अब महाराष्ट्र-झारखंड में चुनावी सरगर्मियां तेज..
■ भाजपा ने दोनों राज्यों में लगाई सौगातों -वादों की झड़ी ■ विपक्षी खेमा भी सक्रिय हुआ ■ इन दोनों राज्यों में चुनाव नवंबर में होने की चर्चा
• तमिलनाडु ने सेन्ट्रल एजेंसियों के प्रवेश पर लगाई रोक | • बंगाल, झारखंड जैसे 9 राज्यों में पहले से है प्रतिबंध |
पटना। केन्द्र की सरकार के बरअक्श प्रदेशों में विपक्षी पार्टियों की सरकार रहती है तो ऐसे में केन्द्रीय जांच एजेंसियों के प्रवेश और कार्रवाई पर प्रदेशों में सवाल उठते रहे हैं । विपक्ष का आरोप है कि केन्द्र सरकार के इशारे पर ही केन्द्रीय एजेंसियां सीबीआई और ईडी विपक्षी दलों के नेताओं के खिलाफ कार्रवाई करतीं हैं।
विपक्ष शासित दस राज्य अभी ऐसे हैं जहां बिना राज्य सरकारों की अनुमति के सीबीआई या ईडी किसी तरह की जांच या धरपकड़ की कार्रवाई नहीं कर सकती हैं। केन्द्र की मनमानी के खिलाफ ताजा मामला तमिलनाडु का है। यहां एम के स्टालिन सरकार के गृहमंत्रालय ने सर्कुलर जारी कर कहा है कि किसी भी तरह की जांच या पूछताछ के लिए केन्द्रीय जांच एजेसिंयों को प्रदेश सरकार की पूर्व अनुमति लेनी होगी। उल्लेखनीय है कि तमिलनाडु सरकार का यह फैसला तब आया है जब ईडी इनफोर्समेंट डायरेक्टरेट ने लंबी पूछताछ के बाद प्रदेश के आबकारी मंत्री बालाजी सेंथिल को गिरफ्तार कर लिया था । तमिलनाडु सरकार ने यह आदेश दिल्ली स्पेशल पुलिस इस्टेबलिशमेंट एक्ट 1946 के प्रावधानों के अनुरूप जारी किया है।
इतनाभर नहीं इस तरह का आरोप अन्य राज्य के लोग भी लगाते रहे हैं। बिहार में पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के परिवार के लोग भी यही आरोप लगाते हैं कि केन्द्रीय जांच एजेंसियों का बेजा इस्तेमाल केन्द्र सरकार करती है। इसे एकतरफा कार्रवाई या बदले की भावना से किया हुआ बताया जा रहा है। चुनाव के संदर्भ में यह दलील दी जाती है कि सिर्फ विपक्षी नेताओं के खिलाफ जांच हो रही है। क्या इसका चुनाओं में असर पड़ेगा यह देखना बाकी है।
छत्तीसगढ़ के पड़ोसी राज्यों की बात करें तो बंगाल और झारखंड में केन्द्रीय एजेंसियों को जांच करने पर रोक है। बंगाल में शिक्षक नियुक्ति घोटाले की जांच सीबीआई और ईडी दोनो कर रहे हैं। यह जांच भी राज्य सरकार की मर्जी के खिलाफ की जा रही है लेकिन बाध्यता यह है कि इसकी जांच का आदेश कोलकाता हाई कोर्ट ने दिया है। जांच क परिणाम यह है कि सीएम ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी तृणमूल कांग्रेस के कई नेताओं- कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी हुई है तो कुछ अन्य की गिरफ्तारियां कभी भी हो सकती है।
किन- किन राज्यों में सेन्ट्रल एजेंसियों पर है बैन |
पश्चिम बंगाल, झारखंड, पंजाब, तेलंगाना, छत्तीसगढ़, केरल, मिजोरम,मेघालय और राजस्थान के बाद अब तमिलनाडु भी केन्द्रीय जांच एजेंसियों पर बैन लगाने वाले राज्यों में शुमार है। इन राज्यों में सीबीआई और ईडी जैसी केन्द्रीय एजेंसियां किसी शिकायत पर बिना राज्य सरकारों की अनुमति लिए किसी भी तरह की कार्रवाई नहीं कर सकतीं हैं। हां इसमें एक छूट शामिल है यदि कोई जांच किसी न्यायिक आदेश के बाद राज्य सरकार की संस्तुति से हो रही है तो इस तरह की जांच के मामलों में कोई प्रतिबंध नहीं होगा। हकीकत ये है कि जब भी किसी मामले में केन्द्रीय एजेंसियों से जांच की जरूरत महसूस होती है तो लोग हाई कोर्ट की शरण में जाते हैं और फिर यदि ऐसे मामलों में इजाजत देता है तो जांच होती है। |
■ भाजपा ने दोनों राज्यों में लगाई सौगातों -वादों की झड़ी ■ विपक्षी खेमा भी सक्रिय हुआ ■ इन दोनों राज्यों में चुनाव नवंबर में होने की चर्चा
हम एक धर्म निरपेक्ष देश हैं । हमारे निर्देश सभी के लिए होंगे। चाहे वे किसी धर्म या व्यवसाय के हों। अगर सड़क के बीच में कोई धार्मिक संरचना है फिर वह गुरूद्वारा हो, दरगाह या फिर मंदिर, तो उसे हटाना ही पड़ेगा। यह जनता के आवागमन में बाधा नहीं डाल सकती। साथ ही अवैध निर्माण तोड़ने से पहले पर्याप्त समय देना चाहिए। महिलाओं और बच्चों को सड़क पर देखना अच्छा नहीं । - जस्टिस बी.आर. गवई
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