• 28 Apr, 2025

जेल से असीम की ईडी को चिट्ठी - किसी कांग्रेसी, सीएम बघेल या वर्मा को पैसे नहीं पहुंचाए ..

जेल से असीम की ईडी को चिट्ठी - किसी कांग्रेसी, सीएम बघेल या वर्मा को पैसे नहीं पहुंचाए ..

इसी ड्राइवर असीम दास के बयान के हवाले से ईडी ने प्रेसनोट जारी कर दावा किया था- सरकार के प्रमुख लोगों को पहुंचाए गए थे पैसे

रायपुर। महादेव सट्टा एप के सट्टे बाजी में मनी लांड्रिंग और हवाला केस में जेल में बंद ड्राइवर असीम दास उर्फ बप्पा की एक चिट्ठी सोशल मीडिया में वायरल हो रही है ये नवंबर 23 के अंतिम दिनों में हो रहा है। उसने जेल के भीतर से ईडी के डायरेक्टर को चिट्ठी लिखकर मामले की निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए कहा है कि उसे साजिश कर फंसाया गया और कैश कुरियर ब्वाय बताया गया। जबकि सच यह है कि उसने किसी कांग्रेसी नेता, सीएम
बघेल या वर्मा को कभी पैसा नहीं पहुंचाया है। आज तक उनसे मिला भी नहीं है। 

        जानने लायक तथ्य यह है कि  इसी ड्राइवर असीम के बयान को आधार बनाते हुए ईडी ने प्रेसनोट जारी कर दिया था कि उसके जरिये सरकार को 508 करोड़ रुपये पहुंचाए गए हैं।असीम ने ईडी से शिकायत की है कि उसे 508 करोड़ रुपयों के बारे में कुछ मालूम नहीं है न ही उसने ईडी को ऐसा कोई बयान ही दिया है। वह जब जेल आया और अखबार पढ़ा तब पता चला कि ईडी ने उस पर झूठा आरोप लगा दिया था। 

     असीम ने उक्त चिट्ठी में लिखा था कि उसके बचपन के दोस्त शुभम सोनी उर्फ पिंटू ने अक्टूबर में दुबई बुलाया था, वहां उसने ठेकेदारी करने का झांसादिया फिर दूसरी बार छत्तीसगढ़ से दुबई बुलवाया। वहां तीन दिन रुकवाने के बाद रायपुर भेज दिया। शुभम के ही कहने के अनुसार वह होटल में ठहरा हुआ था। वहां कुछ लोगों ने कार में बैग रखा और उसके फोन का सिम भी बदल दिया। कुछ ही देर में ईडी के अफसरों ने आकर उसे पकड़ भी लिया। पूरी प्लानिंग के तहत उसे फंसाया गया है। उसने कहा कि उससे जब्त सिम और मोबाइल की जांच होनी चाहिए। यही नहीं मोबाइल में वीडियो कहां से आया और उसे किसने डाला हैं यह भी जांच होनी चाहिए ।  

     उसने यह भी लिखा कि होटल में लगे सीसीटीवी कैमरे की जांच होनी चाहिए और यह भी कि काले रंग की बाइक में बैग लेकर कौन आया था और किसके कहने पर रुपयों से भरा बैग छोड़ गया। वहां मास्क लगाया हुआ व्यक्ति कौन था उसकी गिरफ्तारी करनी चाहिए। 5 नवंबर को दुबई से यूरोप जाने वाले फ्लाइट टिकिट की भी जांच होनी चाहिए। असीम ने इससे पहले 10 अक्टूबर को भी कोर्ट में अर्जी लगाई है। असीम ने इन्हीं सब मुद्दों पर जांच के लिए कोर्ट से भी अपील की है। 

