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• चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाले पहले देश हैं हम
बेंगलूरु। भारत दुनिया का ऐसा पहला देश बन गया है जिसने चांद के दक्षिणी ध्रुव पर अपना यान उतार कर इतिहास रच दिया है। इससे चार साल पहले अपने एक गंभीर प्रयास में विफल होने के बाद भारतीय उपग्रह अनुसंधान संस्थान इसरो के वरिष्ठ वैज्ञानिकों ने और अधिक अतिरिक्त सावधानियों के साथ चंद्रयान-3 को कुछ इस तरह तैयार किया था कि उसे सफलता मिलनी लगभग तय थी। और देश की पूरी आबादी इस पल का दमसाधे इंतजार कर रही थी। चंद्रयान -3 करोड़ों देश वासियों की प्रार्थनाओं, दुआओं और शुभकामनाओं से सिक्त अपने तय पथ पर चलते हुए चांद की सतह के ऊपर से नीचे उतरने लगा और यान का लैंडर मॉड्यूल विक्रम 23 अगस्त बुधवार को शाम 6. 04 मिनट पर अपने तय समय से दो मिनट पहले ही चांद की सतह पर सफलता पूर्वक उतर गया।
उल्लेखनीय है कि अमरीका, रूस और चीन के बाद भारत चांद की सतह पर पहुंचने वाला दुनिया का चौथा देश बन गया है हालांकि चांद के कठिन और अंधेर दक्षिण ध्रुव में उतरने वाला पहला देश बन गया है।
भारतीय उपग्रह अनुसंधान संस्थान इसरो के वरिष्ठ वैज्ञानिकों ने इस सफलता से आज हर भारतीय गर्व से लबालब है। इसरो ने वह कर दियाया जिसका सभी को इंतजार था। भारतीय उपग्रह अनुसंधान संस्थान इसरो के वरिष्ठ वैज्ञानिकों ने साफ्ट लैंडिंग के आखिरी समय को 20 मिनट का खौफ करार दिया था। और सचमुच इन्हीं 20 मिनटों में देश को इतिहास भी रचना था। शाम को लैंडिंग के तय समय से पहले 5. 47 मिनट पर धड़कने सम्हालने वाला वह समय शुरू हुआ । बैंगलूरु स्थित इसरो के मिशन आपरेशन्स कॉम्प्लेक्स ( एम ओ एक्स ) में दम साधे बैठे वैज्ञानिकों के चेहरों पर चिंता की रेखाएं थीं और देशभर में टीवी के सामने बैठे करोड़ों उत्साही भारतीय सांस थामें हुए उस गरिमामयी स्वर्णिम पलों का साक्षी बनने का इंतजार कर रहे थे।
चांद की सतह की ओर बढ़ते लैंडर के एक एक-कदम के साथ देशवासियों की भी धड़कनें भी बढ़ रहीं थीं।
अंततः तय समय से थोड़ा पहले ही लैंडर चांद के एकदम करीब पहुंच गया, तनाव के 20 मिनट खत्म हुए और विक्रम की सॉफ्ट लैंडिंग के साथ ही वैज्ञानिकों के साथ ही सारा देश एक साथ अपार खुशी से झूम उठा । यह पूरे देश के लिए अविस्मरणीय पल बन गया।
इसरो प्रमुख को फोन पर पीएम मोदी ने दी बधाई, कहा आपका तो नाम ही चांद से जुड़ा है- सोमनाथ जी
ब्रिक्स सम्मलेन में शिरकत करने जोहांसबर्ग गए देश के पीएम नरेन्द्र मोदी वीडियो कांफेंसिंग के जरिये जुड़कर विक्रम की सॉफ्ट लैंडिंग को लाइव देखा। उन्होंने इसरो प्रमुख सोमनाथ को फोन किया और इस शानदार कामयाबी के लिए बधाइयां देते हुए कहा – सोमनाथ जी आपाका तो नाम ही सोमनाथ है जो चंद्रमा से जुड़ा है और इसलिए आपके परिवार वाले भी आज बहुत खुश होंगे। मेरी तरफ से आपको और आपकी पूरी टीम को बहुत बहुत बधाई।
पीएम मोदी ने कहा – यह पल अविस्मरणीय है, अभूतपूर्व है विकसित राष्ट्र के शंखनाद का है। यह क्षण विकसित भारत के जयघोष का है। यह क्षण जीत के चंद्रपथ पर चलने का है। यह क्षण देश की 140 करोड़ धड़कनों का सामर्थ्य का है। यह क्षण भारत में नई ऊर्जा, नए विश्वास, नई चेतना का है। यह क्षण भारत के उदीयमान भाग्य के आह्वान का है। हम अपनी आंखों के सामने ऐसा इतिहास बनते हुए देखते हैं तो जीवन धन्य हो जाता है। ऐसी ऐतिहासिक घटनाएं राष्ट्रीय जीवन की चिरंजीवी चेतना बन जाती हैँ। - नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री.
