अब महाराष्ट्र-झारखंड में चुनावी सरगर्मियां तेज..
■ भाजपा ने दोनों राज्यों में लगाई सौगातों -वादों की झड़ी ■ विपक्षी खेमा भी सक्रिय हुआ ■ इन दोनों राज्यों में चुनाव नवंबर में होने की चर्चा
● सुप्रीम कोर्टः 48 घंटों में वोटिंग आकड़ों का जवाब मांगा- ● डेटा मिलान में वक्त लगता है- आयोग ..
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने वोटिंग के आकड़े 48 घंटों के भीतर सार्वजनिक करने की मांग वाली याचिका पर शुक्रवार 17 मई की शाम अर्जेंट सुनवाई की । सीजेआई डी. वाई. चंद्रचूड़ ने निर्वाचन आयोग से पूछा कि हर पोलिंग बूथ का डेटा
जब आपको देर रात मिल जाता है तो फिर आकड़ों में देरी क्यों होती है। इस पर आयोग ने जवाब दिया कि वोटिंग के डेटा के मिलान में समय लगता है। रिटर्निंग अफसर फार्म 17 सी के साथ आकड़ों का मिलान करता है। अक्सर ये डेटा
वोटिंग के अगले दिन तक मिल पाता है। फार्म 17 सी प्रत्येक प्रत्याशी को भी दिया जाता है। सीजेआई ने इस बारे में निर्वाचन आयोग से एक हफ्ते में जवाब मांगा है।
सिर्फ 11 जिलों में होगी डाक मतपत्रों की गिनती रायपुर। प्रदेश की 11 ग्यारह लोकसभा की सीटों मे हुए आम चुनाव के बाद मतों की गिनती के लिए जिला मुख्यालयों में तैयारी की जा रही है। खबर लिखे जाने तक यानी मई के मध्य में बताया गया है कि कवर्धा और बिलाईगढ़ में सबसे ज्यादा 21-22 टेबल लगने की संभावना है। डाक मतपत्रों की गिनती केवल 11 जिलों में होगी।इन जिलों को चुनाव आयोग ने नोटिफाय कर दिया है। 4 जून को सुबह 8 बजे तक डाक-मतपत्रों की गणना के बाद साढ़े आठ बजे से ईवीएम के वोटों की गिनती की जाएगी। |
■ भाजपा ने दोनों राज्यों में लगाई सौगातों -वादों की झड़ी ■ विपक्षी खेमा भी सक्रिय हुआ ■ इन दोनों राज्यों में चुनाव नवंबर में होने की चर्चा
हम एक धर्म निरपेक्ष देश हैं । हमारे निर्देश सभी के लिए होंगे। चाहे वे किसी धर्म या व्यवसाय के हों। अगर सड़क के बीच में कोई धार्मिक संरचना है फिर वह गुरूद्वारा हो, दरगाह या फिर मंदिर, तो उसे हटाना ही पड़ेगा। यह जनता के आवागमन में बाधा नहीं डाल सकती। साथ ही अवैध निर्माण तोड़ने से पहले पर्याप्त समय देना चाहिए। महिलाओं और बच्चों को सड़क पर देखना अच्छा नहीं । - जस्टिस बी.आर. गवई
हम एक धर्म निरपेक्ष देश हैं । हमारे निर्देश सभी के लिए होंगे। चाहे वे किसी धर्म या व्यवसाय के हों। अगर सड़क के बीच में कोई धार्मिक संरचना है फिर वह गुरूद्वारा हो, दरगाह या फिर मंदिर, तो उसे हटाना ही पड़ेगा। यह जनता के आवागमन में बाधा नहीं डाल सकती। साथ ही अवैध निर्माण तोड़ने से पहले पर्याप्त समय देना चाहिए। महिलाओं और बच्चों को सड़क पर देखना अच्छा नहीं । - जस्टिस बी.आर. गवई
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