अब महाराष्ट्र-झारखंड में चुनावी सरगर्मियां तेज..
■ भाजपा ने दोनों राज्यों में लगाई सौगातों -वादों की झड़ी ■ विपक्षी खेमा भी सक्रिय हुआ ■ इन दोनों राज्यों में चुनाव नवंबर में होने की चर्चा
रायपुर। भाजपा के कद्दावर और चर्चित आदिवासी नेता तीन बार के सांसद और विधायक और छत्तीसगढ़ के पहले नेता प्रतिपक्ष नंद कुमार साय ने अप्रैल महीने के आखिरी दिन रविवार को अचानक पार्टी ले इस्तीफा देकर सभी को चौका दिया।
इस्तीफा उन्होंने एक पत्र के माध्यम से पार्टी अध्यक्ष अरुण साव को लिख भेजा जिसमें लिखा है पार्टी के भीतर उनकी छवि को नुकसान पहुंचाने वालों से वे बहुत आहत हैं । ऐसे लोग साजिशें कर रहे हैं। नंदकुमार साय छत्तीसगढ़ भाजपा के पूर्व अध्यक्ष होने के साथ साथ राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। साय ने प्रदेश में भाजपा के वर्तमान नेतृत्व और राजनीति के प्रति नाराजगी जताते हुए पार्टी के सभी पदों से इस्तीफे की घोषणा की है। इस पर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अरुण साव से पूछने पर कहा कि वे वरिष्ठ नेता साव से मिलकर उनकी नाराजगी दूर करने की पूरी कोशिश करेंगे।
भाततीय जनता पार्टी के अस्तित्व में आने से लेकर अभी तक पार्टी में अनेक महत्वपूर्ण पद और जिम्मेदारियां मुझे दी गईं। उन सभी का मैने पूरे मनोयोग से पूरा किया सभी जिम्मेदारियां मैंने कर्तव्यपरायणता के साथ निर्वहन किया। इन सबके बाद भी मेरी अपनी ही पार्टी के कुछ राजनीत विरोधी और प्रतिद्वंदी लगातार साजिश कर रहे हैं। झूठे आरोपों और अन्य गतिविधियों से मेरी छवि खराब करने की कोशिशें की जा रही हैं। इन सबस मैं अब अत्यंत आहत महसूस कर रहा हूँ।
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भाजपा से मोहभंग के बाद वरिष्ठ आदिवासी नेता नंदकुमार साय अपनी पार्टी से स्तीफा देने दूसरे ही एक मई को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की उपस्थिति में कांग्रेस में शामिल हो गए। उन्होंने राजीव भवन में मुख्यमंत्री के साथ बैठकर पार्टी का सदस्यता फार्म भरा। इस अवसर बघेल सरकार के मंत्री, विधायक और कांग्रेस पदाधिकारी बड़ी संख्या में मौजूद थे।
भाजपा में बहुत वरिष्ठ नेता आदिवासी नेतृत्व के इस तरह चुनाव के पहले कांग्रेस में आने को प्रदेश की आदिवासी राजनीति में बड़े फेरबदल के रूप में देखा जा रहा है। जाहिर है अब कांग्रेस नंदकुमार साय को सामने रख कर भाजपा में आदिवासियों की कथित दुर्दशा पर प्रहार की तैयारी में होगी। राजीव भवन गीतांजलि नगर में सोमवार एक मई को दोपहर
नंदकुमार साय की कांग्रेस पार्टी में सदस्यता की औपचारिकताएं पूरी हुई पूरा पार्टी कार्यालय परिसर ढोल बाजों की आवाज से गूंज उठा। साय ने वहां उपस्थित कांग्रेस नेताओं को संबोधित किया। इसके बाद सीएम बघेल उन्हें अपनी कार में बिठा कर सीधे श्रमिक सम्मेलन में साइंस कॉलेज मैदान ले गए और एक तरह से भविष्य में उनके किरदार की ओर इशारा भी कर दिया।
उल्लेखनीय है कि साय ने 30 अप्रैल रविवार को ही भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। सोमवार दोपहर 12 बजे महापौर एजाज ढेबर के साथ राजीव भवन कांग्रेस कार्यालय पहुंचे थे। मुख्यमंत्री ने पुष्प गुच्छ से उनका स्वागत करके हुए अगवानी की और कहा कि आज दिन बहुत बड़ा दिन है। सीएम बघेल ने कहा कि आजीवन मजदूरों आदिवासियों के हित में काम करने वाले वरिष्ठ आदिवासी नेता का मजदूर दिवस के दिन कांग्रेस प्रवेश महत्वपूर्ण है। इनका जीवन सादगी पूर्ण रहा है और मैं कांग्रेस परिवार में इनका स्वागत करता हूँ।
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कांग्रेस में शामिल होने के बाद अपने पहले ही उद्बोधन में नंदकुमार साय प्रदेश में भूपेश सरकार की जमकर तारीफ की और भाजपा को उसके काम काज के ढंग पर कोसा भी। उन्होंने कहा कि भाजपा में इन दिनों कोई दायित्व नहीं दिया गया था। पार्टी के कामकाज में शामिल नहीं किये जाने पर बुरा नही लगा पर पार्टी को काम तो अच्छा करना चाहिए था जो कि वो नहीं कर रही है। नंदकुमार साय ने कहा जबकि यहां भूपेश सरकार अच्छा काम कर रही है। मैं भी लोगों के लिए काम करना चाहता हूँ। अब हम सब लोग मिलकर गरीब पिछड़ों के उत्थान के लिए काम करेंगे। इसीलिए मैं कांग्रेस का हाथ पकड़ा है।
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हम एक धर्म निरपेक्ष देश हैं । हमारे निर्देश सभी के लिए होंगे। चाहे वे किसी धर्म या व्यवसाय के हों। अगर सड़क के बीच में कोई धार्मिक संरचना है फिर वह गुरूद्वारा हो, दरगाह या फिर मंदिर, तो उसे हटाना ही पड़ेगा। यह जनता के आवागमन में बाधा नहीं डाल सकती। साथ ही अवैध निर्माण तोड़ने से पहले पर्याप्त समय देना चाहिए। महिलाओं और बच्चों को सड़क पर देखना अच्छा नहीं । - जस्टिस बी.आर. गवई
हम एक धर्म निरपेक्ष देश हैं । हमारे निर्देश सभी के लिए होंगे। चाहे वे किसी धर्म या व्यवसाय के हों। अगर सड़क के बीच में कोई धार्मिक संरचना है फिर वह गुरूद्वारा हो, दरगाह या फिर मंदिर, तो उसे हटाना ही पड़ेगा। यह जनता के आवागमन में बाधा नहीं डाल सकती। साथ ही अवैध निर्माण तोड़ने से पहले पर्याप्त समय देना चाहिए। महिलाओं और बच्चों को सड़क पर देखना अच्छा नहीं । - जस्टिस बी.आर. गवई
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