अब महाराष्ट्र-झारखंड में चुनावी सरगर्मियां तेज..
■ भाजपा ने दोनों राज्यों में लगाई सौगातों -वादों की झड़ी ■ विपक्षी खेमा भी सक्रिय हुआ ■ इन दोनों राज्यों में चुनाव नवंबर में होने की चर्चा
● सात राज्यों की 13 में से 10 सीटों में एनडीए की जीत
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के बाद सात 7 प्रदेशों की तेरह 13 विधानसभा सीटों के उपचुनाव की परीक्षा में भी एनडीए को झटका लगा है। इन 13 में से 10 सीटें इंडिया और एक 1 निर्दलीय को मिली है। भाजपा दो सीटों पर जीती है। विशेष यह है कि उत्तराखंड, हिमाचल और पंजाब में जनता ने पाला बदलने वाले नेताओं को नकार दिया है। पं बंगाल में ममता बैनर्जी और तमिलनाडु में एम के स्टालिन का गढ़ अभेध्य रहा है। भाजपा के लिए राहत सिर्फ मध्यप्रदेश से मिली है। यहां उसने छिंदवाड़ा की सीट कांग्रेस से छीन ली । वहीं बिहार में सत्तारूढ़ और एनडीए कीसहयोगी जदयू अपनी रुपौली सीट निर्दलीय प्रत्याशी से हार गई है।
उत्तराखंड की दो सीटों पर उपचुनाव हुआ और दोनों कांग्रेस ने जीती। सबसे ज्यादा चर्चा प्रसिध्द तीर्थस्थल बद्रीनाथ की है यह सीट पहले कांग्रेस के पास थी लेकिन यहां के विधायक राजेन्द्र भंडारी इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हो गए थे। भाजपा ने भंडारी को टिकट दिया लेकिन इन्हें कांग्रेस के लेखापाल लखपत सिंह बुटेला ने 5224 वोटों से हरा दिया। यह हार भाजपा के लिए बहुत बड़ा झटका है। दरअसल हलिया लोकसभा चुनाव में अयोध्या और चित्रकूट जैसी सीट पर हार के कारण भाजपा पहले से निशाने पर है।
दूसरी ओर मंगलौर सीट पर 2022में बसपा के एसके अंसारी जीते थे। उनके निधन के कारण उपचुनाव हुआ जिससे कांग्रेस के काजी मोहम्मद निजामुद्दीन 422 वोटों से जीते हैं। भाजपा के करतार सिंह भंडाना दूसरे और बसपा के उबैदुर तीसरे नंबर पर रहे। कांग्रेस सहित विपक्ष ने परिणाम पर खुशी जताते हुए भाजपा सरकार पर निशाना साधा है।
राज्यवार मिली सीटें -- | |
| 4 तृणमूल |
| 2 कांग्रेस |
| 1 आप |
| 2 कांग्रेस, 1 भाजपा |
| 1 निर्दलीय |
| 1 भाजपा |
| 1 डीएमके |
■ भाजपा ने दोनों राज्यों में लगाई सौगातों -वादों की झड़ी ■ विपक्षी खेमा भी सक्रिय हुआ ■ इन दोनों राज्यों में चुनाव नवंबर में होने की चर्चा
हम एक धर्म निरपेक्ष देश हैं । हमारे निर्देश सभी के लिए होंगे। चाहे वे किसी धर्म या व्यवसाय के हों। अगर सड़क के बीच में कोई धार्मिक संरचना है फिर वह गुरूद्वारा हो, दरगाह या फिर मंदिर, तो उसे हटाना ही पड़ेगा। यह जनता के आवागमन में बाधा नहीं डाल सकती। साथ ही अवैध निर्माण तोड़ने से पहले पर्याप्त समय देना चाहिए। महिलाओं और बच्चों को सड़क पर देखना अच्छा नहीं । - जस्टिस बी.आर. गवई
हम एक धर्म निरपेक्ष देश हैं । हमारे निर्देश सभी के लिए होंगे। चाहे वे किसी धर्म या व्यवसाय के हों। अगर सड़क के बीच में कोई धार्मिक संरचना है फिर वह गुरूद्वारा हो, दरगाह या फिर मंदिर, तो उसे हटाना ही पड़ेगा। यह जनता के आवागमन में बाधा नहीं डाल सकती। साथ ही अवैध निर्माण तोड़ने से पहले पर्याप्त समय देना चाहिए। महिलाओं और बच्चों को सड़क पर देखना अच्छा नहीं । - जस्टिस बी.आर. गवई
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