कार जो सड़क पर फर्राट भरती और नदी में तैरती है..
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● एक फास्टैग का कई वाहनों में अब नहीं हो पाएगा इस्तेमाल- ● फास्टैग है भारत में टोल संग्रह की इलेक्ट्रानिक व्यवस्था
नई दिल्ली। नेशनल हाईवे अथारिटी ऑफ इंडिया ( एनएचएआई) का एक वाहन एक फास्टैग का मानदंड सोमवार एक 1 अप्रैल से लागू कर दिया गया है। बताया गया है कि इसका उद्देश्य एक फास्टैग का कई वाहनों में इस्तेमाल या एक वाहन से कई फास्टैग सम्बध्द करने को हतोस्ताहित करना है। अब एक वाहन पर एक से अधिक फास्टैग नहीं लगाए जा सकेंगे।
फैसल पर एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अब एक वाहन पर एक से अधिक फास्टैग नहीं लगाए जा सकेंगे। उन्होंने कहा कि जिन लोगों के पास एक वाहन के लिए कई फास्टैग हैं वे एक अप्रैल से उसका उपयोग नहीं कर पाएंगे। सार्वजनिक क्षेत्र की इकाई एनएचएआई ने पेटीएम फास्टैग का इस्तेमाल करने वाहन मालिकों की समस्याओं को देखते हुए -एक वाहन एक फास्टैग पहल के अनुपालन की समयसीमा 31 मार्च तक बढ़ा दी थी। फास्टैग भारत में टोल संग्रह की इलेक्ट्रानिक व्यवस्था है और इसका संचालन एनएचएआई करता है।
इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रहण की दक्षता बढ़ाने के लिए और टोल प्लाजा पर सुगम आवाजाही के लिए एनएचएआई ने एक वाहन एक फास्टैग की पहल शुरू की है। इसके लिए प्राधिकरण एक ही वाहन के लिए कई फास्टैग लगाने के साथ कई फास्टैग को किसी खास वाहन से सम्बध्द करने पर रोक लगाना चाहता है।
बताया गया है कि फास्टैग की पहुंच कुल 98 फीसदी वाहनों तक है और उसके आठ 8 करोड़ से अधिक उपयोग करने वाले हैं। फास्टैग में सीधे टोल मालिक से जुड़े प्रीपेड या बचत खाते से टोल भुगतान करने के लिए रेडियो फ्रिक्वेंसी आईडेंटिफिकेशन तकनीक का इस्तेमाल हो ता है।
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