की पेंडिंग नियमित जमानत पर संबंधित कोर्ट इस फैसले से प्रभावित हुए बिना उपलब्ध सबूतों के आधार पर फैसला करे। बताते चलें कि शीर्षकोर्ट की यह टिप्पणी इसलिए महत्वपू्र्ण है क्योंकि केजरावाल की नियमित जमानत की अर्जी पर दिल्ली हाई कोर्ट में मामला अभी लंबित है।

  • अदालत की शर्तें- सीएम दफ्तर नहीं जाएंगे

सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल की अंतरिम जमानत मंजूर करते हुए कुछ शर्तें भी लगाई हैं| इनमें शामिल है-

  • केजरीवाल सीएम दफ्तर और दिल्ली सचिवालय नहीं जाएंगे।
  • केस के बारे में अपनी भूमिका पर बयान नहीं देंगे। 
  • जरूरी होने पर ही किसी सरकारी फाइल पर हस्ताक्षर करेंगे, लेकिन इसके लिए लेफ्टिनेंट गवर्नर की मंजूरी जरूरी होगी।
  • किसी भी गवाह से बात नहीं करेंगे और न ही केस से जुड़ी कोई फाइल देखेंगे। 

सीबीआई का दावा- सीबीआई को पैसे के ट्रेल के सबूत

सीबीआई ने कोर्ट को बताया था कि उसके पास केजरीवाल के खिलाफ सबूत हैं। लेफ्टिनेंट गवर्नर ने इसमें 7 सवाल उठाए थे। इसमें दिल्ली सरकार ने छेड़छाड़ की। सीबीआई ने कहा कि सारा पैसा नगद दिया गया है, 44  करोड़ के ट्रेल के बारे में पता चला है।

केजरीवाल की गिरफ्तरी, जमानत का सिलसिला

  • 21 मार्च- शराब नीति घोटाले में ईडी ने मनी लांड्रिंग मामले में अरेस्ट किया।
  • 15 अप्रैल- सुप्रीम कोर्ट ने ईडी से गिरफ्तारी पर जवाब तलब किया।
  • 10 मई - प्रचार के लिए सुप्रीम कोर्ट ने 21 दिनों की जमानत दी।
  • 20 जून- दिल्ली की ट्रायल कोर्ट ने नियमित जमानत को मंजूरी दी। 
  • 21 जून- ईडी ने दिल्ली हाईकोर्ट में अर्जी लगाई,जमानत पर रोक। 
  • 25 जून- हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के जमानत के आदेश पर स्टे लगाया। 
  • 26 जून- सीबीआई ने कथित शराब नीति घोटाले में भ्रष्टाचार के केस में गिरफ्तार किया।