• 28 Apr, 2025

केन्द्रीय मंत्री का घर फूंका

केन्द्रीय मंत्री का घर फूंका

• उपद्रवियों ने रिटायर्ड आईएएस अफसर का वेयरहाउस भी जला दिया | • मंत्री का घर जलाने वाले 17 दंगाई गिरफ्तार |

इंफाल। उत्तर-पूर्व में मणिपुर में हालात काबू से बाहर हो गए हैं। पिछले लगभग दो माह से यहां लगातार हिंसा आगजनी की घटनाएं लगातार जारी हैं। हालात इस कदर खराब हैं कि राजधानी इंफाल में उपद्रवियों ने केन्द्रीय विदेश राज्य मंत्री आर के रंजन सिंह का निजी आवास भी जला दिया। 15 जून गुरुवार रात हुई इस घटना से स्तब्ध मंत्री ने कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है। 
     केन्द्रीय मंत्री के घर पर हमले और आगजनी के मामले में पुलिस ने तत्काल बाद ही 17 दंगाइयों को गिरफ्तार किया है। बताया गया है कि राहत की बात यह थी कि वारदात और उपद्रव के समय मंत्री के परिवार का कोई भी सदस्य घर पर नहीं था इसलिए जनहानि नहीं हुई। वारदात की सूचना मिलते ही आधिकारिक दौरे पर केरल गए मंत्री आरके रंजन सिंह अपने सारे कार्यक्रम रद्द कर मणिपुर वापस लौट गए। मणिपुर में उनकी ही पार्टी भारतीय जनता पार्टी की सरकार है। 
   यह मामला अभी थमा ही नहीं था कि दूसरे दिन शुक्रवार 16 जून को उपद्रवियों ने इंफाल पैलेस मैदान के पास आदिवासी समुदाय के सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी के एक वेयरहाउस को भी आग के हवाले कर दिया।  जगह-जगह आगजनी के बाद आग बुझाने फायर ब्रिगेड और रैपिड एक्शन फोर्स भी पहुंची जिनकी उपद्रवियों के साथ झड़प भी हुई।  हिंसा पर उतारू भीड़ ने ही देर शाम खोमेनलोक इलाके में तीन घरों में आग लगा दी थी। 
   इससे पहले बुधवार 14 जून को राज्य की मंत्री नेमचा किपगेन के इंफाल पश्चिम जिले के  लाम्फेल स्थित आवास को भी आग के हवाले कर दिया गया था। शांति बहाली के लिए केन्द्र की तरफ से लगातार कोशिशें हो रहीं हैं। 

हमला मेरे जीवन पर – मंत्रीघुसपैठिए जिम्मेदारः सीएम मणिपुरकेन्द्रीय बलों के 30 हजार जवान तैनात 
मुझे अपने ही राज्य के नागरिकों से ऐसी उम्मीद तो बिल्कुल नहीं थी। घर में आग लगाने के बाद उपद्रवियों ने घर तक दमकल की गाड़ी तक नहीं पहुंचने दी। ऐसा लगता है जैसे यह तो मेरे जीवन पर हमला है। मणिपुर में  कानून व्यवस्था तो जैसे खत्म हो चुकी है और मौजूदा सरकार शांति व्यवस्था बनाए रखने में विफल साबित हुई है।  मैने इस बारे में पीएम मोदी औऱ गृहमंत्री को बता दिया है। 
- आर के रंजन सिंह, विदेश राज्य मंत्री भारत सरकार
यहां चल रही हिंसा दो समुदायों के बीच दुश्मनी का मामला है। हिंसा के लिए घुसपैठिये जिम्मेदार हैं। शांति बहाली की कोशिशें जारी है सभी मंत्री और विधायक हिंसा प्रभावित जिलों का दौरा कर रहे हैं। हम लोगों और नागरिक संगठनों से मिलकर हालात सामान्य करने में जुटे हैं। 
- एन बिरेन सिंह, सीएम मणिपुर 
 सेना समेत केन्द्रीय सुरक्षा बलों के 30 हजार जवानों को प्रभावित इलाकों में कानून व्यवस्था की स्थिति संभालने के लिए तैनात किया गया है। इनमें केन्द्रीय अर्धसैनिक बलों की 8 हजार बटालियनें, सेना के 80 कॉलम ( एक कॉलम में 80 से 100 जवान होते हैं) और असम राइफल्स के 67 कालम लगाए गए हैं।