• 28 Apr, 2025

ऐतिहासिक दिनः जगन्नाथ मंदिर का खजाना 46 साल बाद खुला

ऐतिहासिक दिनः जगन्नाथ मंदिर का खजाना 46 साल बाद खुला

● ताले तोड़कर खोला गया रत्नभंडार आभूषणों से भरे मिले संदूक ● सागौन के बॉक्स में स्ट्रांग रूम में रखेंगे खजाना, सीसीटीवी से निगरानी ● तलघर की मरम्मत के बाद बेशकीमती सामान वहीं ले जाएंगे, फिर गनती होगी

जगन्नाथपुरी( ओडिशा) । भगवान जगन्नाथ की का बेशकीमती खजाना बीते रविवार  14 जुलाई को 46 साल बाद खोला गया। पुरी में भगवान जगन्नाथ मंदिर के तलघर में स्थित खजाने को लगभग आधी शताब्दी बाद शुभ समय दोपहर एक बजकर अठ्ठाइस 1ः28 मिनट पर खोला गया। खजाना दो कक्षों में रखा गया है । दोनो ही कक्ष जो रत्न भंडार की तरह जाना जाता है वहां तय समय पर राज्य सरकार की उच्चस्तरीय कमेटी के ग्यारह 11 सदस्य ही गए। कमेटी के सदस्य और मंदिर के मुख्य प्रशासक अरविंद पाढ़ी ने बताया

- सबसे पहले बाहरी कक्ष खोला गया । उसकी तीन चाभियां थीं। यहां रखे आभूषण  और बेशकीमती सामान को मंदिर परिसर में ही बनाए गए अस्थायी स्ट्रांग रूम में छह बक्सों में रखा गया है। इसे सील कर दिया गया है।

    सभी सदस्य इसके बाद आंतरिक कक्ष की तरफ गए। वहां तीन ताले लगे हुए थे। उनकी मूल चाभियां गायब थीं। प्रशासन के पास उपलब्ध चाभियों से किसी से भी ताले नहीं खुले। तब मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में ही तीनों तालों को तोड़ा गया। अंदर आल्मारियां और संदूकें बेशकीमती आभूषणों और सामानों से भरे मिले। इसे फिर से सील कर दिया गया। सदस्यों ने तय किया कि बेशकीमती सामान स्ट्रांग रूम में ले जाने का काम नीलाद्री बजे ( 16 जुलाई को रथ यात्रा के समापन )  के बाद होगा। सभी लोग शाम साढ़े पांच बजे रत्न भंडार से बाहर आ गए। सेवायत के रूप में भीतर गए भंडार मेकाप गणेश ने बताया कि भीतर आंतरिक कक्ष में सुरंग जैसे गड्ढे हैं। चूहे भी दिखे, हालांकि सांप नहीं दिखाई दिए। 
 

तलघर की मरम्मत के बाद बेशकीमती सामान वहीं ले जाएंगे, फिर गिनती होगी..

पुरी के कलेक्टर सिध्दार्त शंकर स्वैन ने बताया कि सभी ग्यारह सदस्यों ने धोती और गमुचा(गमछा) पहन कर रत्नभंडार में प्रवेश किया। सबने पहले पूजा की। फिर जय जगन्नाथ का जयघोष कर भीतर प्रवेश किया। यह नजारा बड़ा ही मनमोहक था। सबके मन में डर के साथ खुशी भी थी कि इतने सालों बाद भंडार में क्या हुआ होगा।

वहीं मुख्य प्रशासक पाढ़ी ने बताया कि आभूषणों की सूची का काम मू्ल्यांकन कर्ताओं , सुनारों और विशेषज्ञों की नियुक्ति पर सरकार की मंजूरी के बाद किया जाएगा। हमारी प्राथमिकता खजाने के ढांचे की सुरक्षा है। रत्न भंडार के कक्षों के मरम्मत के बाद सामान वापस लाया जाएगा फिर गिनती की जाएगी। 

आगे क्या- दोनों  कक्षों की मरम्मत करेगा एएसआई

सूत्रों के मुताबिक बेसकीमती चीजें स्ट्रांग रूम में रखे जाने के बाद पुरातत्व विभाग बाहरी और आंतरिक कक्षों की मरम्मत करेगा। विभाग ने दोनो कक्षों का मुआयना कर लिया है। पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी की गई है। अस्थायी स्ट्रांग रूम की भी चौबीसों घंटे सीसीटीवी से निगरानी की जाएगी। 

दशकों से लंबित ओडिया जनता की मांग पूरी हुई

रत्न भंडार की सुरक्षा और आभूषणों की पारदर्शी जानकारी जनता की मांग थी, 4.5 करोड़ ओडिया लोगों की अस्मिता और हिंदू आस्था का सम्मान करते हुए भंडार खुलवाने के लिए श्री मंदिर प्रशासन और डबल इंजन सरकार का अभिनंदन। 

- धर्मेंद्र प्रधान, केन्द्रीय मंत्री।