सट्टेबाजी के प्रमोटरों ने रचा है पूरा षड्यंत्र

असीम ने आरोप लगाया है कि 8 अक्टूबर को शुभम से मिलने दुबई गया था। शुभम ने ही टिकिट भेजकर उसे घूमने बुलाया था। वहां से मुलाकात हुई। वह चार दिन बाद वहां से वापस आ गया। उसे दूसरी बार 25 अक्टूबर को शुभम ने बुलाया। वहां उसे झांसा दिया गया कि छत्तीसगढ़ में ठेकेदारी करना है। उसने उसी काम को देखने के लिए एपल का महंगा फोन लाकर दिया। उसमें सिम पहले से ही लगा हुआ था। उसने मेरा पुराना फोन रख लिया। यहां एक नवंबर को फ्लाइट से उतरा और पार्किंग में गया। मुझे बताया था कि वहां कार खड़ी है। कार नंबर के आधार पर मुझे गाड़ी मिल गई। उसमें चाबी लगी हुई थी। मैं वहां से सीधे होटल ट्राइटन गया। वहां मेरे लिए कमरा नंबर 311 बुक था। मुझसे कहा गया कि उसी कमरे में इंतजार करना है। इसी दौरान होटल के बाहर से शुभम के नाम से फोन आया और कहा गया कि होटल के बाहर मेन रोड में आओ। वहां बाहर गया तो मास्क लगाकर युवक आया उसने मुझे फोन दिया। मैं फोन लेकर 
पार्किंग में चला गया फिर फोन आया कि गाड़ी के भीतर बैठ जाओ और डिक्की खोल दो।

          मैने डिक्की जैसे ही खोली काले रंग का हेलमेट लगाया हुआ व्यक्ति आया उसने डिक्की में दो बैग रखे और चला गया।  इसके 15 मिनट बाद फिर डिक्की खोलने के लिए फोन आया, डिक्की खोलते ही फिर दो लोग आए और तीन  बैग रखकर चले गए। फिर एक युवक आया और मेरे फोन को लेकर चला गया। उसने एपल का वही फोन दिया जो दुबई में मुझे दिया गया था। मैने बैठे हुए ही चेक किया तो उसमें शुभम के कई वीडियोज और वाइस मैसेजेस थे। मुझे वहां से कमरे में जाने को कहा गया। पांच मिनट बाद किसी ने कमरे का दरवाजा खटखटाया मैने दरवाजा खोला तो एक व्यक्ति भीतर आया और कहा कि सामान उठा लो। उनमें कुछ लड़कियां भी आईं थी मुझे गाड़ी के पास ले जाया गया। उसने गाड़ी खोलते हुए पूछा कि किसका पैसा है। मैने तब पूछा था कि आप लोग कौन हैं। तब ही उन्होंने बताया कि हम ईडी से हैं। वह ईडी अधिकारी ठंडीलाल मीणा थे। ईडी वालों की बातों से जाहिर था कि उन्हें पता था कि पैसा कहां और किसने रखा है। असीम का कहना था कि शुभम सट्टेबाजी का प्रमोटर तो नहीं है। प्रमोटर भिलाई के दो युवक हैं। 

दुबई छोड़ कर भाग गए सट्टा प्रमोटर्स

असीम का आरोप है कि सौरभ रवि और शुभम तीनों दुबई छोड़कर चले गए। जब उसकी शुभम से आखिरी मुलाकात हुई तब उसने कहा था कि 5 नवंबर की उसकी यूरोप की फ्लाइट है। उसने जब सट्टे बाजी के बारे में पूछा तो शुभम ने कहा कि रवि और सौरभ की ईडी के बड़े अधिकारी  मिश्रा से सेटिंग हो गई है। वहां कोई खतरा नहीं है उसे शक है कि तीनों यूरोप या एमस्टर्डम में हैं। 

ईडी ने अंग्रेजी में लिखे बयान पर लिये दस्तखत

असीम दास ने कोर्ट में आवेदन लगाया है कि वह 10 वीं तक पढ़ा है और उसे अंग्रेजी नहीं आती। ईडी वालों ने अंग्रेजी में लिखे बयान पर जबरदस्ती हस्ताक्षर करवाया है। उसे पता ही नहीं है उसके बयान में क्या लिखा है। ईडी ने सात दिन की रिमांड में लिया लेकिन कोई पूछताछ नहीं की। कुछ जांच भी नहीं की गई। उसे सिर्फ बिठा कर रखा गया ईडी खाना पूर्ति करती रही।