• 28 Apr, 2025

संसदः सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा

संसदः सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा

• पीएम मणिपुर क्यों नहीं गए- विपक्ष | • हर दिन मंत्री कर रहे दौरा- एनडीए | • वीडियो सामने नहीं आते तो पता ही नहीं चलता कि मणिपुर में क्या हो रहा है |

नई दिल्ली।  विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर 8 अगस्त मंगलवार को लोकसभा में चर्चा शुरू हुई, इसके साथ ही तीन दिन में कुल 18 घंटे चर्चा हुई। शुरुआत कांग्रेस ने की और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर मणिपुर में जातीय हिंसा और चीनी घुसपैठ जैसे मुद्दों  पर मौन रहने का आरोप लगाया। इसके साथ यही भी कहा कि ऐसी हालत में विपक्षी दल अविश्वास प्रस्ताव लाने मजबूर हुए हैं ताकि सरकार कुछ बोले। 

सांसद निशीकांत दुबे ने भाजपा की ओर से जवाबी हमला किया। उन्होंने सरकार के खिलाफ विपक्षी दलों की आलोचना करते हुए कहा कि यह- गरीब व्यक्ति के बेटे के खिलाफ अविश्वास मत है। जिसने कल्याण के लिए काम किया।  समाजवादी पार्टी की सांसद डिम्पल यादव ने कहा यदि वीडियो सामने नहीं आते तो पता ही नहीं चलता कि मणिपुर में क्या चल रहा है।

सदन में चर्चा की शुरूआत पहले राहुल गांधी करने वाले थे। इस बारे में लोकसभा सचिवालय को सुबह 11.55 बजे इसकी सूचना भी दी गई थी। बाद में शुरुआत गौरव गोगोई ने की। इस पर संसदीय कार्यमंत्री प्रहलाद जोशी ने सवाल किया कि 5 मिनट में ऐसा क्या हो गया। चर्चा की पहले दिन नए विपक्षी गठबंधन इंडिया की ओर से कांग्रेस, सपा, डीएमके,तृणमूल कांग्रेस ने चर्चा में हिस्सा लिया।  इस पर एनडीए (नेशलन  डेमोक्रेटिक एलायंस ) से भाजपा और शिवसेना (शिंदे गुट) ने जवाब दिया।   
 

  • पीएम मोदी ने कहा- विपक्षी गठबंधन- घमंडिया
  • नफरत वोट हासिल करने का हथियार बन गई है- गोगोई

असम के सांसद गौरव गोगोई ने अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा की शुरूआत करते पीएम मोदी से मणिपुर संबंधी तीन सवाल पूछे।
1. पीएम मोदी ने मणिपुर का दौरा क्यों नहीं किया 
2. राज्य को इस पर चुप्पी तोड़ने में 80 दिन क्यों लगे
3. पीएम ने सीएम को बर्खास्त क्यों नहीं किया

गोगोई ने इसके साथ ही तीन प्रमुख मांगें भी रखीं और कहा कि विपक्ष चाहता है कि पीएम मोदी मणिपुर जाएं। उत्तर पूर्वी राज्य में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करें। साथ ही विभिन्न संगठनों से मिल कर मणिपुर में शांति बहाली की कोशिश करें। 

पीएम मोदी की चुप्पी के कारण गिनाते हुए सांसद गौरव गोगोई ने आरोप लगाया कि ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि राज्य सरकार मणिपुर में हो रही हिंसा से निबटने में नाकामयाब रही। उन्होंने कहा कि यह गंभीर चिंता का विषय है कि एक भारत की बात करने वाली सरकार ने दो मणिपुर बना दिये- एक पहाड़ पर रहने वाला और दूसरा घाटी में रहने वाला।  लगता है चाहे मणिपुर हो, हरियाणा हो, कर्नाटक हो या फिर मध्यप्रदेश हो – नफरत वोट हासिल करने का हथियार बन गई है। 

  • वीपक्षी आपस में लड़ रहे और खुद को इंडिया कहते हैं- दुबे

भाजपा के सांसद निशिकांत दुबे ने विपक्षी गठबंधन की आलोचना करते हुए कहा कि वे तो आपस में ही लड़ रहे हैँ और खुद को इंडिया कहते हैं।  दुबे ने चर्चा के पहले ही दिन सदन में मौजूद सोनिया गांधी और राहुल गांधी पर कटाक्ष किया कहा कि सोनिया पारंपरिक भारतीय महिला के तौर तरीकों का अनुसरण कर रही हैं कि बेटे को सेट करना है, दामाद को भेंट करना है। 

  • दुबे ने गैरकांग्रेसी दलों का नाम लेते हुए कहा कि अतीत में कांग्रेस ने उन्हें निशाना बनाया था लेकिन अब वे सब साथ हैं। 1976 में कांग्रेस ने करुणानिधि सरकार बर्खास्त कर दी थी।  1980 में कांग्रेस सरकार सत्ता में आई तो डीएमके समर्थन में थी। 
     
  • केन्द्रीय मंत्री किरन रिजिजू ने कहा- जब सरकार बनी तो पहली कैबिनेट मीटिंग में पीएम मोदी ने एक ग्रुप बनाकर कहा था कि हर 15 दिन में 5 कैबिनेट मंत्रियों और 7 राज्यमंत्रियों को पूर्वोत्तर के प्रदेशों का दौरा करना चाहिए।  यह अभी भी चल रहा है कि वहां बैठे सभी मंत्रियों  ने पूर्वोत्तर का दौरा किया है। इस पर जयराम रमेश ने चुनौती दी कि रिजिजू 97 दिन में केन्द्रीय मंत्रियों के मणिपुर दौरे का ब्यौरा सदन में पेश करें।
     
  • बीजू जनता दल—इधर बीजद ने कहा – हम तो केन्द्र के आभारी
    बीजेडी ने अविश्वास प्रस्ताव का विरोध किया है।  सांसद पिनाकी मिश्रा ने कहा कि उनकी पार्टी प्रस्ताव का समर्थन नहीं कर सकती क्योंकि केन्द्र ने ओडिशा के लिए अनेक काम किये हैं।  हम पार्टी के रूप में भले ही भाजपा के खिलाफ हैं लेकिन मैं केन्द्र सरकार का आभारी हूँ। इस कारण हम इस अविश्वास प्रस्ताव का विरोध करते हैं। 
     
  •  पीएम मोदी ने कहा- विपक्षी घटक दलों ने आपासी विश्वास जांचने लाया अविश्वास प्रस्ताव....
    अविश्वास प्रस्ताव पर लोकसभा में शुरू होने से पहले भाजपा ने संसद भवन परिसर में भाजपा संसदीय दल की बैठक बुलाई जिसमें पीएम नरेन्द्र मोदी सहित संसदीय दल के सभी सदस्य मौजूद थे। इस बैठक में मोदी ने कहा कि विपक्षी गठबंधन खुद ही अविश्वास से भरा हुआ है। घटक दलों के विश्वास को परखने के लिए ही अविश्वास प्रस्ताव लेकर आया है। मोदी ने विपक्षी गठबंधन को घमंडिया करार दिया है।