• 28 Apr, 2025

झीरम हमले की जांच करेगी छत्तीसगढ़ पुलिस

झीरम हमले की जांच करेगी छत्तीसगढ़  पुलिस

• सुप्रीम कोर्ट ने एनआईए की अपील खारिज की • नरसंहार की साजिश की जांच करने 26 मई 2020 को दर्ज हुई थी दूसरी एफआईआर

रायपुर। झीरम घाटी नक्सली हमले की जांच अब छत्तीसगढ़ की पुलिस करेगी। सुप्रीम कोर्ट ने  राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए)की अपील खारिज कर दी। छत्तीसगढ़ में 2018 में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद झीरम नरसंहार पर नए सिरे से एफआईआर करवाई गई थी और उस पर पुलिस ने जांच शुरू भी कर दी थी लेकिन फिर पुलिस की इस जांच के खिलाफ एनआईए ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी। सर्वोच्च न्यायालय ने उसे भी खारिज कर दिया इससे एक बार फिर पुलिस जांच का रास्ता साफ हो गया है। 

        सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद  इस मामले पर राजनीति शुरू हो गई है। इधर सत्तारूढ़ कांग्रेस ने इस फैसले का स्वागत किया है। सीएम बघेल के सलाहकार विनोद वर्मा ने राजीव गांधी भवन कांग्रेस कार्यालय में प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि इस फैसले से उक्त जघन्य नरसंहार में शहीद हुए लोगों और उनके परिजनों को न्याय मिल सकने का रास्ता साफ हुआ है।  

          उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद छत्तीसगढ़ पुलिस 26 मई 2020 को दर्ज की गई दूसरी एफआईआर के आधार पर यह जांच कर पाएगी किसके कहने पर और किसे बचाने के लिए केन्द्र सरकार की एजेंसी एनआईए जांच का रास्ता रोक रही थी। यह लोकतंत्र इतिहास का सबसे बड़ा राजनीतिक हत्या कांड था। एनआईए ने इस घटना की जांच की थी लेकिन एजेंसी ने यह जांच नहीं की थी कि आखिर उक्त हत्या का षड्यंत्र किसने रचा था। यह साफ नहीं हुआ कि यह सिर्फ नक्सली हमला था या इसके पीछे कोई राजनीतिक षड्यंत्र भी था।  वर्मा  ने साफ किया कि तब छत्तीसगढ़ पुलिस ने आपाराधिक षड्यंत्र की जांच शुरू की थी ठीक उसी समय एनआईए ने अदालती अडंगा लगाया था।

    पहले एनआईए ट्रायल कोर्ट में गई जहां  उनकी याचिका खारिज हो गई। इसके बाद एजेंसी हाईकोर्ट पहुंची वहां भी उनकी याचिका खारिज हो गई। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट का रास्ता बचता था एजेंसी ने वहां भी याचिका लगाई वह भी मंगलवार 21 नवंबर को खारिज कर दी गई। कहा कि कांग्रेस पार्टी  सुप्रीम कोर्ट के उक्त फैसले का स्वागत करती है। वर्मा ने सवाल उठाया कि झीरम नरसंहार के मामले में तत्कालीन भाजपा सरकार ने आपराधिक षड्यंत्र की जांच क्यों नहीं करवाई। आयोग बनाया तो उसके दायरे में षड्यंत्र को क्यों नहीं रखा गया। 

सीबीआई जांच से इंकार को रमन सरकार ने छिपाया

विनोद वर्मा ने कहा कि कांग्रेस ने विधानसभा में इस मामले पर सवाल उठाया और हंगामा हुआ तो तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने सीबीआई जांच की घोषणा की। रमन सरकार ने सीबीआई जांच को नोटिफाय कर केन्द्र सरकार को पत्र भेज दिया। इसके बाद दिसंबर 2016 को केन्द्र ने सीबीआई जांच के अनुरोध को नामंजूर कर दिया और कहा कि इस मामले अब तक हुई एनआईए की जांच ही पर्याप्त है। 
   इसके बाद मार्च 2017  में पीसीसी चीफ भूपेश बघेल ने तत्कालीन सीएम डॉ रमन सिंह को सीबीआई जांच के संबंध में पत्र लिखा जिसका कोई जवाब नहीं आया। रमन सिंह ने तब से लेकर दिसंबर 2018 तक जनता से यह बात छुपाए रखी। इसके बाद 2018 में केन्द्र की सरकार बनी तह इस बात का पता चला कि केन्द्र सरकार ने सीबीआई  जांच से इंकार किया है। तब ही छत्तीसगढ़ पुलिस ने इस मामले में नेई एफआईआर दर्ज की लेकिन फिर न जाने क्यों एनआईए मामले को अदालत में ले गई। 
  पत्रकार वार्ता में वरिष्ठ कांग्रेस नेता राजेन्द्र तिवारी,वरिष्ठ प्रवक्ता आर पी सिंह, घनंजय सिंह ठाकुर,सुरेन्द्र वर्मा, आयुष पांडेय, प्रवक्ता अजय गंगवानी और सत्यप्रकाश सिंह उपस्थित थे।

