कार जो सड़क पर फर्राट भरती और नदी में तैरती है..
■ चीन 2046 में जी रहा है, इसकी तरक्की की रफ्तार देखते ही बनती हैं…..
● इनोवेशन- बैटरी की कीमत और उत्पादन लागत तेजी से घटा रही है तकनीक- गार्टनर
नई दिल्ली। बैटरी चलित वाहन यूं तो प्रदूषण से मुक्ति के लिए इजाद की गई थी साथ ही इससे वाहन चलाने की लागत भी कम होती है पर बैटरी के उत्पादन लागत और खपत से ईवी यानी इलेक्ट्रिक व्हीकल के दाम बढ़ दाते हैं यही वजह है कि सरकारें इन वाहनों की खरीद पर सब्सिडी की घोषणा करने लगी थीं।
अब पेट्रोल-डीजल गाड़ी से मुक्त होकर लोग बैटरी से चलने वाली गाड़ी की ओर रुख कर रहे हैं। कहा जा रहा है कि उम्मीद है कि कुछ सालों में बैटरी से चलने वाली गाड़ियां ( ईवी) उन लोगों की पहुंच में होगी। लोग अभी पेट्रोल-डीजल वाहन के दाम कम होने के कारण इन्हें ही इस्तेमाल करते हैं। ईवी की कीमत आम वाहनों के मुकाबले कम होने में सिर्फ तीन साल लगेंगे।
अमेरिकी रिसर्ट फर्म गार्टनर का अनुमान है कि 2027 तक नेक्सट जनरेशन ईवी की औसत कीमतें पेट्रोल डीजल से चलने वाले वाहनों की तुलना में कम हो जाएगी। कहा कि इस क्षेत्र में इनोवेशन तेजी से बढ़ रहा है और नई तकनीकें ईजाद की जा रहीं हैं। इससे बैटरी की कीमत और ईवी की उत्पादन लागत दोनों ही तेजी से घट रही है।
गार्टनर के वाइस प्रेसिडेंट ( रिसर्च डिविजन) पेड्रो पेचेको कहते हैं -जैसे जैसे ईवी कंपनियां प्रोडक्ट डिजाइन के साथ -साथ उत्पादन तकनीक आधुनिकतम कर रहे हैं सेंट्रलाइज व्हीकल आर्किटेक्चर (गीगाकास्टिंग) जैसे इनोवेशन बढ़ रहे हैं। नतीजतन आगामी कुछ वर्षों में ईवी की प्रोडक्शन लागत बैटरी की लागत के मुकाबले तेजी से घटेगी । इसका अर्थ हुआ कि ईवी की मैनुफैक्चरिंग लागत अनुमान से पहले पेट्रोलियम गाड़ियों की लागत के बराबर आ जाएगी।
गार्टनर का अनुमान है कि बीते 10 सालों में स्थापित ईवी कंपनियों में से 15 फीसदी का 2027 तक अधिग्रहण हो जाएगा या फिर वे दिवालिया हो जाएंगी। पचेको ने कहा कि इसका ये मतलब नहीं है कि ईवी सेक्टर सिमट रहा है। ये ग्रोथ नए चरण में प्रवेश का संकेत हैं जहां सबसे अच्छे प्रोडक्ट और सर्विस वाली कंपनियों का अस्तित्व होगा। सभी ईवी स्टार्ट अप कंपनियां नहीं टिक पाएंगी।
देश में ईवी 30 प्रतिशत महंगी,लेकिन इन्हें चलाने का खर्च अभी 6 गुना सस्ता अन्य देशों के मुकाबले भारत में ईवी चलाना अभी भी किफायती है। मसलन अभी इलेक्ट्रिक कारों के दाम समान मॉडल की पेट्रोल कारों के मुकाबले 20 स 30 फीसदी ज्यादा है। ये फर्क भी साल दर साल कम होता जा रहा है। अभी पेट्रोल कारों की रनिंग कास्ट जहां 7 से 8 रुपये प्रति किलोमीटर है वहीं ईवी कारे चलाने की लागत एक से डेढ़ रुपये प्रति किलोमीटर है। | 2025 तक 43 फीसदी बढ़ जाएगी ईवी कारों की बिक्री ऑटोमोबाईल मार्केट में तेजी से बढ़ेगी ईवी की पैठ। गार्टनर का अनुमान है कि 2025 तक दुनियाभर में ईवी की बिक्री 43 फीसदी बढ़कर 2.06 करोड़ तक पहुंच जाएगी। बताया गया है कि 2023 में 1.44 करोड़ ईवी कारें बिकी थीं। अब नए वित्तीय वर्ष 2024 में भी इसकी बिक्री 1.84 करोड़ तक पहुंचने का अनुमान लगाया गया है। गार्टनर ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि हम गोल्ड रश से 'सर्वाइवल ऑफ द फिटेस्ट' की ओर बढ़ रहे हैं। इसका मतलब है कि इस सेक्टर की कंपनियों की सफलता अब नए ईवी वाहन अपनाने वालों की जरुरत पूरी कर पाने की क्षमता पर निर्भर करेगी। |
■ चीन 2046 में जी रहा है, इसकी तरक्की की रफ्तार देखते ही बनती हैं…..
■ एनसीआर की तर्ज पर एससीआर बनाने में लग सकता है समय ■ एससीआर में रायपुर, नवा रायपुर, दुर्ग- भिलाई, कुम्हारी, चरौदा, आरंग, पाटन, खरोरा, तिल्दा अभनपुर होंगे शामिल
■ हमारे साझा सरोकार "निरंतर पहल" एक गम्भीर विमर्श की राष्ट्रीय मासिक पत्रिका है जो युवा चेतना और लोकजागरण के लिए प्रतिबद्ध है। शिक्षा, स्वास्थ्य, खेती और रोजगार इसके चार प्रमुख विषय हैं। इसके अलावा राजनीति, आर्थिकी, कला साहित्य और खेल - मनोरंजन इस पत्रिका अतिरिक्त आकर्षण हैं। पर्यावरण जैसा नाजुक और वैश्विक सरोकार इसकी प्रमुख प्रथमिकताओं में शामिल है। सुदीर्ध अनुभव वाले संपादकीय सहयोगियों के संपादन में पत्रिका बेहतर प्रतिसाद के साथ उत्तरोत्तर प्रगति के सोपान तय कर रही है। छह महीने की इस शिशु पत्रिका का अत्यंत सुरुचिपूर्ण वेब पोर्टल: "निरंतर पहल डॉट इन "सुधी पाठको को सौपते हुए अत्यंत खुशी हो रही है। संपादक समीर दीवान
Address
Raipur
Phone
+(91) 9893260359