अब महाराष्ट्र-झारखंड में चुनावी सरगर्मियां तेज..
■ भाजपा ने दोनों राज्यों में लगाई सौगातों -वादों की झड़ी ■ विपक्षी खेमा भी सक्रिय हुआ ■ इन दोनों राज्यों में चुनाव नवंबर में होने की चर्चा
• किसान निधि 6 हजार से बढ़ाकर 8 हजार करने की तैयारी, इसी माह प्रस्ताव पेश होने की संभावना...
नई दिल्ली। चुनाव के ऐलान के पहले ही सियासी ताकतें वोट में इजाफा करने और लोगों को वोट में बदलने की हर चंद कोशिशें करतीं हैं। अभी तो केंन्द्र सरकार पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के पहले किसान सम्मान निधि की रकम बढ़ाने की घोषणा कर सकती है। अभी एक किसान परिवार को सालाना छह हजार रुपये मिलते हैं। कहा जा रहा है कि अब उऩ्हें 8 हजार रुपये देने की तैयारी की जा रही है। यदि ऐसा होता है तो किसानों के परिवारों को 2 हजार रुपये का लाभ होगा। कहा जा रहा है कि इस फैसले से साढ़े 8 करोड़ किसान परिवारों को फायदा होगा। यह पैसा डायरेक्ट बेनिफिट स्कीम के तहत मिलता है।
केन्द्र सरकार के सूत्रों का कहना है कि इस संबंध में केन्द्रीय केबिनेट की बैठक में इसी महीने एक प्रस्ताव लाया जाएगा। इस मद में बढ़े हुए खर्च और इससे जुड़े अन्य आर्थिक पहलुओं का आकलन किया जा रहा है।
इस बीच यदि चुनाव आयोग आचार संहिता की घोषणा कर देता है तो भी केन्द्र सरकार कैबिनेट में प्रस्ताव पास कराकर चुनाव खत्म होने के बाद फैसले की घोषणा कर सकता है। कहा जा रहा है कि इस योजना का फायदा देश के हर राज्य के किसानों को होना है।
राज्यों में कितने किसान परिवार हैं इसका भी राज्यवार ब्योरा निकाला गया है- जैसे यूपी में 1.86 करोड़, मध्यप्रदेश में 76.42 लाख, बिहार में 75 .66 लाख, राजस्थान मे 56.89 लाख, गुजरात में 45.18 लाख, छत्तीसगढ़ में 20.24 लाख, हरियाणा में 15 .37 लाख और झारखंड में 13.02 लाख आदि।
पहले 11 करोड़ लोगों को मिल रही थी रकम लेकिन अब असल लाभार्थी 8.51 करोड़ ही... किसान सम्मान निधि की शुरुआत 24 फरवरी 2019 से हुई थी। इसके तहत किसानों को तीन किस्तों में 6 हजार रुपये सालाना मिलते हैं। इसके तहत 2019-20 में 9 करोड़, 2020 -21 में 10 करोड़, 2021-22 में 11 करोड़ किसानों को 6 हजार रुपये सालाना ट्रांसफर किये गए। बाद में केन्द्र सरकार ने अपने इस स्कीम की समीक्षा की तो पात्र लाभार्थियों की संख्या घटकर 10.60 करोड़ रह गई । इसके बाद केन्द्र सरकार ने इसकी एक बार और छानबीन की तो पता चला कि असल लाभार्थी तो इसमें 8.51 करोड़ ही हैं। अब सरकार का मानना है कि रकम 2 हजार रुपये बढ़ाने से केन्द्र की ओर से जारी होने वाली रकम नहीं बढ़ेगी। |
■ भाजपा ने दोनों राज्यों में लगाई सौगातों -वादों की झड़ी ■ विपक्षी खेमा भी सक्रिय हुआ ■ इन दोनों राज्यों में चुनाव नवंबर में होने की चर्चा
हम एक धर्म निरपेक्ष देश हैं । हमारे निर्देश सभी के लिए होंगे। चाहे वे किसी धर्म या व्यवसाय के हों। अगर सड़क के बीच में कोई धार्मिक संरचना है फिर वह गुरूद्वारा हो, दरगाह या फिर मंदिर, तो उसे हटाना ही पड़ेगा। यह जनता के आवागमन में बाधा नहीं डाल सकती। साथ ही अवैध निर्माण तोड़ने से पहले पर्याप्त समय देना चाहिए। महिलाओं और बच्चों को सड़क पर देखना अच्छा नहीं । - जस्टिस बी.आर. गवई
हम एक धर्म निरपेक्ष देश हैं । हमारे निर्देश सभी के लिए होंगे। चाहे वे किसी धर्म या व्यवसाय के हों। अगर सड़क के बीच में कोई धार्मिक संरचना है फिर वह गुरूद्वारा हो, दरगाह या फिर मंदिर, तो उसे हटाना ही पड़ेगा। यह जनता के आवागमन में बाधा नहीं डाल सकती। साथ ही अवैध निर्माण तोड़ने से पहले पर्याप्त समय देना चाहिए। महिलाओं और बच्चों को सड़क पर देखना अच्छा नहीं । - जस्टिस बी.आर. गवई
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