कार जो सड़क पर फर्राट भरती और नदी में तैरती है..
■ चीन 2046 में जी रहा है, इसकी तरक्की की रफ्तार देखते ही बनती हैं…..
● कपड़े, घड़ी, बैग्स के बाद अब जायके में भी क्लास की तलाश ...
नई दिल्ली। भारत में हर चीज के बेहतर संस्करण की मांग बढ़ रही है वहीं वस्तुओं के अलावा अब जायके में भी लोग क्लास की तलाश करने लगे हैं । नतीजतन अब स्तरीय खान-पान का बाजार 20 फीसदी की दर से इजाफा कर रहा है। भारत में बढ़ते प्रीमियमाइजेशन वस्तुओं तक ही सीमित नहीं है। देश में गोरमे फूड की डिमांड तेजी से बढ़ी है। इंटरनेट पर तरह तरह के फूड और रेसेपी की उपलब्धता के अलावा भारतीयों की खर्च करने की क्षमता के बढ़ने का भी इस पर खासा असर पड़ा है। गोरमे फूड को खाद्य और पेय पदार्थों की स्पेशलाइज्ड प्रीमियम हाई क्वालिटी या अपमार्केट क्लास का कहा जाता है।
लगातार बढ़ती मांग को देखते हुए अब लक्जरी रिटेल इंडस्ट्रीज गोरमे फूड रिटेल बाजार पर ध्यान केन्द्रित कर रही है। देश दुनिया की कई कंपनियां गोरमें फूड रिटेल सेक्टर में कदम रख रही हैं। इंडस्ट्रीज से जुड़े लोगों के मुताबिक अभी देश का गोरमे फूड मार्केट करीब 11 हजार करोड़ रुपए का है। इतना ही नहीं यह सालाना 20 फीसदी की दर से बढ़ भी रहा है। इसे देखते हुए बिग बाज़ार ब्रांड वाले फ्यूचर ग्रुप के अवनि बियानी ने कुछ साल पहले फूड हाल के जरिये गोरमे फूड इंडस्ट्री में कदम रखा था। हाल ही में आरपीएसजी ग्रुप ने अपने नेचर्स बास्केट आर्टिसन पेंट्री के जरिए गोरमे फूड रिटेल में एक और वेंचर जोड़ा है।
इंटरनेशनल क्सास है गोरमे फूड गोरमे स्पेशलाइज्ड फूड है। विशेष इटैलियन चीज़ ,टर्की का कोई खास मसाला या कोई चाकलेट इसमें शामिल है। इंटर नेट की बढ़ती पहुंच के चलते भारत के बड़े शहर ही नहीं बल्कि मझोले और छोटे शहरों में भी इम्पोर्टेड गोरमे ग्रॉसरी और खाद्य उत्पाद की मांग बढ़ रही है। - अनुराग कटारिया, फाउंडर इंडिगो हास्पिटिलिटी, मुंबई |
■ चीन 2046 में जी रहा है, इसकी तरक्की की रफ्तार देखते ही बनती हैं…..
■ एनसीआर की तर्ज पर एससीआर बनाने में लग सकता है समय ■ एससीआर में रायपुर, नवा रायपुर, दुर्ग- भिलाई, कुम्हारी, चरौदा, आरंग, पाटन, खरोरा, तिल्दा अभनपुर होंगे शामिल
■ हमारे साझा सरोकार "निरंतर पहल" एक गम्भीर विमर्श की राष्ट्रीय मासिक पत्रिका है जो युवा चेतना और लोकजागरण के लिए प्रतिबद्ध है। शिक्षा, स्वास्थ्य, खेती और रोजगार इसके चार प्रमुख विषय हैं। इसके अलावा राजनीति, आर्थिकी, कला साहित्य और खेल - मनोरंजन इस पत्रिका अतिरिक्त आकर्षण हैं। पर्यावरण जैसा नाजुक और वैश्विक सरोकार इसकी प्रमुख प्रथमिकताओं में शामिल है। सुदीर्ध अनुभव वाले संपादकीय सहयोगियों के संपादन में पत्रिका बेहतर प्रतिसाद के साथ उत्तरोत्तर प्रगति के सोपान तय कर रही है। छह महीने की इस शिशु पत्रिका का अत्यंत सुरुचिपूर्ण वेब पोर्टल: "निरंतर पहल डॉट इन "सुधी पाठको को सौपते हुए अत्यंत खुशी हो रही है। संपादक समीर दीवान
Address
Raipur
Phone
+(91) 9893260359