अब महाराष्ट्र-झारखंड में चुनावी सरगर्मियां तेज..
■ भाजपा ने दोनों राज्यों में लगाई सौगातों -वादों की झड़ी ■ विपक्षी खेमा भी सक्रिय हुआ ■ इन दोनों राज्यों में चुनाव नवंबर में होने की चर्चा
• छत्तीसगढ़ ऐसा राज्य जहां लोग अब खेती करना चाहते हैं, सत्ता में वापसी पर गरीबों को दस लाख मकान भी देंगे। • ओबीसी को लुभाने कांग्रेस का बड़ा कदम
कांकेर। चुनावी बिगुल बजने से पहले सियासी पार्टियों की मतदाताओं से वादों की तो झड़ी लग गई है। इधर छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार ने अपने पुराने मेनिफेस्टो में से लोगों को किये वादे पूरे करने के बाद अगली बार सत्ता में आने पर और भी नए काम करने की घोषणा की है। प्रियंका गांधी वाड्रा ने कांकेर में एक महासम्मेलन में छत्तीसगढ़ की जनता से वादा किया कि यदि उनकी पार्टी की फिर सरकार बनती है तो राज्य में बिहार की तरह जाति आधारित जनगणना कराएगी।
कहा कि राज्य में एससी, एसटी और ओबीसी को राज्य में उनकी आबादी के हिसाब से सभी क्षेत्रों में उचित भागीदारी दी जाएगी। हालांकि छत्तीसगढ़ में चुनाव के समय की गई इस घोषणा को अन्य पिछड़ा वर्ग को लुभाने के लिए की गई घोषणा ही समझा जा रहा है जो राज्य की आबादी का लगभग 45 प्रतिशत है। कांकेर जिले के गोविंदपुर में शुक्रवार 6 अक्टूबर को नगरीय निकाय एवं पंचायती राज महासम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रियंका गांधी ने जनता से उनकी फिर से सरकार बनने पर गरीबों के लिए दस लाख मकान भी बनवाने का वादा किया।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार आम लोगों और किसानों की संपत्ती मित्रों को दे रही है और जब आप का नंबर आता है तो कहते हैं पैसा नहीं है। इस मौके पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कांकेर के मेडिकल कॉलेज का नामकरण पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नाम से करने की घोषणा की। इस दौरान 321 करोड़ 71 लाख रुपये की लागत से बनने वाले कांकेर मेडिकल कॉलेज का भूमि पूजन भी किया गया।
महासम्मेलन में प्रियंका ने यह भी कहा कि केन्द्र में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार अमीर लोगों के लिए है और उसे गरीबों और मध्यम वर्ग की कोई चिंता नहीं है। कहा कि उनकी पार्टी फिर सत्ता में आती है तो बिहार में किये गए जातिगत सर्वेक्षण की तर्ज पर इस राज्य में जातिगत जनगणना कराई जाएगी। पंचायतों में 33 फीसदी आरक्षण कांग्रेस की ही सरकार ने राजीव गांधी जी के समय दिया था।
राजीव गांधी ने दिया महिलाओं को एक तिहाई आरक्षण मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने महासम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि स्वर्गीय राजीव गांधी जी ने 73 वें और 74 वें संशोधन के माध्यम से पंचायती राज की व्यवस्था लाई और इसके साथ ही देशभर में एक तिहाई महिलाओं को आरक्षण देने का भी काम किया। सीएम बघेल ने कहा जब से पंचायती राज व्यवस्था लागू हुई है महिला प्रतिनिधि मंच पर बैठी हैं, पंचायत भी संचालित कर रही हैं और महापौर भी बनीं हैं। छत्तीसगढ़ में बेटे- बेटियों में कोई भेद भाव नहीं होता। हम महात्मागांधी के दिखाए रास्ते पर चल रहे हैं। हमने यहां मिलेट मिशन चालू किया है। उन्होंने कहा कि इतिहास गवाह है कि कांग्रेस हमेशा लोगों के साथ न्याय करती आई है। जिसका पालन करते हुए प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने पर हम महिलाओं, गरीबों व किसान के साथ ही सभी वर्गों के लिए न्याय योजना चला रही है। | मुख्यमंत्री ने की बड़ी घोषणाएं- 1. राज्य पावर कंपनियों में एक अप्रैल 2004 और उसके उपरांत नियुक्त लगभग 10000 दस हजार कर्मियों के लिए नवीन अंशदायी पेंशन योजना के स्थान पर पुरानी पेंशन लागू करने की घोषणा। 2. पुलिस उपनिरीक्षकों के पदों पर पदोन्नति अब 33 फीसदी से बढ़ाकर 40 प्रतिशत कर दी गई है। 3. कृषि महाविद्यालय पखांजूर का नाम पूर्व प्रधानमंत्री स्व इंदिरा गांधी पर किये जाने की घोषणा। 4. हल्बी, गोंडी, सरगुजिया, भतरा जैसी स्थानीय बोलियों में पढ़ाई के साथ साथ अब इन भाषाओं में शिक्षकों की नियुक्ति की घोषणा। 5. कांकेर में 866 करोड़ रुपये की विभिन्न विकास कार्यों का लोकार्पण और भूमिपूजन। |
■ भाजपा ने दोनों राज्यों में लगाई सौगातों -वादों की झड़ी ■ विपक्षी खेमा भी सक्रिय हुआ ■ इन दोनों राज्यों में चुनाव नवंबर में होने की चर्चा
हम एक धर्म निरपेक्ष देश हैं । हमारे निर्देश सभी के लिए होंगे। चाहे वे किसी धर्म या व्यवसाय के हों। अगर सड़क के बीच में कोई धार्मिक संरचना है फिर वह गुरूद्वारा हो, दरगाह या फिर मंदिर, तो उसे हटाना ही पड़ेगा। यह जनता के आवागमन में बाधा नहीं डाल सकती। साथ ही अवैध निर्माण तोड़ने से पहले पर्याप्त समय देना चाहिए। महिलाओं और बच्चों को सड़क पर देखना अच्छा नहीं । - जस्टिस बी.आर. गवई
हम एक धर्म निरपेक्ष देश हैं । हमारे निर्देश सभी के लिए होंगे। चाहे वे किसी धर्म या व्यवसाय के हों। अगर सड़क के बीच में कोई धार्मिक संरचना है फिर वह गुरूद्वारा हो, दरगाह या फिर मंदिर, तो उसे हटाना ही पड़ेगा। यह जनता के आवागमन में बाधा नहीं डाल सकती। साथ ही अवैध निर्माण तोड़ने से पहले पर्याप्त समय देना चाहिए। महिलाओं और बच्चों को सड़क पर देखना अच्छा नहीं । - जस्टिस बी.आर. गवई
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