• 28 Apr, 2025

क्या नीट क्लीन भी है ?

क्या नीट क्लीन भी है ?

● इतनी बड़ी परीक्षा और परीक्षा कराने वाली एजेंसी का अपना कुछ भी नहीं.. ● एनटीएः 1.33 करोड़ परीक्षार्थी,एक हजार करोड़ फीस पर सुविधाएं आउटसोर्स ! ● पेपर छपवाने, सेंटर पर निगरानी और रिजल्ट तैयार करने तक के लिए बाहरियों पर निर्भर है एनटीए

नई दिल्ली।  नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) केवल एक पंजीकृत सोसायटी है और केवल 14 अफसरों के भरोसे चल रही है। यही वह संस्था है जिसने पिछले साल 1.33 करोड़ और इस साल अब तक 50 लाख से अधिक परीक्षार्थियों की परीक्षा लेने वाली संस्था है। जाहिर है केवल 14 अफसरों की संस्था अपने स्तर पर देश की सबसे बड़ी समझी जाने वाली परीक्षाओं को अपने स्तर पर हैंडल नहीं कर पाती और इसे पेपर सेट करने से लेकर उसे छपवाने , सेंटर तक भेजने, सुरक्षा का प्रोटोकॉस सुनिश्चित करने से रिजल्ट तैयार करने तक हर एक काम आउटसोर्स करना पड़ता है यानी बाहरी एजेंसियों से करवाना होता है। 
 
   इतना ही नहीं यह तो अचरज की बात  है कि हायर एजुकेशन के सैकड़ों आर्गेनाइजेशन्स में एजमिशन से लेकर फेलोशिप और भर्तियों तक के लिए उम्मीदवारों का चयन करने वाली संस्था का अपना कोई दफ्तर तक नहीं है। यह दिल्ली के ओखला में एक किराये की इमारत से चलाया जाता है। इतना ही नहीं ओएमआर शीट की स्कैनिंग के लिए भी इस संस्ता एनटीए को अलग इमारत किराये पर लेनी पड़ती है। वहीं निजी कंपनियां रिजल्ट तैयार करती हैं।

  • सरकार का ही प्रावधान अधिकारी कर्मचारी ठेके पर रहेंगे

करोड़ों छात्रों का भाग्य लिख रही एजेंसी एनटीए के वरिष्ठ अफसर ने बताया कि एजेंसी की स्थापना के लिए बने कैबिनेट नोट में सरकार ने ही प्रावधान किया हुआ है कि इसके सभी कर्मचारी और अफसर या तो डेपुटेशन पर रहेंगे या फिर ठेके पर लिए जाएंगे। इस तरह के प्रावधान कर किसी संस्था से किसी तरह की प्रतिबध्दता की कैसे कोई उम्मीद की जा सकती है। उन्होंने तो यहां तक कहा कि अमेरिका की एजुकेशनल टेस्टिंग सर्विस या चीन के गाओकाओ से तुलना करने से पहले सरकार की जवाबदेही थी कि वह देखे कि स्वायत्तशासी संस्थाएं बनाने से जवाबदेही का स्तर कम तो नहीं हो जाएगा। इधर एनटीए की स्थापना को 6 साल हो चुके लेकिन इसके कामकाज का एक भी बार ऑडिट नहीं हुआ। एनटीए से पहले सारी परीक्षाएं सीबीएसई करवाया करता था और उल्लेखनीय है कि वहां परीक्षा प्रक्रिया का कोई हिस्सा आउटसोर्स नहीं किया जाता था।

  • फीस का एटीएम है एनटीए

एनटीए ने 2024 की पहली छमाही में चार परीक्षाएं आयोजित की और इनकी फीस से 915 करोड़ रुपये की कमाई की । यह संस्था पिछले छह वर्षों में करीब चार करोड़ परीक्षार्थियों की परीक्षाएं ले चुका है। 2023 में पूरे साल के दौरान 1.33 करोड़ परीक्षार्थियों ने परीक्षा दी थी।

  • एक अधिकारी के जिम्मे कई परीक्षाएं इसलिए परेशानी बढ़ी-

एनटीए के स्टाफ में डीजी सहित कुल 14 अफसर हैं। इनमें एक सीनियर डायरेक्टर,दो डायरेक्टर्स, दो ज्वाइंट डायरेक्टर्स,3 डिप्टी डायरेक्टर्स,2 असिस्टेंट डायरेक्टर्स,2 सीनियर सुपरिंटेंडेंट्स और डायरेक्टर एडमिन हैं। दिलचस्प यह है कि ये सभी डेपुटेशन पर हैं। इनकी मदद के लिए तमाम कर्मचारी भी ठेके पर ही हैं। मेडिकल, इंजीनियरिंग, सीयूईटी ,नेट जैसे कोई 9 वर्टिकल हैं और एक ही अफसर कई वर्टिकल का प्रमुख है अनुमाल लगाया जा सकता है कि कोई काम कितनी प्रतिबध्दता से किया जा सकता होगा। 

