नीति की सराहना, आक्रामक नीति से बैकफुट पर जा रहे नक्सली…
● बैठक- केन्द्रीय गृहमंत्री शाह ने सीएम साय की रणनीति को सराहा ● मंत्री शाह की अपील भटके युवा मुख्यधारा में लौटें
● 150 करोड़ से ज्यादा का नुकसान ● 6 घंटे बाद तक दिखती रहीं लपटें ● गर्मी और धुंए से लोगों का बुरा हाल ● अब तक की सबसे बड़ी अग्नि दुर्धटना
रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में गुढ़ियारी-कोटा रोड स्थित छ्त्तीसगढ़ पावर कंपनी के स्टोर में शुक्रवार 5 अप्रैल की दोपहर भीषण आग लगने से वहां खुले में रखे हजारों ट्रांसफार्मर और बिजली के दूसरे उपकरण जल कर नष्ट हो गए। आठ एकड़ के कैंपस में खुले स्टोर में रखे चार हजार ट्रांसफार्मर में लगातार चार घंटों तक धमाके होते रहे। स्टोर के करीब ही 33 केवी का सब स्टेशन भी है। इसका भी कुछ हिस्सा आग की चपेट में आ गया लेकिन स्टेशन में आग फैल पाती इससे पहले ही आग पर काबू पा लिया गया।
पावर कंपनी के अफसरों के अनुसार वहां रखे गए करीब 150 करोड़ रुपये कीमत के ट्रांसफार्मर और अन्य बिजली के उपकरण नष्ट हो गए। आग इतनी भयावह थी कि पूरा परिसर ही जल कर नष्ट हो गया है। अफसरों ने शुक्रवार रात को बताया कि आग थम तो गई है पर अभी भी पूरी तरह शांत नहीं हुई है। बाहर से भी दमकल की गाड़ियां बुलवाई गईं थीं शनिवार शाम को भी भिलाई से कुछ दमकल आग बुझाने पहुंच ही रही थीं। बताया गया है कि इसे पूरी तरह बुझने में एक दो दिन का समय लगेगा।
अफसरों ने बताया कि पावर कंपनी की खुले इनवेंटरी में लगी आग अब तक की सबसे बड़ी अग्नि दुर्घटना है। जानकारी के मुताबिक शुक्रवार की दोपहर ही करीब एक बजे के आसपास आग लगने की सूचना मिली । छुट्टी होने की वजह से स्टोर में कोई बड़ा अफसर मौजूद नहीं था। सेक्यूरिटी गॉर्ड और कुछ अन्य कर्मचारी ही थे। उन्होंने ही स्टोर में आग लगने की सूचना दी थी। अफसरों ने तत्काल फायर ब्रिगेड को इसकी सूचना दी थी। दमकल गाड़ियों के स्थल पर पहुंचने से पहले ही आग बहुत विकराल हो गई थी। यहां करीब 20 पावर ट्रांसफार्मर पीटी रखे हुए थे इनमें हजारों लीटर आयल भरा हुआ था। यहां आग ने जैसे ही ट्रांसपोर्टरों को चपेट में लिया वैसे ही वे धमाकों के साथ फूटने लगे। इससे आसपास के इलाकों में दहशत भी फैल गई। धमाकों के बाद आग तेजी से फैलने लगी। एक से दूसरे और फिर दूसरे से तीसरे करते हुए सभी बड़े ट्रांसफार्मर आग की चपेट में आते गए। धमाकों के बाद ट्रांसफार्मर एक के बाद एक चपेट में आते गए और पूरा स्टोर ही भयानक आग की लपटों से घिर गया था।
आग बुझाने के लिए आई दमकल की गाड़ियों ने पहले पानी के बौछारों का उपयोग किया पर पावर ट्रांसफार्मर ब्लास्ट होने से उसके भीतर का आयल स्टोर में बिखरने लगा और आयल के पानी की सतह पर आ जाने से आग और तेजी से फैलने लगी। तब तक पहुंची फायर ब्रिगेड की गाड़ियों को आग बुझाने में शुरुआत में बहुत मशक्कत करनी पड़ी पर वे पहले तो असफल ही रहीं।
यहां एसडीआरएफ के अलावा यहां हीरा ग्रुप , अडानी पावर, बीएसपी और एयर पोर्ट अथारिटी की गाड़ियां भी आग पर काबू नहीं पा सकीं थीं। इसके बाद एयर पोर्ट अथारिटी की विशेष गाड़ियों से पानी के साथ फोम की बौछारें की जाने लगीं। इससे भी आग पूरी तरह थम नहीं पाई। इससे परिसर में फैली आग स्टोर में खुले में रखे ट्रांसफार्मरों को पूरी तरह जलाकर राख कर देने के बाद ही पास के 33 केवी के सब स्टेशन तक पहुंच गई। यहां पर आग थोड़ी देर के लिए काबू में आती सी लगी पर फिर धधक उठी।
