अब महाराष्ट्र-झारखंड में चुनावी सरगर्मियां तेज..
■ भाजपा ने दोनों राज्यों में लगाई सौगातों -वादों की झड़ी ■ विपक्षी खेमा भी सक्रिय हुआ ■ इन दोनों राज्यों में चुनाव नवंबर में होने की चर्चा
■ बोर्ड की संरचना में होगा बदलाव, महिलाओं की भागीदारी जरूरी
नई दिल्ली। केन्द्र सरकार वक्फ बोर्ड की शक्तियों को कम करने की तैयारी में है। निकट भविष्य में पहले की तरह वक्फ बोर्ड किसी भी संपति को अपना घोषित नहीं कर पाएंगे। उन्हें अपने बोर्ड में महिलाओं की भागीदारी भी तय करनी होगी। सूत्रों से पता चला है कि मोदी सरकार सोमवार 5 अगस्त को वक्फ बोर्ड अधिनियम 1954 में संशोधन के लिए विधेयक पेश करने की तैयारी में है। विधेयक के मसौदे पर कैबिनेट की मोहर लग चुकी है। विधेयक पेश होने से पहले भाजपा सहयोगियों को साधने में जुट गई है।
प्रस्तावित संशोधित विधेयक के जरिये वक्फ बोर्ड अधिनियम में 40 अहम संशोधन का प्रस्ताव है। उदाहरण के लिए सेन्ट्रल वक्फ काउंसिल और राज्य वक्फ बोर्ड की संरचना में बदलाव के लिए अधिनियम की धारा 9 और 14 में संशोधन किया जाएगा। इस संशोधन के बाद काउंसिल और बोर्ड में महिलाओं का प्रतिनिधित्व अनिवार्य हो जाएगा। संशोधन में सबसे अहम प्रावधान वक्फ बोर्ड की शक्तियां कम करने का है। विधेयक के प्रस्ताव के मुताबिक वक्फ बोर्ड की हर दावे वाली विवादित जमीन का नए सिरे से सत्यापन होगा। बोर्ड जिन संपत्तियों पर दावा करेंगे उन संपत्तियों का सत्यापन जरूरी होगा। उन विवादित जमीनों के सत्यापन का भी उसमें प्रावधान है जिसमें वक्फ बोर्ड और मालिकान के बीच विवाद है।
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■ केन्द्र मैरिटल रेप को अपराध बनाने के खिलाफ
हम एक धर्म निरपेक्ष देश हैं । हमारे निर्देश सभी के लिए होंगे। चाहे वे किसी धर्म या व्यवसाय के हों। अगर सड़क के बीच में कोई धार्मिक संरचना है फिर वह गुरूद्वारा हो, दरगाह या फिर मंदिर, तो उसे हटाना ही पड़ेगा। यह जनता के आवागमन में बाधा नहीं डाल सकती। साथ ही अवैध निर्माण तोड़ने से पहले पर्याप्त समय देना चाहिए। महिलाओं और बच्चों को सड़क पर देखना अच्छा नहीं । - जस्टिस बी.आर. गवई
■ हमारे साझा सरोकार "निरंतर पहल" एक गम्भीर विमर्श की राष्ट्रीय मासिक पत्रिका है जो युवा चेतना और लोकजागरण के लिए प्रतिबद्ध है। शिक्षा, स्वास्थ्य, खेती और रोजगार इसके चार प्रमुख विषय हैं। इसके अलावा राजनीति, आर्थिकी, कला साहित्य और खेल - मनोरंजन इस पत्रिका अतिरिक्त आकर्षण हैं। पर्यावरण जैसा नाजुक और वैश्विक सरोकार इसकी प्रमुख प्रथमिकताओं में शामिल है। सुदीर्ध अनुभव वाले संपादकीय सहयोगियों के संपादन में पत्रिका बेहतर प्रतिसाद के साथ उत्तरोत्तर प्रगति के सोपान तय कर रही है। छह महीने की इस शिशु पत्रिका का अत्यंत सुरुचिपूर्ण वेब पोर्टल: "निरंतर पहल डॉट इन "सुधी पाठको को सौपते हुए अत्यंत खुशी हो रही है। संपादक समीर दीवान
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