• 28 Apr, 2025

सवा 8 हजार करोड़ से ज्यादा की योजनाओं का एलान

सवा 8 हजार करोड़ से ज्यादा की योजनाओं का एलान

• आग बाढ़ भूस्खलन से बचाने के लिए | • अग्निशमन सेवाओं के लिए 5000 करोड़ | • बाढ़ रोकने के लिए 2500 करोड़ की घोषणा | • 17 राज्यों में भूस्खलन से निबटने केन्द्र देगा 825 करोड़ रुपये |

नई दिल्ली। केन्द्र सरकार ने आपदाओं की तेजी से बदलती प्रकृति के कारण उसके  निदान के लिए उसके प्रबंधन के मूलभूत तरीकों में बड़े बदलाव किये हैं।  केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में 8325 करोड़ रुपये की तीन प्रमुख योजनाओं की घोषणा की। इसके लिए सभी राज्यों में अग्निशमन सेवाओं के आधुनिकीकरण, सात प्रमुख शहरों में बाढ़ की रोकथाम के साथ 17 राज्यों में भूस्खलन रोकथाम की सेवाओं को और अधिक बेहतर बनाया जाएगा। 
        गृहमंत्री शाह ने दिल्ली के विज्ञानभवन में राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के आपदा प्रबंधन मंत्रियों की बैठक ली। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि देश में कहीं भी कोई भी आपदा के कारण जनहानि नहीं होनी चाहिए। श्री शाह ने तीनों प्रमुख योजनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि अग्निशमन सेवाओं के विस्तार और आधुनिकीकरण के लिए सभी राज्यों को लगभग 5000 करोड़ रुपये की सहायता दी जाएगी। दूसरी ओर शहरी क्षेत्रों में बाढ़ के खतरे को कम करने के लिए सात प्रमुख  शहरों – मुंबई, चेन्नई, कोलकाता, बेंगलूरु, अहमदाबाद, हैदराबाद और पुणे में 2500 करोड़ रुपये दिए जाएंगे। इसके अलावा 17 राज्यों में भूस्खलन जैसी आपदा से निबटने के लिए केन्द्र लगभग 825 करोड़ करोड़ रुपये देगा। गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि हम सब मिलकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सभी मुख्यमंत्रियों के साथ जमीनी स्तर पर काम कर रहे हैं। हमें और काम करना होगा और आगे बढ़ना होगा। कोरोना महामारी के दौरान पीएम मोदी के नेतृत्व में राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ देश ने सदी के सबसे खराब महामारी का सफलता पूर्वक सामना किया। 

  • आपदा के बदलते स्वरूप के अनुरूप करनी होगी तैयारी
  • श्री शाह ने कहा पिछले 9 वर्षों में केन्द्र सरकार ने राज्यों के साथ मिलकर आपदा प्रबंधन की दिशा में काफी उपलब्धियां हासिल की है लेकिन किसी को भी आत्मसंतुष्टि नहीं होनी चाहिए क्योंकि आपदाएं लगातार अपना स्वरूप बदल रही हैं और उनकी तीव्रता भी बढ़ रही है तो हमें भी उसके अनुसार ही तैयारी करनी होगी। 
  • श्री शाह ने कहा कि आपदा प्रबंधन हमारे देश की कोई नई अवधारणा नहीं है। चाणक्य के अर्थशास्त्र से लेकर पौराणिक काल के राज्य़ प्रशासन के कार्यों तक दस्तावेज उपलब्ध हैं। ये सभी आपदा प्रबंधन की बात करते हैं। 

इन सेवाओं का भी हुआ विस्तारः-

  • गृहमंत्री श्री शाह ने कहा कि भारतीय आपदा संसाधन नेटवर्क राष्ट्रव्यापी सूची बनी है और इसमें एक लाख नए रिकार्ड दर्ज किये गए हैं। 354 करोड़ रुपये की लागत से कॉमन अलर्टिंग प्रोटोकॉल को एसएमएम के जरिए लागू करने का प्रावधान किया गया है। आपदा प्रबंधन सूचना प्रणाली पोर्टल, 112 इमरजेंसी रिस्पांस सपोर्ट सिस्टम बहुत उपयोगी और बहुआयामी पहल है।
  • पीएम मोदी ने सुभाष चन्द्र बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार के माध्यम से आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में योगदान देने वाले व्यक्ति और संस्था को पुरस्कृत करने की परंपरा शुरु की है। इससे निश्चित रूप से इस क्षेत्र में काम करने वाले व्यक्तियों औऱ संस्थाओं का उत्साहवर्धन हुआ है। 
मोदी के नेतृत्व में निरंतर बढ़ा आपदा बजटसात परमाणु ऊर्जा केन्द्र वाले राज्यों को गोद लेगा एनडीएमएआपदा मित्र योजना को सराहा
  • श्री शाह ने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में केन्द्र ने सक्रिय तरीके से पिछले पांच साल में दस दिनों में 73 बार आईएमसीटी की टीम भेजकर राज्यों को मदद करने के प्रयास किए हैं। 2005 से 2014 के बीच औऱ 2014 से 2013 तक के समय की तुलना करे तो पहले एसडीआरएफ को पहले 35858 करोड़ आवंटित किए गए जो लगभग तीन गुना बढ़ कर 1,04704 करोड़ रुपये हो गया है। एनडीआरएफ ( नेशनल डिसास्टर रिलीफ फोर्स) से जारी होने वाली राशि 25000 करोड़ से लगभग तीन गुना वृध्दि के साथ 70,000 हजार करोड़ रुपये हो गई।
  • केन्द्र और राज्यों ने आपदा जोखिम के न्यूनीकरण और बाद में राहत और पुनर्वास के क्षेत्रों में बजटीय प्रोविजन को बढ़ाया है। 2021 में केन्द्र सरकार के तहत 16,700 करोड़ से राष्ट्रीय आपदा शमन निधि का गठन किया गया था औऱ एनडीआरएफ के तहत 32000 करोड़ रुपये की राशि शमन गतिविधियों के लिए रखी गई है।
  • गृहमंत्री शाह ने कहा कि राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, नेशनल डिसास्टर मैनेजमेंट अथारिटी (एनडीएमए) ने उन सात राज्यों का दौरा किया जहां परमाणु ऊर्जा केन्द्र बनाए जा रहे हैं। 
  • एनडीएमए ने इन राज्यों को गोद लेने के लिए एक सख्त प्रोटोकॉल भेजा है ताकि संभावित आपदा की किसी भी घटना से बचा जा सके। उन्होंने कहा मैं उन सभी संबंधित राज्यों से इसे प्राथमिकता देने की अपील करता हूँ।
  • परमाणु ऊर्जा संयंत्रों के चालू  होने और बिजली उत्पादन से पहले जो भी आपदा निवारण उपाय किये जाते हैं वे हम सभी के लिए अत्यंत आवश्यक  हैं। 
  • मंत्री शाह ने आपदामित्र योजना की सराहना की। उन्होंने कहा कि 350 आपदाग्रस्त जिलों में एक लाख युवा स्वयंसेवी तैयार किए जा रहे हैं। इससे कई आपदाओं से निबटने में अच्छे परिणाम मिले हैं जो सकारात्मक और उत्साहजनक हैं।