अब महाराष्ट्र-झारखंड में चुनावी सरगर्मियां तेज..
■ भाजपा ने दोनों राज्यों में लगाई सौगातों -वादों की झड़ी ■ विपक्षी खेमा भी सक्रिय हुआ ■ इन दोनों राज्यों में चुनाव नवंबर में होने की चर्चा
• भूपेश बघेल के खिलाफ सांसद विजय बघेल को दी टिकट • प्रदेश में चार पूर्व विधायकों और एक सांसद के अलावा 16 नए चेहरों को मिला मौका • मघ्यप्रदेश में 39 और छत्तीसगढ़ में 21 नामों की हुई घोषणा • कर्नाटक में मिली हार के बाद पार्टी फूंक फूंक कर कदम रख रही है। • 21 की सूची में पांच महिलाओं को मिला है मौका
रायपुर। चुनाव की विधिवत घोषणा से पहले यूं तो सभी पार्टियां अपनी तैयारियां शुरू कर ही चुकी होती हैं पर भाजपा इस मामले में वैसे भी बाकी सभी पार्टियों से ज्यादा त्वरा से काम करती है। लगभग हमेशा ही उनके प्रत्याशी चुनाव की घोषणा के पहले तय हो चुके होते हैं पर इस बार तो उसने चौकाते हुए आचार संहिता से काफी पहले न केवल नाम तय किए बल्कि उस सूची में 21 की बाकायदा घोषणा भी कर दी।
भाजपा ने मध्यप्रदेश में 39 और छत्तीसगढ़ के लिए 21 नामों की सूची घोषित कर दी। यह पार्टी की तैयारियों और उसके विश्वास के स्तर की ओर इशारा करता है। पार्टी ने दोनो प्रदेशों के लिए जारी प्रत्याशियों की सूची में जेंडर समानता का ख्याल भी रहा है दोनों जगहों की सूची में पांच – पांच महिला प्रत्याशियों को शामिल किया गया है। भाजपा ने इस सूची एक तरह से अपनी रणनीति का भी इजहार किया है। भाजपा की जारी सूची के अनुसार पार्टी ने मुख्यमंत्री की विधानसभा सीट पाटन से पूर्व विधायक और दुर्ग लोकसभा सीट से सांसद विजय बघेल को चुनाव मैदान में उतारा है । मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में इस साल नवंबर – दिसंबर 2023 में विधानसभा चुनाव होने हैं।
चुनाव की तारीखों के ऐलान से पहले ही अपने उम्मीदवारों के नामों की एक बड़ी सूची जारी कर भाजपा ने एक तरह से अपनी आक्रामक रणनीति और स्थिरता को साफ कर दिया है। छत्तीसगढ़ की जारी इनकी पहली सूची में चार पूर्व विधायक और सांसद के अलावा 16 नए चेहरों को शामिल किया गया है।
भाजपा को कर्नाटक चुनाव में साल के शुरूआत में ही मिली करारी हार बाद पार्टी एक और हार बर्दश्त करने की स्थिति में नहीं है क्यों कि इससे कार्यकर्ताओं के मनोबल पर इस तरह की हार का विपरीत असर होता है। इस साल के अंत में राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम के साथ छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश उन पांच राज्यों में शामिल हैं जहां चुनाव होने हैं। छत्तीगगढ़ के पर्व मूख्यमंत्री डॉ रमन सिंह और कई वरिष्ठ नेताओं के नाम भी भाजपा की पहली सूची में नहीं हैं।
पहली सूची में ज्यादातर कमजोर सीटें
