• 28 Apr, 2025

अरण्य में कोयला खदान के लिए पेड़ों की कटाई का मामला

प्रतिक्रिया में स्वास्थ्य मंत्री के 
बयान पर मुख्यमंत्री ने कहा।
रायपुर
ह सदेव अरण्य मामले में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एक ओर जहां भाजपा पर निशाना साधा वहीं स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अगर वे नहीं चाहते तो हसदेव अरण्य में पेड़ क्या डगाल तक नहीं कटेगी।वहाँ गोली चलाने की नौबत नहीं आएगी।
गोली चलाने वालों पर ही गोली चल जाएगी दरअसल इस मामले में स्वास्थ्य मंत्री ने 7 जून को कहा था कि अरण्य के जंगल नहीं कटने देंगे।  अगर कोई गोली चलाता है तो पहली गोली वे खाएंगे। मुख्यमंत्री ने इस पर कहा कि श्री सिंहदेव हमारे वरिष्ठ मंत्री हैं वहां के क्षेत्रीय विधायक हैं। उनकी सहमति नहीं है और अगर वह नहीं चाहते तो हरदेव अरण्य में पेड़ क्या एक डगाल तक नहीं कटेगी। मुख्यमंत्री ने भाजपा की घेराबंदी करते हुए कहां कि वह इस मुद्दे पर दोहरा चरित्र दिखा रही है। उन्होंने कहा कि कोल खदान आवंटन केंद्र सरकार करती है। पर्यावरण अधिनियम और वन अधिनियम केंद्र का है। सभी नियम केंद्र सरकार के हैं। आवंटन के साथ अनुमति का अधिकार भी केंद्र को ही है। जो लोग यहां आंदोलन कर रहे हैं अभी केंद्र से मांग क्यों नहीं करते। भाजपा नेताओं को यहां नहीं बल्कि केंद्र सरकार के समक्ष विरोध प्रदर्शन करना चाहिए। भाजपा को केंद्र से मांग करनी चाहिए कि वह खदान आवंटन निरस्त कर दें। भाजपा नेता यहां के बजाय दिल्ली जाकर विरोध करें। कोयला खनन का विरोध कर रहे स्थानीय लोगों के समर्थन में 7 जून को सिंहदेव ने अरण्य इलाके का दौरा किया था और कहा था कि यदि आंदोलनकारियों पर गोली चलाई जाएगी तो सबसे पहले लाठी-गोली वे झेलेंगे। सहदेव के निर्वाचन क्षेत्र के ये इलाके परसा खदान और परसा पूर्व कान्ते बासन के दूसरे चरण के कोयला खनन परियोजनाओं से प्रभावित होंगे। इसके लिए राज्य सरकार ने हाल ही में अंतिम मंजूरी दी थी। दोनों खदान कांग्रेस शासित राजस्थान के ‘राजस्थान राज्य  बिजली उत्पादन निगम लिमिटेड को आवंटित की गई हैं।
किसके दबाव में प्रोजेक्ट को मंजूरी : भाजपा
पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि हसदेव और अन्य मामले में यदि राहुल गांधी सही है तो कांग्रेस भूपेश बघेल को बर्खास्त करें और यदि भूपेश बघेल सही है तो अपने स्वास्थ्य मंत्री को बर्खास्त करें। यदि स्वास्थ्य मंत्री सही है तो जनहित में मंत्रिमंडल से इस्तीफा देकर सड़क की लड़ाई लड़ें। एकात्म परिसर में प्रेसवार्ता में पूर्व मंत्री केदार कश्यप भी मौजूद थे। श्री अग्रवाल ने पूछा कि बगैर छत्तीसगढ़ की जनता को बताएं जो प्रोजेक्ट 3 वर्षों से रुका हुआ था आखिर किसके दबाव में मात्र तीन महीनों में उसे स्वीकृति दे दी गई। राज्य सरकार अगर पर्यावरण मंजूरी ना दें और राज्य सरकार ना चाहे तो कोई भी उनके क्षेत्र में खनन नहीं कर सकता। शायद भूपेश बघेल भूल गए हैं कि विधानसभा चुनाव के पहले 2018 में राहुल गांधी जी हसदेव आकर यहां के जंगल यहां की संस्कृति और यहां के पेड़  नहीं कटने देने का वादा करके गए थे।