अब महाराष्ट्र-झारखंड में चुनावी सरगर्मियां तेज..
■ भाजपा ने दोनों राज्यों में लगाई सौगातों -वादों की झड़ी ■ विपक्षी खेमा भी सक्रिय हुआ ■ इन दोनों राज्यों में चुनाव नवंबर में होने की चर्चा
मंदिरों, पुजारियों और प्रभावी विपक्षी नेताओं के अलावा 24 बिंदुओं पर ब्योरे जुटा रही भाजपा
नई दिल्ली। चुनाव के लिए उल्टी गिनती शुरु होने में अभी समय है पर पार्टियां अपने अपने स्तर पर तैयारियों में जुट गई हैं । भाजपा के वरिष्ठ नेता ने छत्तीसगढ़ की कमान अपने हाथों में लेने के बाद प्रदेश के भाजपा नेताओं को हर बूथ से 24 बिंदुओं पर जानकारी इक्कठा करने को कहा है। इसमें उस बूथ में आने वाले मंदिर, उसके पुजारियं से लेकर विपक्ष के प्रभावी नेता तक का ब्योरा शामिल है।
बताते चलें कि कि कुछ ही दिन पूर्व भाजपा ने चुनाव में काम आ सकने वाली जानकारी जुटाने के लिए एक सर्वे किया था जिसमें उन्हें यह पता चला था कि मंदिरों के आस पास रहने वाले मतदाता भाजपा को ही वोट करते हैं। कहा जा रहा है कि उसी एक सर्वे के नतीजों के बाद अमित शाह ने छत्तीसगढ़ में भी इस तरह की जानकारी जुटाने के आदेश दिये हैं। अमित शाह के टिप्स के आधार पर भाजपा हर विधानसभा प्रभारी इस तरह की जानकारी जुटा रहा है।
कहा जा रहा है इस डेटा में उस क्षेत्र का जातिगत समीकरण, मंदिर और पुजारियों की संख्या, कर्मचारी और सामाजिक नेताओं की संख्या, जनसमस्याएं और मुद्दों की जानकारी, बूथ विशेष में कांग्रेस के जीतने और भाजपा के हारने की वजह, विपक्षी पार्टियों के नेता और केन्द्र की योजनाओं के लाभार्थियों की संख्या शामिल है। इस तमाम बिंदुओं पर प्रदेश के सभी मंडल अध्यक्षों से रोज ही रिपोर्ट ली जा रही है। सभी 23900 बूथों पर रजिस्टर रखे गए हैं। जिसमें 24 बिंदुओं का चार्ट लगा हुआ है।
छत्तीसगढ़ के हर एक बूथ को bमजबूत करने अमित शाह ने प्लान एबीसी तैयार किया है। इसमें बूथों को तीन श्रेणियों में विभाजित किया गया है। ए का मतलब मजबूत यानी ऐसा बूथ जिसमें भाजपा को पिछले चुनाव में कांग्रेस से ज्यादा वोट मिले थे। बी- यानी जहां भाजपा और विपक्षी पार्टी के बीच बराबर की टक्कर रही हो और सी यानी जहां भाजपा को विपक्षी पार्टियों से कम वोट मिले हों। इस तरह की जानकारी हो जाने के बाद शाह ने सी को बी औऱ बी को ए में बदलने का टास्क दिया है। दिल्ली में 150 लोगों की टीम छत्तीसगढ़ के लिए काम कर रहे हैं वे नेताओं से नियमित रूप से रिपोर्ट ले रहे हैं।
■ भाजपा ने दोनों राज्यों में लगाई सौगातों -वादों की झड़ी ■ विपक्षी खेमा भी सक्रिय हुआ ■ इन दोनों राज्यों में चुनाव नवंबर में होने की चर्चा
हम एक धर्म निरपेक्ष देश हैं । हमारे निर्देश सभी के लिए होंगे। चाहे वे किसी धर्म या व्यवसाय के हों। अगर सड़क के बीच में कोई धार्मिक संरचना है फिर वह गुरूद्वारा हो, दरगाह या फिर मंदिर, तो उसे हटाना ही पड़ेगा। यह जनता के आवागमन में बाधा नहीं डाल सकती। साथ ही अवैध निर्माण तोड़ने से पहले पर्याप्त समय देना चाहिए। महिलाओं और बच्चों को सड़क पर देखना अच्छा नहीं । - जस्टिस बी.आर. गवई
हम एक धर्म निरपेक्ष देश हैं । हमारे निर्देश सभी के लिए होंगे। चाहे वे किसी धर्म या व्यवसाय के हों। अगर सड़क के बीच में कोई धार्मिक संरचना है फिर वह गुरूद्वारा हो, दरगाह या फिर मंदिर, तो उसे हटाना ही पड़ेगा। यह जनता के आवागमन में बाधा नहीं डाल सकती। साथ ही अवैध निर्माण तोड़ने से पहले पर्याप्त समय देना चाहिए। महिलाओं और बच्चों को सड़क पर देखना अच्छा नहीं । - जस्टिस बी.आर. गवई
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