• 28 Apr, 2025

टैक्स नहीं देने वाले व्यापारियों पर कसा शिकंजा

टैक्स नहीं देने वाले व्यापारियों पर कसा शिकंजा

• छत्तीसगढ़ में ईडी, आईटी के बाद सेंट्रल जीएसटी सक्रिय, 6 हजार व्यापारियों को नोटिस

रायपुर। छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के बहुत पहले से केन्द्र सरकार की एजेंसियां एनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट और इनकम टैक्स सक्रिय हो गईं थीं। मनी लांड्रिंग और बेहिसाब संपत्ति के मामले में दर्जनों छापेमारी भी की गई। अब चुनाव संपन्न हो जाने के बाद अब सेंट्रल जीएसटी ने ऐसे हजारों कारोबारियों पर अपना शिकंजा कसा है जिन्होंने बकाया टैक्स या तो जमा ही नहीं किया है या फिर जीएसटी का रिटर्न  ही दाखिल नहीं किया हुआ है।  पता चला है कि  ऐसे कम से कम 6 हजार व्यापारियों का पता लगा कर उनको नोटिस जारी किया गया है। एक साथ इतनी बड़ी तादात में नोटिस इश्यू होने से व्यारारियों में हडकंप मचा हुआ है। 
      
  कारोबारियों के संघ का आरोप है कि पहले ही आचार संहिता के नाम पर ई-वे बिल के नाम पर मनमाने तरीके से गाड़ियां रोकी गई हैं। इसके बाद अब इस तरह हजारों की संख्या में नोटिस जारी कर परेशान किया जा रहा है। इस पर सेंट्रल एजेंसियों की राय जानने की कोशिश की गई तो पता  सेंट्रल जीएसटी अफसरों ने बताया कि जिन्हें नोटिस जारी किए गए हैं वे या तो विवादित हिसाब वाले व्यापारी हैं या  फिर उन्होंने टैक्स -रिटर्न दाखिल नहीं किया हुआ है। टैक्स जमा नहीं कर पाने वाले व्यापारियों को कुछ अरसा पहले नोटिस जारी किया गया था। इस पर उनका जवाब आना चाहिये था। जिन्होंने नोटिस का जवाब नहीं दिया उन्हें ही नोटिस भेजे गए हैं। 
  
  सेंट्रल जीएसटी के मुताबिक छत्तीसगढ़ में 2017-2018 के विवादित मामलों के निराकरण के लिए 30 सितंबर तक का समय दिया गया था। इसी तरह 2018-2019 के प्रकरणों के निराकरण के लिए दिसंबर 2023 और 2019 से 2020 के पेंडिंग मामले खत्म करने के लिए मार्च 2024 तक की डेडलाइन रखी गई है।

  कहा गया कि सितंबर 2023 तक जिन मामलों का निराकरण नहीं हुआ है उन्हें सबसे पहले नोटिस जारी की गई है।  इनके अलावा जिन व्यापारियों की डेडलाइन दिसंबर 2023 है उन्हें बकाया टैक्स जमा  करने रिमाइंडर भेजा जा रहा है। 2017-2018 के कई मामले तो टैक्स चोरी वाले भी हैं। ऐसे व्यापारियों ने कुछ समय भी मांगा था। इसके बाद भी इन्होंने टैक्स जमा नहीं किया। 

चुनाव के दौरान नाकों पर जांच ने किया परेशान

छत्तीसगगढ़ सहित पांच राज्यों में हुए विधानसभा के चुनाव के लिए लगे आचार संहिता के समय छापे तो कम मारे गए पर जांच चौकियों में गाड़ियां सबसे ज्यादा रोकी गईं। इस पर कारोबारी संगठनों का आरोप है कि इस समय ई-वे बिल के नाम पर गाड़िया जबरदस्ती रोकी गईं। कई यात्री गाड़ियों को रोकने की वजह से आम यात्री भी नाराज होते रहे। विभाग ने पिछले महीने अक्टूबर 2023 में 5.53 करोड़ रुपये की इनपुट टैक्स क्रेडिट चोरी करने के मामले में रायपुर के एक कारोबारी को गिरफ्तार किया था। नवंबर में तो टैक्स चोरी के मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई। संकेत हैं कि अगले महीने दिसंबर में राज्य के अनेक जिलों में एक साथ छापेमारी की तैयारी कर ली गई है। 

रायपुर -बिलासपुर में ट्रिब्युनल 

शहर के चार्टड एकाउंटेंट्स से मिली खबर के मुताबिक केन्द्र सरकार की ओर से जीएसटी से संबंधित प्रकरणों का निराकरण करने के लिए ट्रिब्युनल गठन का आदेश जारी किया गया है। छत्तीसगढ़ में यह ट्रिब्युनल कोर्ट रायपुर और बिलासपुर में ही बनेगा। इसके लिए अधिसूचना जारी कर दी गई है। जल्द ही नया सेट-अप और अपील का पूरा सिस्टम तैयार हो जाएगा। कहा जा रहा है कि ट्रिब्युनल में ज्यादातर काम ऑन लाइन ही होंगे। ट्रिब्युनल में व्यापारी उन मामलों को ले  जा सकते हैं जिनके स्थानीय स्तर पर हुए निराकरण से वे संतुष्ट नहीं हैं। 

लोहा, कोयला, सीमेंट पर नज़र 

छत्तीसगढ़ में सेंट्रल जीएसटी को सबसे ज्यादा टैक्स लोहा, कोयला और सीमेंट के कारोबार से ही मिलता है। दावा किया गया है कि छत्तीसगढ़  से जमा टैक्स की 60 फीसदी रकम इन सेक्टरों से आती है। इसी सेंट्रल जीएसटी को 2023-24 में 16480 करोड़ रुपये की राजस्व वसूली का लक्ष्य मिला है। इसमें एक अप्रैल से 31 अक्टूबर के बीच करीब 9000 करोड़ रुपये की वसूली हो चुकी है। पिछले साल इसी अवधि में केवल 7882 करोड़ रुपये ही जमा किये जा सके थे। इस बार पिछली बार की तुलना में ज्यादा टैक्स जमा होने से विभाग भी संतुष्ट है।