• 28 Apr, 2025

आदिवासियों के सम्मान का उत्सव

आदिवासियों के सम्मान का उत्सव

रायपुर में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने किया राष्ट्रीय नृत्य महोत्सव का उद्धाटन सोरेन ने मुख्यमंत्री भूपेश बधेल का आभार जताते हुए कहा कि नृत्य महोत्सव का कार्यक्रम अपने आप में अनूठा है। 7 देशों के आदिवासी नर्तक दल समेत देश के 27 राज्यों और 6 केन्द्र शासित प्रदेशों के 59 आदिवासी नर्तक दल शामिल हुए।

रायपुर. छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में 28 अक्टूबर को राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव और राज्योत्सव 2021 का उद्घाटन मुख्य अतिथि झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत और संस्कृत मंत्री अमरजीत भगत भी उपस्थित थे। रंगारंग भव्य समारोह में उन्होंने कहा यह सिर्फ नृत्य महोत्सव नहीं बल्कि ऐसे वर्गों के लिए ‘सम्मान’ है जो शैक्षणिक, सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़ रहे हैं।यह पूरी दुनिया के लिए संदेश है अगर हम चाहें तो आदिवासी समाज सबके साथ कदम से कदम मिला कर चल सकता है। हेमंत सोरेन ने इस आयोजन के लिए मुख्यमंत्री बघेल का आभार जताते हुए कहा कि आदिवासी नृत्य महोत्सव का कार्यक्रम अपने आप में अनूठा है। आदिवासी समाज अपनी सभ्यता, संस्कृति और परंपराओं को बचाने के लिए संघर्षशील है। ऐसे आयोजन से जनजातीय वर्ग को एक ऊर्जा मिलेगी और वे अपनी संस्कृति व सभ्यता को अक्षुण्ण रख सकेंगे। रायपुर साइंस कॉलेज परिसर में शुरू हुए राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव में सात देशों के आदिवासी नर्तक दल समेत देश के 27 राज्यों  और 6 केन्द्र शासित प्रदेशों के 59 आदिवासी नर्तक दल शामिल हुए।  महोत्सव में श्रीलंका, उज्बेकिस्तान, स्वाजीलैंड, नाइजीरिया, मालदीव और यूगांडा के नर्तक दल भी भाग लेने आये थे। परिसर में आयोजित इस महोत्सव में इन आदिवासियों की अद्भुत आंतरिक क्षमता भी देखने को मिली।  अन्य विषयों पर नृत्य प्रतियोगिता- इस अवसर पर नृत्य महोत्सव के उद्घाटन के बाद विवाह संस्कार, पारंपरिक त्योहार, अनुष्ठान,फसल कटाई और कृषि सहित अन्य पारंपरिक विधाओं पर एक अलग नृत्य प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया।  इसमें हिस्सा लेने वाले नर्तक दलों को कुल 20 लाख रुपये की पुरस्कार राशि, प्रमाण पत्र और ट्राफी भी प्रदान की गई। प्रत्येक विधा में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले नर्तक दलों को पांच लाख रुपये, दूसरे स्थान पर आने वाले दलों को तीन-तीन लाख और तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले नर्तक दलों को दो-दो लाख की पुरस्कार राशि से सम्मानित किया गया।