• 28 Apr, 2025

बिरला फिर स्पीकर चुने गए

बिरला फिर स्पीकर चुने गए

● तृणमूल ने कहा -मत विभाजन की मांग सुने बिना ही फैसला ● स्पीकर बनते ही इमरजेंसी पर प्रस्ताव लाए बिरला, विरोध , सदन स्थगित

नई दिल्ली। एनडीए से स्पीकर के लिए उम्मीदवार ओम बिरला एक बार फिर   ध्वनिमत से लोकसभा के स्पीकर चुन लिए गए। प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी ने ओम बिरला के नाम का प्रस्ताव रखा था। इस प्रस्ताव का एनडीए के तेरह 13 नेताओं ने समर्थन किया, विपक्ष की ओर से शिवसेना (यूबीटी) सांसद अरविंद सुरेश ने के. सुरेश के नाम का प्रस्ताव रखा था। इंडिया गठबंधन के चार नेताओं ने समर्थन किया। यद्यपि वोटिंग की नौबत आए बरैग बिरला के नाम को ध्वनिमत से स्वीकार कर लिया गया था। 
   
    उल्लेखनीय है कि पद सम्हालते ही स्पीकर बिरला ने तत्कालीन पीएम इंदिरा गांधी द्वारा 25 जून 1975 को लगाई गई इमरजेंसी की निंदा करते हुए प्रस्ताव पढ़ा और सदस्यों से मौन रहने को कहा। बिरला ने इसे संविधान पर किया गया हमला बताया। विपक्ष ने इस बाद का विरोध किया और प्रदर्शन करने लगे। इसके बाद कार्रवाई स्थगित कर दी गई। भाजपा सदस्यों ने संसद के बाहर प्रदर्शन किया और इमरजेंसी के लिए कांग्रेस से माफी मांगने की मांग की।

   इसी मामले में केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने आपातकाल लगाए जाने की निंदा करते हुए लोकसभा में इस संबंध में प्रस्ताव पेश करने के लिए स्पीकर ओम बिरला की सराहना की और कहा कि इस एक घटना ने कांग्रेस की लोकतंत्र विरोधी सोच को उजागर कर दिया है जिसने न्यायपालिका, नौकरशाही और मीडिया जैसे लोकतंत्र के मजबूत स्तंभ को नुकसान पहुंचाया। दूसरी ओर भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने प्रेस कांफ्रेंस में दावा किया कि सदन में सीट पर बैठे राहुल गांधी इस दुविधा में दिखे क्या करें और क्या नहीं, क्योंकि समाजवादी पार्टी (सपा), डीएमके और तृणमूल के सदस्य उनकी पार्टी के विरोध प्रदर्शन में शामिल नहीं हुए । 

बिरला ने याद दिलाई मर्यादा... विपक्ष ने निष्पक्षता की बात की

  • बिरला- संसदीय परंपरा का ध्यान रखें

मैं कभी किसी सदस्य के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं चाहता, पर आप भी संसदीय परंपराओं का ध्यान रखें। कहा कि संसद और सड़क के विरोध में अंतर होना चाहिए। कहा कि विरोध के तरीके को भी संसद की मर्यादा के अनुरूप अपनाएं।

  • मोदी- पांच साल हमारा मार्ग दर्शन करेंगे

उम्मीद है कि आप अपने अनुभव से पांच साल हमारा मार्गदर्शन करेंगे। आजादी के 70 सालों में जो काम संभव नहीं हुए वो आपकी अध्यक्षता में सदन ने संभव किया। मुझे विश्वास है कि देश लोकसभा की उपलब्धियों पर गर्व करेगा।

  • राहुल- विपक्ष को बोलने का मौका मिले

उम्मीद है कि आप विपक्ष को बोलने का मौका देकर संविधान की रक्षा का दायित्व निभायेंगे। विपक्ष सदन चलाने में पूरा सहयोग करेगा लेकिन यह भी जरूरी है कि विपक्ष को सदन के अंदर लोगों की आवाज़ उठाने का मौका मिले।

  • अखिलेश -कोई निष्कासन नहीं होगा-

हमें उम्मीद है कि विपक्ष की आवाज़ को दबाया नहीं जाएगा और अब कोई निष्कासन नहीं होगा, हम आपके सभी न्यायोचित निर्णयों के साथ खड़े रहेंगे और उम्मीद करते हैं कि केवल विपक्ष को ही नियंत्रण में नहीं रखा जाएगा।

  • तृणमूल का आरोप- बिरला के नाम के प्रस्ताव को वोटिंग बिना ही स्वीकार किया

तृणमूल सांसद अभिषेक बैनर्जी ने आरोप लगाया, बुधवार को कई विपक्षी सांसदों ने बिरला के नाम के प्रस्ताव पर मत विभाजन की मांग की लेकिन प्रस्ताव को वोटिंग के बिना ही स्वीकार कर लिया गया। वहीं कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने कहा कि उनकी पार्टी की तरफ से मत विभाजन की मांग नहीं की गई ।