इतिहास रचा.. भूगोल को भी नया रूप – राष्ट्रपति मुर्मू
ऐसे दिन होते हैं जब इतिहास बनता है। चंद्रयान तीन की सफल लैंडिंग के साथ हमारे दक्ष वैज्ञानिकों ने न केवल इतिहास रचा वरन भूगोल के विचार को भी नया रूप दिया है। इससे भारत गौरवान्वित हुआ है।
खुलेंगे चांद के रहस्य विक्रम के सफल लैंडिंग के बाद अब आगे के 14 दिन बहुत ही महत्वपूर्ण हैं। चार पहियों वाले विक्रम में बने एक विशेष चैम्बर में एक छह पहियों वाला रोवर प्रज्ञान था। चांद की सतह पर सफल लैंडिंग के बाद लैंडर विक्रम के एक पैनल को रैंप की तरह उपयोग कर रोवर प्रज्ञान बाहर निकला। पूर्व इसरो प्रमुख शिवेन ने कहा- चार वर्षों से इस पल का इंतजार ... | पीढ़यों की मेहनत का नतीजा हमारा भारत अब चांद पर है। यह सफलता बहुत बड़ी है और प्रोत्साहित करने वाली है। चंद्रयान-3 की सफलता ने हमें भविष्य में और अधिक चुनौतीपूर्ण अभियानों को पूरा करने आत्मविश्वास प्रदान किया है। यह इसरो के नेतृत्व और वैज्ञानिकों की पीढ़ियों की मेहनत का नतीजा है। |
अब सूर्य व शुक्र लक्ष्य अब सूर्य का रहस्य जानने और शुक्र पर पहुंचना इसरो के लिए नए लक्ष्य हैं। आदित्य एल-1 सूर्य का अध्ययन करने वाली पहली अंतरिक्ष आधारित वैधशाला- श्रीहरिकोटा में प्रक्षेपण के लिये तैयारी हो रही है। इसरो अगस्त के अंत तक या सितंबर की शुरूआत में आदित्य एल -1 भेजेगा। |
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■ हमारे साझा सरोकार "निरंतर पहल" एक गम्भीर विमर्श की राष्ट्रीय मासिक पत्रिका है जो युवा चेतना और लोकजागरण के लिए प्रतिबद्ध है। शिक्षा, स्वास्थ्य, खेती और रोजगार इसके चार प्रमुख विषय हैं। इसके अलावा राजनीति, आर्थिकी, कला साहित्य और खेल - मनोरंजन इस पत्रिका अतिरिक्त आकर्षण हैं। पर्यावरण जैसा नाजुक और वैश्विक सरोकार इसकी प्रमुख प्रथमिकताओं में शामिल है। सुदीर्ध अनुभव वाले संपादकीय सहयोगियों के संपादन में पत्रिका बेहतर प्रतिसाद के साथ उत्तरोत्तर प्रगति के सोपान तय कर रही है। छह महीने की इस शिशु पत्रिका का अत्यंत सुरुचिपूर्ण वेब पोर्टल: "निरंतर पहल डॉट इन "सुधी पाठको को सौपते हुए अत्यंत खुशी हो रही है। संपादक समीर दीवान
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