  • पेपर लीक दो सीबीआई की गिरफ्त में

नई दिल्ली, पटना, गोधरा। सीबीआई ने नीट -यूजी परीक्षा में गडबड़ियों के सिलसिले में गुरूवार 27 जून को पटना से पहली गिरफ्तारी की। जांच एजेंसी ने मनीष और आशुतोष नामक दो लोगों को गिरफ्तार किया है। बताया गया है कि मनीष अभ्यर्थियों को अपनी कार से लाता था और  आशुतोष  उनके लिए जगह की व्यवस्था कराता था, जहां उन्हें लीक पेपर के जवाब रटाए जाते थे। कोर्ट ने दोनों को ही जेल भेज दिया है। दूसरी ओर सीबीआई को जेल में बंद 13 आरोपियों से पूछताछ की अनुमति मिल गई है।

  • बिहार पुलिस ने रिपोर्ट शिक्षा मंत्रालय को सौंप दी-

बिहार पुलिस की जांच एजेंसी ने स्टेटस रिपोर्ट केन्द्रीय शिक्षा मंत्रालय को सौंप दी है इसमें पेपर लीक  और एक स्कूल से मिले जले हुए प्रश्नपत्र के ओरिजनल प्रश्नपत्र से मिलान की रिपोर्ट है। इसमें 84 प्रश्न मिलने की बात कही गई थी , 13 तो कबूलनामें हैं।

  • लातूर से जुड़े हैं तार -

लातूर से गिरफ्तार गंगाधर का बिहार से तार जुड़ा है। इसके मोबाइल में बिहार के अनेक लोगों के नंबर हैं। गंगाधर पर नीट पेपर लीक करने वाले एजेंट की कड़ी बनने का आरोप है।

  • भिवाड़ी की निशिका भी डमी केंडिडेट, केस सीबीआई को भेजा-

अलवर। भिवाड़ी के मेडिकल कॉलेज में सेकेंड इयर की छात्रा निशिका यादव 5 मई को मुंबई के बेलापुर सीबीडी के डीवाई कॉलेज सेंटर पर डमी कैंडिडेट के रूप में नीट परीक्षा देने पहुंची थी। बायोमेट्रिक जांच में पकड़े जाने पर उसके खिलाफ सेंटर  पर्यवेक्षक ने मामला दर्ज कराया था। निशिका ने पूछताछ में बताया कि  उसे जलगांव के एक परीक्षार्थी की जगह पेपर देने भेजा गया था। कहा कि इसके लिए फोन पर मोटी रकम
देने का लालच दिया गया था। तब महाराष्ट्र पुलिस ने सामान्य पूछताछ के बाद जाने दिया था पर अब ये मामला सीबीआई के सुपुर्द हो गया है।

  • सुप्रीम कोर्ट में फिर याचिकाः-

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार 27 जून को एक निजी कोचिंग सेंटर  और कुछ छात्रों की याचिका पर एनटीए से पूछा कि क्या ओएमआर शीट के संबंध में शिकायत उठाने के लिए कोई समय सीमा है। कोर्ट ने इस पर एनटीए को नोटिस जारी किया है। छात्रों के वकील ने दलील दी थी कि उन्हें ओएमआर शीट नहीं मिली है। शिकायत के लिए समय सीमा या प्रक्रिया तय नहीं  की गई है। एनटीए के वकील ने कहा कि शीट अपलोड कर दी गई है। समय सीमा के मुद्दे पर संक्षिप्त जवाब दाखिल करेंगे। 

खरगे के घर बैठक -

इंडिया गठबंधन के नेताओं कि गुरुवार 27 जून को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के घर बैठक हुई,इसमें तय किया गया कि शुक्रवार 28 जून को लोकसभा और राज्यसभा में नीट की परीक्षा के मुद्दे पर चर्चा की मांग को लेकर नोटिस दिया जाएगा।

गोधरा में पूछताछ शुरू-
सीबीआई ने 6 परीक्षार्थियों और अभिभावकों सहित जयराम स्कूल के संचालक से पूछताछ शुरू कर दी है। इस बीच पता चला है कि बिहार के अभ्यर्थियों को गुजरात चुनने के लिए कहा गया था ताकि शक न हो पते भी पंचमहल के भरे गए थे।

दूसरी ओर कांग्रेस की छात्र इकाई एनएसयूआई के 100 कार्यकर्ता गुरुवार को ओखला स्थित एनटीए के दफ्तर में घुस गए। बाद में उन्होंने एनटीए दफ्तर में बाहर से ताला लगा दिया।