• 28 Apr, 2025

केजरीवाल ने किया इस्तीफे का एलान …

केजरीवाल ने किया इस्तीफे का एलान …

नई दिल्ली |   दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार 15 सितंबर को दो दिन बाद इस्तीफा देने का एलान कर चौंका दिया है अभी दो दिन पूर्व ही उनको शराब नीति मामले में जमानत मिली है।  

 शुक्रवार 13 सितंबर को जमानत मिलने के बाद केजरीवाल ने रविवार को आम आदमी पार्टी के मुख्यालय में कहा कि - दो दिन में विधायकों की बैठक कर नया नेता चुनेंगे। मैं जनता के समक्ष अग्नि परीक्षा देना चाहता हूंँ। जनता जब हमें ईमानदार करार देगी इसके बाद ही मैं कुर्सी संभालूंगा। पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया भी अभी पद नहीं संभालेंगे। केजरीवाल ने नवंबर में दिल्ली में विधानसभा चुनाव कराने की मांग की है। दिल्ली में अगले साल फरवरी में चुनाव होने हैं। उन्होंने कहा कि मैं गैरभाजपा सीएम से अपील करता हूंँ कि यदि पीएम फर्जी केस में आपको जेल में डालें तो इस्तीफा न दें। हमारे लिये संविधान सर्वोपरी है।

  उधर भाजपा प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि केजरीवाल इमोशनल कार्ड खेल रहे हैंं। इस्तीफे का एलान कर केजरीवाल शराब नीति मामले में खुद की भूमिका को स्वीकार कर रहे हैं। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष देवेन्द्र यादव ने आरोप लगाया कि केजरीवाल सियासी ड्रामा कर रहे हैं।

  •  गोपाल राय, आतिशी और सौरभ का नाम सीएम के दावेदारों में -

केजरीवाल के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे के ऐलान के बाद अब नये नाम पर चर्चा शुरू हो गई है। सूत्रों के अनुसार गोपाल राय दौड़ में सबसे आगे हैं। वे 2013 से आप सरकार में मंत्री रहे हैं। कैबिनेट में 14 मंत्रालय संभाल रहीं आतिशी सिंह का नाम भी चर्चा में है। सौरभ भारद्वाज और कैलाश गहलोत को भी दौड़ में माना जा रहा है। इधर केजरीवाल की पत्नी सुनीता का नाम भी सामने आ रहा है। हालांकि जानकारो का मानना है कि एमएलए को ही इस पद के लिए चुने जाने की संभावना ज्यादा है। 
 

  • इस्तीफा क्यों- जमानत की कड़ी शर्तें, नया जनादेश पाने पर दांव

जमानत की शर्तों को मुताबिक केजरीवाल सीएम ऑफिस नहीं जा पाएंगे। वही फाइल साइन करेंंगे जिसकी अंतिम मंजूरी एल जी को देनी है। पार्टी के अहम योजनाओंं के क्रियान्वयन में दिक्कत होगी। कार्यकर्ताओं का मनोबल बनाये रखने के लिए केजरीवाल ने नया जनादेश पाने के लिए चुनाव का दांव खेला है।

  • आगे क्या… जल्द चुनाव का कारण बताना होगा, फैसला आयोग करेगा

जानकारों के मुताबिक दिल्ली सरकार को जल्दी चुनाव कराने का कारण बताते हुए निर्वाचन आयोग को लिखना होगा। आयोग महाराष्ट्र के साथ नवंबर में चुनाव कराने का फैसला कर सकता है। लेकिन दूसरी ओर जनवरी में दिल्ली की वोटर लिस्ट अपडेट की जाएगी। ऐसे में आयोग फरवरी में तय समय पर चुनाव करा सकता है।