• 28 Apr, 2025

पारंपरिक कारीगरों से लेकर आईटी पेशेवरों तक के लिए सौगात

पारंपरिक कारीगरों से लेकर आईटी पेशेवरों तक के लिए सौगात

कारीगरों को 5 फीसदी की दर पर दो लाख तक लोन

नई दिल्ली। केन्द्र सरकार ने भारतीय पारंपरिक कारीगरों के परिवारों की मदद और देश के युवा आईटी पेशेवरों के प्रतिभा को निखारने के लिए दो बड़ी महत्वपूर्ण योजनाओं को मंजूरी दी है। केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने 16 अगस्त बुधवार को 13 हजार करोड़ रुपये की पीएम विश्वकर्मा योजना को मंजूरी दी।  इसके तहत शिल्पकार, बुनकर, सुनार, धोबी, मोची, नाई और कारीगरों को सरकार पीएम विश्वकर्मा प्रमाणपत्र और पहचान पत्र मुहैया कराएगी। इन लोगों को पहले चरण में एक लाख और दूसरे चरण में दो लाख तक का कर्ज 5 प्रतिशत की दर पर उपलब्ध कराया जाएगा। एक गणना के मुताबिक इस योजना से 30 लाख परिवारों को लाभ होगा। 
    पीएम मोदी के नेतृत्व में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति ने दूसरे अहम फैसले में पहले से चल रही डिजिटल इंडिया के विस्तार पर मुहर लगाई। इसके तहत 14,903 करोड़ रुपये की लागत से 6.25 लाख आईटी पेशेवरों को निखारा जाएगा। इसके साथ ही 2.65 लाख लोगों को आईटी में प्रशिक्षित किया जाएगा।  मंत्रिमंडल में पर्यावरण सुरक्षा के लिए  ग्रीन मोबिलिटी को बढ़ावा देने के मकसद से ई-बस सेवा को भी मंजूरी दी। समिति ने करीब 32500 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत पर भारतीय रेलवे की सात मल्टी -ट्रैकिंग परियोजना को भी मंजूरी दे दी। 

  • उपलब्धियों का लेखा जोखा ले फिर 2024 में लाल किले में लौटूंगा...
  • चुनाव के पहले मास्टर स्ट्रोक 

डिजिटल इंडिया योजना का सर्वाधिक लाभ अनुसूचित जाति, जनजाति, ओबीसी महिलाओं और कमजोर वर्ग को होगा। लोकसभा चुनाव की दृष्टि से ग्रामीण और कस्बाई क्षेत्र से जुड़े इसी वर्ग पर भाजपा और मोदी सरकार की नजर है। सरकार का अनुमान है कि ग्रामीण और कस्बाई क्षेत्र में मूर्तियां बनाने वाले, मछली का जाल बुनने वाले सैलून चलाने वाले, कपड़े धोने वाले, बढ़ई, सोनार, कुम्हार की संख्या एक करोड़  से ज्यादा है। इससे पहले इसी तर्ज पर मोदी सरकार ने शहरी क्षेत्र के कमजोर वर्ग से जुड़े रेहड़ी पटरी वालों के लिए पीएम स्वनिधि योजना शुरू की थी।  
  इस योजना के तहत अब तक करीब 60 लाख रेहड़ी पटरी वालों को बिना बैंक गारंटी के 10 से 50 हजार रुपये तक के कर्ज दिये गए। इस योजना के कारण इस वर्ग में सरकार और भाजपा की मजबूत पैंठ बनी थी। 

आधुनिक औजारों के लिए 15 हजार

केन्द्रीय मंत्री अश्वनी वैष्णव ने बताया कि पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत कारीगरों को कौशल उन्नयन, टूल कीट प्रोत्साहन, डिजिटल लेन-देन  के लिए प्रोत्साहन और विपणन  सहायता भी दी जाएगी। योजना में दो प्रकार के कौशल कार्यक्रम होंगे। बुनियादी और उन्नत कौशल प्रशिक्षण के दौरान लाभार्थियो को रोजाना 500 रुपये का वजीफा दिया जाएगा।  इतना ही नहीं उन्हें आधुनिक जरूरी औजार खरीदने के लिए 15000 तक का कर्ज भी दिया जाएगा।  पीएम मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले से इस योजना की घोषणा की।  उन्होंने कहा कि विश्वकर्मा जयंती 17 सितंबर को यह योजना शुरू की जाएगी। 

