• 28 Apr, 2025

बोर्ड परीक्षाएं साल में दो बार, अगले सत्र से लागू...

बोर्ड परीक्षाएं साल में दो बार, अगले सत्र से लागू...

बदलावः नई शिक्षा नीति के तहत केन्द्र की तैयारी

नई दिल्ली। स्कूल शिक्षा में परीक्षाओं के पैटर्न में बड़े बदलाव की तैयारी है। साल में अब तक पारंपरिक रूप से एक बार होने वाली परीक्षाओं के पैटर्न को बदलकर दो बार परीक्षाएं लेने की तैयारी कर ली गई है। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लेकर बुधवार को हुई अहम बैठक के बाद केन्द्रीय शिक्षा मंत्रालय ने बताया कि अब अगले शिक्षा सत्र से पूरे देशभर में बोर्ड परीक्षाएं साल में दो बार हुआ करेंगी। बताया गया है कि इस कदम से विद्यार्थियों को अच्छे अंक अर्जित करने का मौका मिलेगा। 
 केन्द्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान के मुताबिक नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत बोर्ड परीक्षाओं का नया ढांचा तैयार हो रहा है और 2024 के शिक्षा सत्र में किताबें भी इसी अनुरूप तैयार की जा  रही हैं। दो बार परीक्षाएं करवाने का मुख्य उद्देश्य साल में एक बार होने वाले हाई प्रेशर को बढ़ाना है ताकि बच्चों का फोकस विषयों पर बना रहे। मंत्री प्रधान के इस बयान के बाद माना जा रहा है कि राज्यों के बोर्ड जल्द ही इस संबंध में निर्देश जारी कर सकते हैं।  फिलहाल नई शिक्षा नीति में दो बार बोर्ड परीक्षाएं कराने की सिफारिश जोड़कर केन्द्र सरकार को भेज दी गई है। प्रधान ने बताया कि नई शिक्षा नीति का कुरिकुलम बनाकर केन्द्र सरकार को सौंप दिया है। 

  • क्योंकि छात्र तैयारी कर मूल्यांकन कर सकेंगे
  • दो बार बोर्ड परीक्षाओं को लेकर कुच तर्क भी दिए गए हैं। इसके मुताबिक इससे बच्चे तैयारियों का मूल्यांकन खुद ही कर सकेंगे। 
  • उन्हें एक ही सब्जेक्ट या उससे जुड़े तथ्यों को सालभर याद रखने की जरूरत नहीं होगी। इसलिए किताबें भी तैयार कराई जा रही हैं। 
  • महीनों तक कोचिंग के बजाए समझ और योग्यता का मूल्यांकन की दक्षता बढ़ेगी। विषयों की समझ और व्यासायिक कौशल सशक्त होगा। 
  • तब तक उस विषय की परीक्षा दे सकेंगे जिसमें वे अपना सर्वश्रेष्ठ नहीं दे पा रहे हैं। नए पैटर्न से उन्हें तैयारी के ज्यादा मौके मिलेंगे। 
बच्चे पढ़ेंगे दो भाषाएं 
नए पाठ्यक्रम में बताया गया है कि कक्षा 11 और 12 के बच्चों को दो भाषाओं में पढ़ना होगा। इनमें से एक भाषा भारतीय होगी। यह दृष्टिकोण ने केवल भाषाई विविधता पर जोर देगा  बल्कि राष्ट्र की समृध्द सांस्कृतिक विरासत को भी फैलाएगा।
विरोध भीः तीन राज्य नई शिक्षा नीति के खिलाफ 
तमिलनाडु और केरल दक्षिण के दोनों राज्यों ने पहले ही नई शिक्षा नीति को लागू करने से मना कर दिया है। कर्नाटक भी इसी दिशा में  आगे बढ़ रहा है। उनके मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने कहा है कि कर्नाटक के लिए अलग शिक्षा नीति बनेगी। उस पर काम करने के लिए समिति बना दी गई है।