अब महाराष्ट्र-झारखंड में चुनावी सरगर्मियां तेज..
■ भाजपा ने दोनों राज्यों में लगाई सौगातों -वादों की झड़ी ■ विपक्षी खेमा भी सक्रिय हुआ ■ इन दोनों राज्यों में चुनाव नवंबर में होने की चर्चा
• पीएम मणिपुर क्यों नहीं गए- विपक्ष | • हर दिन मंत्री कर रहे दौरा- एनडीए | • वीडियो सामने नहीं आते तो पता ही नहीं चलता कि मणिपुर में क्या हो रहा है |
नई दिल्ली। विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर 8 अगस्त मंगलवार को लोकसभा में चर्चा शुरू हुई, इसके साथ ही तीन दिन में कुल 18 घंटे चर्चा हुई। शुरुआत कांग्रेस ने की और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर मणिपुर में जातीय हिंसा और चीनी घुसपैठ जैसे मुद्दों पर मौन रहने का आरोप लगाया। इसके साथ यही भी कहा कि ऐसी हालत में विपक्षी दल अविश्वास प्रस्ताव लाने मजबूर हुए हैं ताकि सरकार कुछ बोले।
सांसद निशीकांत दुबे ने भाजपा की ओर से जवाबी हमला किया। उन्होंने सरकार के खिलाफ विपक्षी दलों की आलोचना करते हुए कहा कि यह- गरीब व्यक्ति के बेटे के खिलाफ अविश्वास मत है। जिसने कल्याण के लिए काम किया। समाजवादी पार्टी की सांसद डिम्पल यादव ने कहा यदि वीडियो सामने नहीं आते तो पता ही नहीं चलता कि मणिपुर में क्या चल रहा है।
सदन में चर्चा की शुरूआत पहले राहुल गांधी करने वाले थे। इस बारे में लोकसभा सचिवालय को सुबह 11.55 बजे इसकी सूचना भी दी गई थी। बाद में शुरुआत गौरव गोगोई ने की। इस पर संसदीय कार्यमंत्री प्रहलाद जोशी ने सवाल किया कि 5 मिनट में ऐसा क्या हो गया। चर्चा की पहले दिन नए विपक्षी गठबंधन इंडिया की ओर से कांग्रेस, सपा, डीएमके,तृणमूल कांग्रेस ने चर्चा में हिस्सा लिया। इस पर एनडीए (नेशलन डेमोक्रेटिक एलायंस ) से भाजपा और शिवसेना (शिंदे गुट) ने जवाब दिया।
असम के सांसद गौरव गोगोई ने अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा की शुरूआत करते पीएम मोदी से मणिपुर संबंधी तीन सवाल पूछे।
1. पीएम मोदी ने मणिपुर का दौरा क्यों नहीं किया
2. राज्य को इस पर चुप्पी तोड़ने में 80 दिन क्यों लगे
3. पीएम ने सीएम को बर्खास्त क्यों नहीं किया
गोगोई ने इसके साथ ही तीन प्रमुख मांगें भी रखीं और कहा कि विपक्ष चाहता है कि पीएम मोदी मणिपुर जाएं। उत्तर पूर्वी राज्य में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करें। साथ ही विभिन्न संगठनों से मिल कर मणिपुर में शांति बहाली की कोशिश करें।
पीएम मोदी की चुप्पी के कारण गिनाते हुए सांसद गौरव गोगोई ने आरोप लगाया कि ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि राज्य सरकार मणिपुर में हो रही हिंसा से निबटने में नाकामयाब रही। उन्होंने कहा कि यह गंभीर चिंता का विषय है कि एक भारत की बात करने वाली सरकार ने दो मणिपुर बना दिये- एक पहाड़ पर रहने वाला और दूसरा घाटी में रहने वाला। लगता है चाहे मणिपुर हो, हरियाणा हो, कर्नाटक हो या फिर मध्यप्रदेश हो – नफरत वोट हासिल करने का हथियार बन गई है।
भाजपा के सांसद निशिकांत दुबे ने विपक्षी गठबंधन की आलोचना करते हुए कहा कि वे तो आपस में ही लड़ रहे हैँ और खुद को इंडिया कहते हैं। दुबे ने चर्चा के पहले ही दिन सदन में मौजूद सोनिया गांधी और राहुल गांधी पर कटाक्ष किया कहा कि सोनिया पारंपरिक भारतीय महिला के तौर तरीकों का अनुसरण कर रही हैं कि बेटे को सेट करना है, दामाद को भेंट करना है।
■ भाजपा ने दोनों राज्यों में लगाई सौगातों -वादों की झड़ी ■ विपक्षी खेमा भी सक्रिय हुआ ■ इन दोनों राज्यों में चुनाव नवंबर में होने की चर्चा
हम एक धर्म निरपेक्ष देश हैं । हमारे निर्देश सभी के लिए होंगे। चाहे वे किसी धर्म या व्यवसाय के हों। अगर सड़क के बीच में कोई धार्मिक संरचना है फिर वह गुरूद्वारा हो, दरगाह या फिर मंदिर, तो उसे हटाना ही पड़ेगा। यह जनता के आवागमन में बाधा नहीं डाल सकती। साथ ही अवैध निर्माण तोड़ने से पहले पर्याप्त समय देना चाहिए। महिलाओं और बच्चों को सड़क पर देखना अच्छा नहीं । - जस्टिस बी.आर. गवई
हम एक धर्म निरपेक्ष देश हैं । हमारे निर्देश सभी के लिए होंगे। चाहे वे किसी धर्म या व्यवसाय के हों। अगर सड़क के बीच में कोई धार्मिक संरचना है फिर वह गुरूद्वारा हो, दरगाह या फिर मंदिर, तो उसे हटाना ही पड़ेगा। यह जनता के आवागमन में बाधा नहीं डाल सकती। साथ ही अवैध निर्माण तोड़ने से पहले पर्याप्त समय देना चाहिए। महिलाओं और बच्चों को सड़क पर देखना अच्छा नहीं । - जस्टिस बी.आर. गवई
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