100 बड़े शहरों में दस हजार इलेक्ट्रिक बसें-

पीएम-ई बस सेवा योजना के तहत सौ शहरों में दस हजार ई बस चलेंगी।  इसके लिए 57 613 करोड़ रुपये मंजूर। केन्द्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया वर्ष 2035 तक चलने वाली योजना में केन्द्र सरकार 20000 करोड़ रुपये देगी।  शेष राशि का भुगतान राज्य सरकारों को करना है।  

तेज गणना 9 और सुपर कम्प्यूटर जुड़ेंगे-

डिजिटल इंडिया को दिए गए विस्तार में नेशनल सुपर कंप्यूटिंग मिशन (एनसीएम) के अंतर्गत 9 और सुपरकंप्यूटर शामिल किए जाएंगे। एनसीएम  में पहले ही 18 सुपरकंप्यूटर शामिल किए जा चुके हैं।  साथ ही कहा गया कि उमंग एप पर 540 अतिरिक्त सेवाएं उपलब्ध होंगी वर्तमान में 1700 से अधिक सेवाएं पहले से ही उपलब्ध हैं।

32,500 करोड़ की रेलवे की 7 मल्टी ट्रैकिंग योजनाएं मंजूर ...

आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति ने लगभग 32500 करोड़ की अनुमानित लागत पर रेलवे की सात मल्टी ट्रैकिंग परियोजना को मंजूरी दे दी। केन्द्रीय मंत्री अश्वनी वैष्णव ने कहा कि पूरी तरह से केन्द्र से वित्तपोषित परियोजनाएं मौजूदा लाइन क्षमता को बढ़ाने, ट्रेन संचालन को सुचारू बनाने, भीड़भाड़ को कम करने और यात्रा परिवहन को आसान बनाने में मदद करेगी। 

उत्तरप्रदेश सहित 9 राज्यों में बढ़ेगा रेल नेटवर्क

इनमें 9 राज्यों यूपी, बिहार, तेलंगाना, आंध्रप्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात,  ओडिशा, झारखंड और पश्चिम बंगाल के 35 जिलों में फैला 2339 किमी लम्बा भारतीय रेल नेटवर्क शामिल होगा।  इसमें राज्यों के लोगों की अनुमानित 7.06 करोड़ मानव दिवस का रोजगार प्रदान किया जाएगा। 

  • 2.65 लाख युवाओं को मिलेगा आईटी प्रशिक्षण

केन्द्रीय मंत्री वैष्णव ने बताया कि मंत्रिमंडल में डिजिटल इंडिया को दिए गए विस्तार में 12 करोड़ कॉलेज विद्यार्थियों के लिए साइबर जागरूकता पाठ्यक्रम शुरू किया जाएगा। साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में उपकरणों के विकास और राष्ट्रीय साइबर  समन्वय केन्द्र के साथ 200 से अधिक साइटों के एकीकरण सहित नई पहल शुरू होगी। वहीं एआई सक्षम बहुभाषा अनुवाद उपकरण भाषिनी  अब आठवीं अनुसूची की सभी 22 भाषाओं में शुरू किया जाएगा।  अभी यह दस भाषाओं में उपलब्ध है।  विस्तार के तहत 1787 शैक्षणिक संस्थाओं को जोड़ने वाले राष्ट्रीय ज्ञान नेटवर्क (एनकेएन) का आधुनिकीकरण भी किया जाएगा। डिजीलाकर के तहत डिजिटल दस्तावेज अब एमएसएमई और अन्य संगठनों के लिए उपलब्ध होगी। टियर 2- 3 शहरों में 1200 स्टार्टअप को समर्थन दिया जाएगा। इसके अलावा स्वास्थ्य, कृषि  और टिकाऊ शहरों पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में उत्कृष्टता के तीन केन्द्र स्थापित किये जाएंगे।