• 28 Apr, 2025

कर दाताओं को एक लाख रुपये तक की मिलेगी छूट ---

कर दाताओं को एक लाख रुपये तक की मिलेगी छूट  ---

● पुराना कर बकाया आयकर विभाग ने तय की अधिकतम सीमा--

नई दिल्ली।  अंतरिम बजट में की गई घोषणा के तहत पुराने कर बकाया मांग मामले में हर कर दाता को अधिकतम एक लाख रुपये की छूट मिलेगी। आयकर विभाग ने कर छूट की सीमा निर्धारित कर दी है। सरकार के इस फैसले से करीब 1.11  करोड़ करदाताओं को लाभ मिलने की संभावना है जिन्हें आयकर विभाग ने कर विवाद मामले में मांग नोटिस भेजा है।

केन्द्रीय प्रत्यक्षकर बोर्ड (सीबीडीटी) ने छोटी कर मांगों को वापस लेने की 2024-25 के अंतरिम बजट में की गई घोषणा को अमल में लाने के लिए इस संबंध में एक आदेश जारी किया है। आदेश में कहा गया है कि 31 जनवरी 2024 तक आयकर, संपत्ति कर और उपहारकर से बकाया कर मांगों  को माफ करने को लेकर प्रतिकर दाता एक लाख रुपये की अधिकतम सीमा तय की गई है।  एक लाख रुपये की सीमा में कर मांग की मूल राशि ब्याज, जुर्माना या शुल्क उपकर और अधिभार शामिल हैं।

  • नहीं कर पाएंगे रिफंड का दावा-

नांगिया एंडरसन इंडिया के पार्टनर मनीष बावा ने कहा - निर्देश स्पष्ट करता है कि यह छूट करदाताओं को  क्रेडिट या रिफंड के किसी भी दावे का अधिकार नहीं देती। यानी करदाता रिफंड का दावा नहीं कर पाएंगे। यह छूट करदाता के खिलाफ चल रही नियोजित या संभावित आपराधिक कानूनी कार्रवाई को प्रभावित नहीं करेगी। किसी भी कानून के तहत कोई सुरक्षा नहीं देती है।

  •  वित्त मंत्री ने अंतरिम बजट में की थी घोषणा-

वित्त मंत्री निर्मला सीथारमण ने अंतरिम बजट भाषण में आकलन वर्ष 2010 -11 तक की अवधि के लिए 25000 हजार रु. और आकलन वर्ष 2011-12 से 2015-16 तक अधिकतम 10000 रुपये की बकाया प्रत्यक्ष कर मांगों को माफ करने की घोषणा की थी। इसमें शामिल कुल कर मांगल 3500 करोड़ रुपये है। 
 

1.11 कर दाताओं को राहत की आस

  •   इन्हें नहीं मिलेगी छूट...

सीबीडीटी के आदेश के मुताबिक आयकर अधिनियम के टीडीएस ( स्रोत पर कर कटौती) या टीसीएस ( स्रोत पर कर संग्रह ) प्रावधानों के तहत टैक्स कटौती करने वालों या  कर दाताओं के की गई मांग पर एक लाख रुपये की यह छूट लागू नहीं होगी।