अब महाराष्ट्र-झारखंड में चुनावी सरगर्मियां तेज..
■ भाजपा ने दोनों राज्यों में लगाई सौगातों -वादों की झड़ी ■ विपक्षी खेमा भी सक्रिय हुआ ■ इन दोनों राज्यों में चुनाव नवंबर में होने की चर्चा
● तीन बार सीएम पद की शपथ लेने वाले तीसरे नेता
रांची। झारखंड में राजनीतिक उथल-पुथल का दौर लगभग ठहर गया है। मनी लांड्रिंग के मामले में गिरफ्तारी के बाद हेमंत सोरेन को पद से इस्तीफा देना पड़ा था। अब इस मामले में रिहाई के बाद झारखंड की राजनीति फिर से सरगर्म हो गई है। झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने गुरुवार 4 जुलाई को झारखंड के 13 वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन ने उन्हें राजभवन में पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।
शपथ ग्रहण समारोह में हेमंत के पिता और झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन, उनकी माँ रूपी सोरेन और पत्नी कल्पना सोरेन के साथ ही मुख्यमंत्री पद से बुधवार को इस्तीफा देने वाले चंपई सोरेन भी मौजूद रहे।
हाईकोर्ट ने जमीन घोटाले से जुड़े मनी लांड्रिंग मामले में हेमंत सोरेन को पांच महीने बाद जमानत दी है। इसके बाद 28 जून को उन्हें जेल से रिहा कर दिया गया था। इससे पहले 31 जनवरी को ईडी ने हेमंत सोरेनको गिरफ्तार किया था। इसी के बाद उन्होंने झारखंड के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। हेमंत झारखंड में तीन बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले तीसरे नेता हैं।
पहले सात जुलाई को लेने वाले थे शपथ झारखंड मुक्ति मोर्चा ने इससे पहले दिन में बताया था कि राज्यपाल राधाकृष्णन ने हेमंत सोरेन को राज्य में सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया है और वे सात जुलाई को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले हैं। झामुमो नीत गठबंधन ने बाद में फैसला किया कि सोरेन गुरूवार को ही सीएम पद की शपथ लेंगे। इससे पहले चंपई सोरेन ने बुधवार को ही सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था और धनशोधन के एक मामले में जमानत पर रिहा हुए हेमंत सोरेन ने सरकार बनाने का दावा पेश किया था। |
■ भाजपा ने दोनों राज्यों में लगाई सौगातों -वादों की झड़ी ■ विपक्षी खेमा भी सक्रिय हुआ ■ इन दोनों राज्यों में चुनाव नवंबर में होने की चर्चा
हम एक धर्म निरपेक्ष देश हैं । हमारे निर्देश सभी के लिए होंगे। चाहे वे किसी धर्म या व्यवसाय के हों। अगर सड़क के बीच में कोई धार्मिक संरचना है फिर वह गुरूद्वारा हो, दरगाह या फिर मंदिर, तो उसे हटाना ही पड़ेगा। यह जनता के आवागमन में बाधा नहीं डाल सकती। साथ ही अवैध निर्माण तोड़ने से पहले पर्याप्त समय देना चाहिए। महिलाओं और बच्चों को सड़क पर देखना अच्छा नहीं । - जस्टिस बी.आर. गवई
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