किसानों की आय बढ़ाने व खाद्य सुरक्षा के लिए एक लाख करोड़, रेल कर्मियों को बोनस
■ केन्द्रीय कैबिनेट के महत्वपूर्ण फैसले
50 हजार टन धान पड़ोसी राज्यों से आने की आशंका 07 जिलों में की जा रही नाकेबंदी 25 सौ से अधिक मामले अवैध परिवहन के सिर्फ 2 साल में
रायपुर. छत्तीसगढ़ में समर्थन मूल्य में धान खरीदी एक दिसंबर से शुरू करने की घोषणा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पिछले दिनों की थी। इस घोषणा का जितना इंतजार प्रदेश के किसान करते हैं उससे ज्यादा इसकी प्रतीक्षा पड़ोसी राज्यों से धान तस्करों को होती है। वे अपने यहां का धान यहां के किसानों के मार्फत छत्तीसगढ़ में खपा कर मुनाफा कमाने की फिराक में रहते हैं। एक साल पहले इसी तरह यहां आए 31 हजार टन घान के खेप पकड़े गए थे। इस बार भी खरीदी की घोषणा के बाद पड़ोसी राज्यों से 30 से 50 हजार टन धान इसी तरह आने की आशंका जताई गई है। इसे रोकने के लिए सरकार ने प्रदेश के सभी सीमावर्ती जिलों में धान खरीदी केन्द्रों की विशेष निगरनी की व्यवस्थआ की है।
इसके लिए धमतरी, गरियाबंद, महासमुंद, सुकमा, राजनांदगांव, कवर्धा और जशपुर की सीमाओं पर नाकों के साथ कैमरे भी लगाए गए हैं। प्रदेश में धान की बढ़ती तस्करी और यहां के किसानों को लाभ से वंचित करने की साजिश को रोकने पहली बार ऐसी मानिटरिंग की जा रही है।
इधर धान बेचने नबंबर की शुरवात में ही 22 लाख 66 हजार ग्रामीणों ने पंजीयन करवा लिए थे। जो पिछले साल की तुलना में एक लाख ज्यादा है। सरकार ने इस सीजन में एक करोड़ पाँच लाख टन से अधिक धान खरीदने की तैयारी कर ली है। बताया जा रहा है कि राजीव गाँधी किसान न्याय योजना के कारण पिछले साल की तुलना में इस साल लगभग सवा लाख से ज्यादा किसान अपना धान बेचेंगे।
ढाई हजार से अधिक मामले अवैध परिवहन के
पड़ोसी राज्यों से धान के अवैध परिवहन के दो साल में 2438 मामले सामने आये थे। उस दौरान 31 हजार टन धान अवैध तरीके से परिवहन करते पकड़ा गया था। इस तरह से परिवहन में लगे 280 वाहन जब्त भी किये गए थे। पड़ोसी राज्यों से छत्तीसगढ़ में अपना धान खपाने की हर साल ऐसी ही स्थिति रहती है। धान तस्कर हमारे प्रदेश में धान की समर्थन मूल्य में खरीदी की तारीख की घोषणा का इंतजार करते हैं और अवैध परिवहन की तैयारी करते हैं। पिछले साल भाटापारा जिले में धान के अवैध परिवहन के 73 मामले पंजीबध्द किए गए और 12,305 क्विंटल धान जब्त किया गया। इसी तरह गरियाबंद, जशपुर जिलों में भी पड़ोसी राज्यों से यहां खपाने के लिए अवैध तरीके से लाई गई खेप पकड़ी गई। जशपुर जिले में पड़ोसी राज्य झारखंड के बरवाडीह से धान की आवक पकड़ी गई थी। पिछली बार भी सीमावर्ती जिलों में अवैध तरीके से धान की आवक रोकने 12 चेक पोस्ट बनाए गए थे। छत्तीसगढ़ सरकार ने 2500 रूपये प्रति क्विंटल धान खरीदने की घोषणा की गई थी हालांकि बाद में केन्द्र सरकार द्वारा तय समर्थन मूल्य पर ही धान खरीदी की जाने लगी बाद में अंतर की राशि प्रोत्साहन राशि के रूप में किसानों के खाते में डाल दी गई।
सवा दो हजार से ज्यादा सहकारी समितियों में खरीद
छत्तीसगढ़ के 2311 सहकारी समितियों में इस बार 105 लाख धान खरीदी का अनुमान है। इस साल 1.13 लाख नए किसानों ने पंजीयन करवाया है। अभी तक धान बेचने के लिए पंजीकृत किसानों की संख्या 22 लाख 66 हजार से अधिक हो गई है। धान खरीदी के लिए सवा पाँच लाख गठान बारदानों की जरूरत होगी। बताया गया है पिछली बार की परेशानियों के मद्देनजर इस बार मिलर्स, पीडीएस और जूट कमिश्नर से बारदानों की व्यवस्था की जा रही है।
पहले होगी समीक्षा
धान खरीदी शुरू होने के 15 दिन पहले खाद्य विभाग के अफसर संभाग मुख्यालयों में जाकर धान खरीदी की तैयारियों की समीक्षा करेंगे। कहीं पर भी लापरवाही या गड़बड़ी की शिकायत मिलने पर नोड अधिकारी जिम्मेदार होंगे।
- अमरजीत सिंह भगत, खाद्यमंत्री, छत्तीसगढ़
■ केन्द्रीय कैबिनेट के महत्वपूर्ण फैसले
● खाद्य तेल 13 दिन में 30 रुपये, प्याज 4 माह में 35 रुपये और आटा 6 महीने में 7 रुपये महंगे हो गए ● सरकार ने किसानों को राहत तो दी पर मुनाफाखोरों ने बाजार में दाम ज्यादा बढ़ाए इन्हे नहीं रोका..
■ हरेली छत्तीसगढ़ी लोक का सबसे लोकप्रिय और सबसे पहला त्यौहार है। ■ पर्यावरण को समर्पित यह त्यौहार छत्तीसगढ़ी लोगों का प्रकृति के प्रति प्रेम और समर्पण दर्शाता है।
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