सीएम की जेब में जो सच है वो बाहर आएगा-भाजपा

दूसरी तरफ प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अरुण साव ने कहा कि इस मामले में मुख्यमंत्री कहते थे कि झीरम का सच मेरी जेब में है। आखिर किसे बचाने के लिए यह सच जेब में छिपा रखा था अब इसकी जांच होगी। जो सच वे जेब में लेकर घूम रहे थे वो सच न तो किसी आयोग में प्रस्तुत हुआ न ही उसकी कोई जांच हुई। अब वही सच बाहर आएगा। किसने किसके साथ मिलकर राजनीतिक षड्यंत्र किया वह अब वह सब स्पष्ट होगा। 

  • अब इस मामले में आगे क्या होगा ...
  • नए सिरे से बनाई जाएगी स्पेशल इनवेस्टिगेंटि टीम

सर्वोच्च न्यायालय से झीरम मामले में राहत मिलने के बाद अब राज्य सरकार इस मामले में फिर से जांच की शुरुआत करवाएगी। नए एफआईआर के बाद इस मामले के लिए पुलिस ने विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया था। सालभर बाद वह भंग कर दिया गया। माना जा रहा है कि नए फैसलों के प्रकाश में नए सिरे से एसआईटी का गठन किया जा सकता है। इसमें अनेक सीनियर पुलिस अफसर लाये जा सकते हैं। एसआईटी नए सिरे से गवाहों, घटना स्थल और मामले से जुड़े अन्य तथ्यों की जांच करेगी इस मामले में नया एफआईआर दर्ज करवाने वाले जितेन्द्र मुदलियार की शिकायत पर नए सिरे से विशेष तौर पर जांच करवाई जाएगी। 

  • क्या थी आखिर जितेन्द्र मुदलियार की शिकायत -

जगदलपुर के सिटी कोतवाली में झीरम हमले में मारे गए कांग्रेस नेता उदय मुदलियार के बेटे जितेन्द्र मुदलियार ने जीरो एफआईआर दर्ज करवाई थी। जितेन्द्र की शिकायत पर बस्तर एसपी ने तत्काल सिटी कोतवाली में जीरो के तहत धारा 302 और 120 (बी) के तहत अपराध दर्ज कर  लिया। जितेन्द्र ने शिकायत की थी कि इस मामले में एनआईए ने षड्यंत्र वाले हिस्से की जांच ही नहीं की। 
 

  • क्या था झीरम का पूरा मामला-

विधानसभा चुनाव के ठीक पहले 25 मई 2013 को छत्तीसगढ़ कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा पर कथित तौर पर जघन्य नक्सली हमला हुआ था। इस हमले में कांग्रेस के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार पटेल, बस्तर टाइगर कहे जाने वाले महेन्द्र कर्मा, पटेल के बेटे, पूर्व केन्द्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल और पूर्व विधायक उदय मदलियार सहित कुल 32 से ज्यादा लोग मारे गए थे। 
 

  • कांग्रेस ने फिर उठाये सवाल-
  • 2013 में 6-7 मार्च को रमन सिंह की विकास यात्रा में कुल 1781 सुरक्षा कर्मी तैनात किये गए थे जबकि 24-25 मई को कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा में सिर्फ 138 सुरक्षा कर्मी तैनात किये गए थे। 
  • महेन्द्र कर्मा ने 2013 में सुरक्षा के लिए पत्र लिखा जिस पर रमन सरकार ने कोई ध्यान नहीं दिया
  • केन्द्र की भाजपा सरकार क्यों नहीं चाहती कि व्यापक राजनीतिक षड्यंत्र की जांच हो यदि कोई हो तो साफ हो जाएगा।
  • आखिर क्यों तत्कालीन रमन सिंह की सरकार ने ये जांच नहीं करवाई , क्यों सीबीआई जांच की बात छिपाये रखी, क्यों भाजपा नेता धरमलाल कौशिक कोर्ट चले गए। 
     
  • किसने किसके खिलाफ साजिश की साफ हो जाएगा- सीएम बघेल

     मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने झीरम कांड पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने पर सोशल मीडिया में प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि यह छत्तीसगढ़ में न्याय का रास्ता खोलने के समान है। झीरम हत्याकांड दुनिया के लोकतंत्र का सबसे बड़ा राजनीतिक षड्यंत्र था। इसमें हमने अपने दिग्गज कांग्रेस नेताओं के साथ कुल 32 लोगों  को खो दिया। कहने को तो एनआई ने इसकी जांच की थी और एक आयोग  ने भी इसकी  जांच की, लेकिन फिर किसी ने इसके पीछे के राजनीतिक षड्यंत्र की जांच नहीं की। छत्तीसगढ़ पुलिस ने इसकी जांच शुरू की तो एनआईए ने इसे रोकने का प्रयास किया। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से अब रास्ता साफ हुआ है।  अब छत्तीसगढ़ पुलिस इसकी जांच करेगी। किसने किसके साथ मिलकर क्या षड्यंत्र रचा था वह सब कुछ साफ हो जाएगा। झीरम के शहीदों को सीएम बघेल ने एक बार और श्रद्धांजलि दी । 
     
  • भाजपा सरकार बनने पर न्यायिक जांच करवाएंगे- रमन सिंह

पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने सोशल मीडिया पर लिखा कि इस मामले की जांच में षड्यंत्र का पर्दाफाश होना चाहिए। लेकिन 2018 से पहले जिन्होंने झीरम के सबूत जेब में होने का दावा किया था उनका क्या होगा। भाजपा सरकार बनने के बाद इस पूरी घटना की न्यायिक जांच होगी।