• 28 Apr, 2025

सीएए के तहत नागरिता के लिए पोर्टल लॉन्च, विरोध भी तेज

सीएए के तहत नागरिता के लिए पोर्टल लॉन्च, विरोध भी तेज

● मूल देश के 9 में एक और भारत के 20 में से कोई एक दस्तावेज जरूरी ● जल्द ही मोबाइल एप सीएए 2019 भी जारी किया जाएगा

नई दिल्ली। केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने नागरिकता संशोधन विधेयक ( सिटिजन एमेंडमेंट एक्ट 2019 यानी सीएए) लागू करने के बाद इसके तहत भारत की नागरिता चाहने वालों के लिए वेब पोर्टल लॉन्च कर दिया है। इस पर पात्र व्यक्ति नागरिता के लिए आवेदन कर सकता है।

  आवेदक को मूल देश की नागरिकता साबित करने के लिए पासपोर्ट, आईडी कार्ड और लगान संबंधी रिकॉर्ड समेत 9 में से कोई एक दस्तावेज देना होगा। साथ ही 31 दिसंबर 2014 से पहले से निवास के सबूत के तौर पर वीजा और आव्रजन स्टांप समेत 20 में से कोई एक दस्तावेज जमा करना होगा। वहीं सीएए को लागू करने के खिलाफ कई राज्यों में प्रदर्शन हुए हैं। अनेक राज्यों ने सीएए को लागू नहीं करने की बात कही है। वहीं सीएए लागू करने की केन्द्र सरकार की घोषणा के बाद असम में पिछले दिनो विरोध में किया गया बंद बेअसर रहा।

  सरकार ने कहा है कि नागरिकता आवेदन के लिए जल्द ही मोबाइल एप सीएए 2019 भी लॉन्च किया जाएगा। नागरिकता के लिए आवेदन ऑन लाइन ही स्वीकार किये जाएंगे। सरकार की ओर से अधिसूचित राज्य स्तरीय समिति आवेदकों पर विचार कर नागरिकता के बारे में निर्णय लेगी।

  • आवेदन से पहले भारत में 12 महीने रहना जरूरी-

नागरिकता के लिए आवेदक का आवेदन की तारीख से पहले भारत में कम से कम 12 महीने रहना जरूरी है। हलफनामा देकर बताना होगा कि वे पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश के अल्पसंख्यक और गैरमुस्लिम शरणार्थी हैं और यह भी कि वे भारत को ही अपना स्थायी निवास बनाना चाहते हैं।

  • कैसे और कहां करें आवेदन-

पोर्टल में यहां करें आवेदन- indiancitizenshiponline.nic.in

  • ऑनलाइन फार्म में 9 तरह के दस्तावेज रखे गए हैं। इसमें संबंधित देश का लाइसेंस, पासपोर्ट, जन्म प्रमाणपत्र,शैक्षणिक     प्रमाणपत्र,बिजली -पानी बिल, पैन कॉर्ड और विवाह प्रमाणपत्र आदि शामिल हैं।
  • भारत में निवास के संबंध में शेड्यूल -1 बी के तहत 20 दस्तावेज में वीजा, आव्रजन स्टां आवासीय परमिट,ड्राइविंग लाइसेंस, आधार कार्ड, राशन कार्ड, जन्म प्रमाणपत्र, भूमि या किरायेदारी का दस्तावेज, पैन कार्ड,बिजली-पानी के बिल की कॉपी देना होगा। 
     

कांग्रेस ने किया था विरोध-शाह

केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि सीएए का कांग्रेस ने विरोध किया था जबकि हमने इसे लाने की बात कही और अपने संकल्प को हमने पूरा भी किया है। आजादी के बाद कांग्रेस और संविधान निर्माताओं का वादा था पर तुष्टिकरण और वोट बैंक की राजनीति के कारण कांग्रेस ने इसका विरोध किया। 

भारतीय मुसलमानों से संबंध नहीं-

  • गृह मंत्रालय ने सीएए को लागू करने  के दौरान यह स्पष्ट किया है कि सीएए का भारतीय मुसलमानों से लेना देना नहीं है। उनके पास देश के अन्य नागरिकों की तरह ही सभी अधिकार हैं। यह कानून अवैध अप्रवासियों के निर्वासन से संबंधित नहीं है। 
  • यह भी कि यह कानून पूर्वोत्तर के उन आदिवासी क्षेत्रों में लागू नहीं होगा जो छठी अनुसूची के तहत संरक्षित हैं ऐसे इलाकों  में इनर लाइन परमिट लगता है।