नीति की सराहना, आक्रामक नीति से बैकफुट पर जा रहे नक्सली…
● बैठक- केन्द्रीय गृहमंत्री शाह ने सीएम साय की रणनीति को सराहा ● मंत्री शाह की अपील भटके युवा मुख्यधारा में लौटें
● लोकनिर्माण मंत्री ने सेत निगम से मांगी सर्वे रिपोर्ट, पांच साल से बंद पड़ा रहा प्रोजेक्ट. ॉ ● 40 करोड़ रुपये किये जा चुके हैं खर्च अब तक
रायपुर। शहर के बीच जय स्तम्भ चौक से पुराने शास्त्री चौराहे तक विगत भाजपा सरकार के कार्यकाल में शुरू किये गए स्काई वाक का काम पूरा नहीं हुआ था कि 2019 में प्रदेश में कांग्रेस की सरकार चुन कर आ गई। इस सरकार की प्राथमिकता सूची में और दूसरी परियोजनाएं थीं तो स्काईवॉक का अधूरा बना ढांचा धूलखाता बारिश और मौसमों की मार झेलता खड़ा रहा पर अब एक बार फिर भाजपा की सरकार के चुने जाने से इस अधूरी परियोजना को शुरू कर पूरा करने की बातें हो रही हैं। पिछले दिनों पीडब्ल्यूडी मंत्री अरुण साव ने इस अधूरे पड़े प्रोजेक्ट को पूरा करने की इच्छा जाहिर की है। इन्होंने कहा कि इस काम को अक्तूबर से शुरू करने की तैयारी की जा रही है। उनके ही निर्देश पर सेतु निगम के स्काई वाक के अधूरे पड़े ढांचे की मजबूती की जांच कर ली है।
बताया गया कि पूरे स्काईवॉक के तमाम नट बोल्ट और स्टील के कल -पुर्जे सही हालत में हैं। इस पर काम आगे बढा़या जा सकता है। वेल्डिंग, पेंटिंग, फ्लोरिंग और फिक्सिंग का काम अधूरा पड़ा है। इसी के चलते मौसम की मार के कारण इसक कई हिस्सों में रस्टिंग होनी शुरु हो गई है। कहा गया है कि इससे स्टील के इसके ढांचे की मजबूती पर असर पड़ सकता है, इस बारे में मंत्री की मांग पर सेतु निगम ने स्काई वॉक की जांच के बाद अपनी रिुपोर्ट सौंप दी है। अफसरों से मिली जानकारी के अनुसार अक्तूबर 2024 से इस अधूरे पड़े ढांचे का काम पूरा करने की शुरुआत हो सकती है।
स्काईवॉक का काम 2018 में राज्य में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से ही रोक दिया गया था। कांग्रेस ने विपक्ष में रहते हुए इसका विरोध किया था कांग्रेस के कतिपय नेताओं का तर्क था कि ये फिजूलखर्ची है। केवल भ्रष्टाचार के लिए इसे बनाया गया है। कहा था कि स्काईवॉक का प्रयोग बहुत कम लोग करेंगे। इन्हीं तर्कों के आधार पर कांग्रेस ने काम रुकवाने के साथ ही इसमें कथित तौर पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए जांच के आदेश दिए थे।
बताते चलें कि इस प्रोजेक्ट पर कांग्रेस की सरकार से पहले रही भाजपा की राज्य सरकार ने 40 करोड़ रुपये खर्च कर दिये थे फिर भी यह स्काईवॉक अधूरा ही रहा। अब करीब 30 करोड़ रुपये और खर्च किए जाएंगे। स्काईवॉक के निर्माण के लिए सन2017 में टेंडर जारी किया गया था अब बाकी का काम पूरा किया जाना है। राज्य में जब से भाजपा की सरकार दोबारा बनी है तब ही से शहर में स्काईवॉक का निर्माण दोबारा शुरू करने की चर्चा शुरू हो चुकी थी। मंत्री अरुण साव का भी यही कहना था कि इसका एक बार और सर्वे कराया जा रहा है।
जयस्तम्भ चौक से लेकर शास्त्री चौक के पास मल्टिलेवल पार्किंग तक और चौक से फिर अंबेडकर अस्पताल के गेट तक इसका विस्तार प्रस्तावित है और इन्हीं जगहों तक इसका ढांचा भी तैयार खड़ा है। जांच के बाद इसके संरचना की मजबूती के साथ यह भी पता चला कि इसमें लगी एसीपी शीट्स और कहीं का एल्यूमिनियम शीट असामाजिक तत्व चुरा ले गए हैं। कुछ जगहों पर तो डिवाइडर रैलिंग भी चोर काट कर ले जा चुके हैं। इस स्काईवॉक में राहगीरों के चढ़ने उतरने के लिए कुल 12 जगहों पर सीढी, स्केलटर और लिफ्ट लगाई जानी है। इन जगहों से खुले सामानों की भी चोरी हो चुकी है।
कहा गया है कि जयस्तम्भ चौक के करीब स्थित मल्टीलेवल पार्किंग से अम्बेडकर अपस्ताल के गेट 1500 मीटर लम्बे स्काईवॉक के हिस्से को दोबारा बनाने के लिए काम पार्किंग के पास से शुरू किया जाएगा। इस हिस्से में सीढ़ी का ढांचा खड़ा होने के साथ छत और फ्लोर का काम भी पूरा हो चुका है। बताया गया है कि इसी पैच से काम को आगे बढ़ाकर काम को शास्त्री चौक ले जाया जायेगा। इसी के बाद शास्त्री चौक से अम्बेडकर अस्पताल के पैच का काम शुरू किया जाएगा।
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■ बंधन नहीं , नक्सली जहां मिलें वहां मारें - सुंदरराज
■ छत्तीसगढ़ हरित शिखर सम्मेलन का किया उद्घाटन, ■ पर्यावरणीय संकट से निबटने में समान रूप से सहभागिता ■ छत्तीसगढ़ ने पूरा किया 4 लाख पेड़ लगाने का लक्ष्य ■ जलवायु परिवर्तन से निबटने छग में हो रहा बेहतर काम
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