लगातार आ रही दमकल गाड़ियों से आग शाम तक कुछ काबू में होती दिखी और रात होते होते कम हो गई पर पूरी तरह बुझने में अभी समय लगेगा। शाम 6 बजे एडजीआरएएफ की टीम, जिला प्रशासन के अफसर,पुलिस और बिजली कंपनी के अफसर और नगर निगम के अमले को कुछ राहत हुई जब आग का शमन हो गया था।
| विशेषज्ञों के अनुसार क्या रखनी होती है सावधानियां ? ट्रांसफार्मर स्टोर के सुरक्षा मैनुअल में फायर फाइटिंग सिस्टम जरूरी है। परिसर में जगह -जगह पर फोम वाले फाइटर रखे जाने चाहिए। गर्मी के दिनों में सूखी घास में जल्दी आग लगती है। स्टोर यदि खुली जगह पर है तो जमीन में घास की नियमित कटाई होनी चाहिए। इसके साथ ही पूरा परिसर नो स्मोकिंग जोन होना चाहिए। सिगरेट, बीड़ी या इस तरह की कोई भी ज्वलनशील चीज का उपयोग परिसर में नहीं होना चाहिए। परिसर की दीवार इतनी ऊंची होनी चाहिए कि बाहर से कोई भी आग इत्यादि चीजें नहीं फेंक सके। परिसर शरारती तत्वों की पहुंच से दूर होना चाहिए। इसके साथ ट्रांसफार्मर स्टोर या परिसर के ऊपर से बिजली की तार इत्यादि नहीं गुजरनी चाहिए। कई बार बिजली के तारों से चिंगारी निकलने से भी आग लगने की आशंका रहती है। एक बार आग लगने पर इसे नियंत्रित करना मुश्किल होता है। |
रायपुर । छत्तीसगढ़ पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी के ट्रांसफार्मर स्टोर में हुई भीषण अग्नि दुर्घटना के बाद उसके कारण का पता लगाने के लिए 6 अफसरों की उच्चस्तरीय जांच कमेटी बनाई गई है। यह कमेटी हफ्तेभर में अपनी जांच कर रिपोर्ट सौंपेगी। पावर कंपनी की ओर से जारी आदेश के अनुसार कमेटी को पांच बिन्दुओं पर जांच करनी है। जैसे घटना के पीछे कोई साजिश तो नहीं है ? यदि इसमें लापरवाही हुई है तो कौन या कौन लोग जिम्मेदार है? इस कोण से भी जांच की जाएगी। विदित है कि शुक्रवार को दोपहर एक बजे लगी आग शनिवार तड़के पांच बजे तक लगभग बुझा ली गई थी। इस अग्नि दु्र्घटना में ( जांच तक इसे दुर्घटना ही कहेंगे) बिजली कंपनी के स्टोर में रखे 4 हजार से ज्यादा ट्रांसफार्मर जल कर राख हो गए। स्टोर में ट्रांसफार्मर्स के अलावा पावर केबल, मीटर और अन्य उपरकरण भी रखे हुए थे। कहा गया है कि एक मोटे अनुमान के मुताबिक कंपनी को करीब डेढ सौ करोड़ रुपयों का नुकसान हुआ है। जांच कमेटी में चार कार्यपालक निदेशक भीम सिहं कंवर, संदीप वर्मा, यशवंत शिलेदार और गोपाल मूर्ति शामिल किये गए हैं। इनके अलावा एक मुख्य सुरक्षा अधिकारी श्रीनिवास और एक अधीक्षण यंत्री डीडी चौधरी को भी इसमें शामिल किया गया है। कमेटी जांच रिपोर्ट एक हफ्ते के भीतर कार्यपालक निदेशक रायपुर को प्रस्तुत करेगी। |
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■ बंधन नहीं , नक्सली जहां मिलें वहां मारें - सुंदरराज
■ छत्तीसगढ़ हरित शिखर सम्मेलन का किया उद्घाटन, ■ पर्यावरणीय संकट से निबटने में समान रूप से सहभागिता ■ छत्तीसगढ़ ने पूरा किया 4 लाख पेड़ लगाने का लक्ष्य ■ जलवायु परिवर्तन से निबटने छग में हो रहा बेहतर काम
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