• 28 Apr, 2025

ओल्ड पेंशन स्कीम-

ओल्ड पेंशन स्कीम-

कांग्रेस के दांव का काट खोजने में लगी मोदी सरकार…

नई दिल्ली। चुनाव के नजदीक आते ही लोक से जुड़े मुद्दे नींद से जगाए जाते हैं। ओल्ड पेंशन स्कीम इसी तरह का एक मुद्दा है जिसे पिटारे से ठीक चुनाव के पहले निकाला जाता है। पिछले कुछ चुनावों में कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी पार्टियां ओल्ड पेंशन स्कीम को लेकर केन्द्र सरकार को घेरती रही हैं। 

हिमाचल प्रदेश सहित कई विधानसभा के चुनावों में कांग्रेस इसे चुनावी मुद्दा भी बना चुकी है और उसे अपेक्षित फायदा भी मिलता रहा है।  हिमाचल, राजस्थान, झारखंड, छत्तीसगढ़ और पंजाब जैसे राज्य ओपीएस को लागू भी कर चुकी हैं। कहा जा रहा है कि अगले बरस होने जा रहे लोकसभा चुनाव के पहले मोदी सरकार इस मुद्दे का भी तोड़ निकालने जा रही है। 

दरअसल सूत्रों से मिली खबर के अनुसार सरकारी कर्मचारी को उसकी आखिरी सैलरी का 40 से 45 फीसदी पैसा बतौर पेंशन हर महीने दे सकती है। ओपीएस के तहत रिटायर होने वाले सरकारी कर्मचारियों को उनके अंतिम आहरित वेतन का 50 फीस दी मासिक पेंशन के रूप में मिलता था। मंहगाई भत्ते की दरों में बढ़ोतरी के साथ यह राशि भी बढ़ती रहती है।

अप्रैल में तैयार हुई थी रिव्यू कमेटीः-
केन्द्र सरकार ने अप्रैल माह में पेंशन सिस्टम को रिव्यू करने के लिए एक कमेटी गठित की थी। नई पेंशन स्कीम या एनपीएस को जनवरी 2004 के बाद केन्द्र सरकार में शामिल होने वाले सशस्त्र बलों के कर्मचारियों को छोड़कर सभी सरकारी कर्मचारियों के लिए लागू किया गया है। 

छत्तीसगढ़ सहित कई राज्य एनपीएस में जमा धनराशि वापस मांग रहे हैंपेंशन प्रणाली का समीक्षा का काम जारी 
पिछले कुछ महीनों में विपक्ष शासित कई राज्य सरकारों ने पुरानी पेंशन योजना (एनपीएस) लागू करने का फैसला किया है। इससे उत्साहित होकर कुछ अन्य राज्यों के कर्मचारी संगठनों में भी इसके लिए आवाज उठाई है। राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड, पंजाब और हिमाचल प्रदेश की राज्य सरकारों ने ओपीएस लागू करने की अपने फैसले की जानकारी केन्द्र सरकार को देने के साथ ही उससे एनपीएस के तहत जमा धन राशि लौटाने का अनुरोध किया है।  केन्द्र सरकार के स्तर पर ओपीएस  लागू करने के सवाल पर केन्द्र सरकार पहले ही इससे इंकार कर चुकी है। 
मंत्रालय की तरफ से केन्द्र ने संसद में जानकारी दी थी कि 01 जनवरी 2004 के बाद से भर्ती हुए केन्द्र सरकार के कर्मचारियों के संबंध में ओपीएस लागू करने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। 
सरकारी कर्मचारियों के लिए मौजूदा पेंशन प्रणाली एनपीएस की समीक्षा के लिए गठित समिति जिसके अध्यक्ष वित्त सचिव टी वी सोमनाथन हैं ने कहा  है कि यह मामला अभी परामर्श की प्रक्रिया में है और अभी इसकी रिपोर्ट को अंतिम  रूप नहीं दिया गया है। मंत्रालय ने गुरुवार  22 जून को एक ट्वीट में कहा है कि सोमनाथन कमेटी संबंधित हितग्राहियों के साथ इस पर विचार विमर्श की प्रक्रिया में है और अभी तक किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पाई है।
  गठन की शर्तों के अनुरूप यह समिति एनपीएस के दायरे में आने वाले सरकारी कर्मचारियों के पेंशन लाभों को बेहतर करने के बारे में जरूरी उपायों के बारे में सुझाव देगी। ये सुझाव राजकोषीय प्रभाव और समग्र बजटीय प्रावधानों पर असर को ध्यान में रखते हुए दिये जाएंगे ताकी राजकोषीय मजबूती कायम रहे।