भीतरी सूत्रों की मानें तो भाजपा ने पहली सूची उन सीटों की जारी की है जहां पार्टी को कई कारणों से कमजोर माना जा रहा है। इनमें से अधिकतर सीटों पर पार्टी को पिछले कई चुनावों में लगातार हार का सामना करना पड़ता रहा है। भाजपा ने पिछले दिनों जिन 21 सीटों के लिए नए चेहरों की साथ सूची जारी की उनमें से ज्यादातर ऐसी सीटें हैं जिन पर भाजपा लगातार शिकस्त देखती आ रही है। जैसे (मरवाही जहां से पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी चुनाव लड़ते थे और खरसिया जहां से नंद कुमार पटेल चुनाव लड़ा करते थे. ) इन सीटों पर पार्टी लगातार हार का सामना कर रही है। कहा गया है कि जल्द सूची जारी करने से इन सीटों के प्रत्याशियों को काम करने का ज्यादा समय मिल सकेगा साथ ही कार्यकर्ता भी उत्साह से काम कर सकेंगे।
पांच महिलाओं को मौका दिया गया भाजपा ने पहली सूची में पांच महिलाओं को मौका दिया है। भटगांव से लक्ष्मी रजवाड़े, प्रतापुर से (अजजा) शंकुतला सिंह पोर्ते, सरायपाली (अजा) से सरला कोसरिया, खल्लारी से अल्का चंद्राकर और खुज्जी से गीता घासी साहू को टिकिट दिए गए हैं। इसके साथ ही पार्टी ने रामानुजगंज अजजा विस सीट से पूर्व विधायक और पूर्व मंत्री रामविचार नेताम ,कोरबा विधानसभा सीट से विधायक लखनलाल देवांगन, सिहावा ( अजजा ) विधानसभा सीट से पूर्व विधायक श्रवण मरकाम और मोहला मानपुर( अजजा) विधानसभा सीट से पूर्व विधायक संजीव शाह को चुनाव मैदान में उतारने का फैसला किया है। लखनलाल देवांगन अब तक कटघोरा सीट से चुनाव लड़ रहे थे। | ये हैं नए चेहरे भाजपा के ... अचानक ही जारी पहली सूची में भाजपा ने जिन नए चेहरों को मौका दिया है वे हैं- प्रेमनगर से भूलन सिंह मरावी, भटगांव से लक्ष्मी रजवाड़े, प्रतापपुर से ( अजजा) शकुंतला सिंह पोर्ते, लुंड्रा से प्रबोध मिंज, खरसिया से महेश साहू, धर्मजयगढ़ (अजजा) से हरीशचंद राठिया, मरवाही अजजा से प्रणव कुमार मरपच्ची, सरायपाली (अजा) से सरला कोसरिया, खल्लारी से अलका चंद्राकर, अभनपुर से इंद्रकुमार साहू, राजिम से रोहित साहू, डौंडी लोहारा (अजजा) से देवलाल हल्बा ठाकुर,खैरागढ़ से विक्रांत सिंह, खुज्जी से गीता घासी साहू, कांकेर (अजजा) से आशाराम नेताम और बस्तर ( अजजा ) से मनीराम कश्यप शामिल हैं। |
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वर्तमान स्थिति क्या है-
■ भाजपा ने दोनों राज्यों में लगाई सौगातों -वादों की झड़ी ■ विपक्षी खेमा भी सक्रिय हुआ ■ इन दोनों राज्यों में चुनाव नवंबर में होने की चर्चा
हम एक धर्म निरपेक्ष देश हैं । हमारे निर्देश सभी के लिए होंगे। चाहे वे किसी धर्म या व्यवसाय के हों। अगर सड़क के बीच में कोई धार्मिक संरचना है फिर वह गुरूद्वारा हो, दरगाह या फिर मंदिर, तो उसे हटाना ही पड़ेगा। यह जनता के आवागमन में बाधा नहीं डाल सकती। साथ ही अवैध निर्माण तोड़ने से पहले पर्याप्त समय देना चाहिए। महिलाओं और बच्चों को सड़क पर देखना अच्छा नहीं । - जस्टिस बी.आर. गवई
हम एक धर्म निरपेक्ष देश हैं । हमारे निर्देश सभी के लिए होंगे। चाहे वे किसी धर्म या व्यवसाय के हों। अगर सड़क के बीच में कोई धार्मिक संरचना है फिर वह गुरूद्वारा हो, दरगाह या फिर मंदिर, तो उसे हटाना ही पड़ेगा। यह जनता के आवागमन में बाधा नहीं डाल सकती। साथ ही अवैध निर्माण तोड़ने से पहले पर्याप्त समय देना चाहिए। महिलाओं और बच्चों को सड़क पर देखना अच्छा नहीं । - जस्टिस बी.आर. गवई
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