अब महाराष्ट्र-झारखंड में चुनावी सरगर्मियां तेज..
■ भाजपा ने दोनों राज्यों में लगाई सौगातों -वादों की झड़ी ■ विपक्षी खेमा भी सक्रिय हुआ ■ इन दोनों राज्यों में चुनाव नवंबर में होने की चर्चा
● मूल देश के 9 में एक और भारत के 20 में से कोई एक दस्तावेज जरूरी ● जल्द ही मोबाइल एप सीएए 2019 भी जारी किया जाएगा
नई दिल्ली। केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने नागरिकता संशोधन विधेयक ( सिटिजन एमेंडमेंट एक्ट 2019 यानी सीएए) लागू करने के बाद इसके तहत भारत की नागरिता चाहने वालों के लिए वेब पोर्टल लॉन्च कर दिया है। इस पर पात्र व्यक्ति नागरिता के लिए आवेदन कर सकता है।
आवेदक को मूल देश की नागरिकता साबित करने के लिए पासपोर्ट, आईडी कार्ड और लगान संबंधी रिकॉर्ड समेत 9 में से कोई एक दस्तावेज देना होगा। साथ ही 31 दिसंबर 2014 से पहले से निवास के सबूत के तौर पर वीजा और आव्रजन स्टांप समेत 20 में से कोई एक दस्तावेज जमा करना होगा। वहीं सीएए को लागू करने के खिलाफ कई राज्यों में प्रदर्शन हुए हैं। अनेक राज्यों ने सीएए को लागू नहीं करने की बात कही है। वहीं सीएए लागू करने की केन्द्र सरकार की घोषणा के बाद असम में पिछले दिनो विरोध में किया गया बंद बेअसर रहा।
सरकार ने कहा है कि नागरिकता आवेदन के लिए जल्द ही मोबाइल एप सीएए 2019 भी लॉन्च किया जाएगा। नागरिकता के लिए आवेदन ऑन लाइन ही स्वीकार किये जाएंगे। सरकार की ओर से अधिसूचित राज्य स्तरीय समिति आवेदकों पर विचार कर नागरिकता के बारे में निर्णय लेगी।
नागरिकता के लिए आवेदक का आवेदन की तारीख से पहले भारत में कम से कम 12 महीने रहना जरूरी है। हलफनामा देकर बताना होगा कि वे पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश के अल्पसंख्यक और गैरमुस्लिम शरणार्थी हैं और यह भी कि वे भारत को ही अपना स्थायी निवास बनाना चाहते हैं।
पोर्टल में यहां करें आवेदन- indiancitizenshiponline.nic.in
कांग्रेस ने किया था विरोध-शाह केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि सीएए का कांग्रेस ने विरोध किया था जबकि हमने इसे लाने की बात कही और अपने संकल्प को हमने पूरा भी किया है। आजादी के बाद कांग्रेस और संविधान निर्माताओं का वादा था पर तुष्टिकरण और वोट बैंक की राजनीति के कारण कांग्रेस ने इसका विरोध किया। | भारतीय मुसलमानों से संबंध नहीं-
|
■ भाजपा ने दोनों राज्यों में लगाई सौगातों -वादों की झड़ी ■ विपक्षी खेमा भी सक्रिय हुआ ■ इन दोनों राज्यों में चुनाव नवंबर में होने की चर्चा
हम एक धर्म निरपेक्ष देश हैं । हमारे निर्देश सभी के लिए होंगे। चाहे वे किसी धर्म या व्यवसाय के हों। अगर सड़क के बीच में कोई धार्मिक संरचना है फिर वह गुरूद्वारा हो, दरगाह या फिर मंदिर, तो उसे हटाना ही पड़ेगा। यह जनता के आवागमन में बाधा नहीं डाल सकती। साथ ही अवैध निर्माण तोड़ने से पहले पर्याप्त समय देना चाहिए। महिलाओं और बच्चों को सड़क पर देखना अच्छा नहीं । - जस्टिस बी.आर. गवई
हम एक धर्म निरपेक्ष देश हैं । हमारे निर्देश सभी के लिए होंगे। चाहे वे किसी धर्म या व्यवसाय के हों। अगर सड़क के बीच में कोई धार्मिक संरचना है फिर वह गुरूद्वारा हो, दरगाह या फिर मंदिर, तो उसे हटाना ही पड़ेगा। यह जनता के आवागमन में बाधा नहीं डाल सकती। साथ ही अवैध निर्माण तोड़ने से पहले पर्याप्त समय देना चाहिए। महिलाओं और बच्चों को सड़क पर देखना अच्छा नहीं । - जस्टिस बी.आर. गवई
■ हमारे साझा सरोकार "निरंतर पहल" एक गम्भीर विमर्श की राष्ट्रीय मासिक पत्रिका है जो युवा चेतना और लोकजागरण के लिए प्रतिबद्ध है। शिक्षा, स्वास्थ्य, खेती और रोजगार इसके चार प्रमुख विषय हैं। इसके अलावा राजनीति, आर्थिकी, कला साहित्य और खेल - मनोरंजन इस पत्रिका अतिरिक्त आकर्षण हैं। पर्यावरण जैसा नाजुक और वैश्विक सरोकार इसकी प्रमुख प्रथमिकताओं में शामिल है। सुदीर्ध अनुभव वाले संपादकीय सहयोगियों के संपादन में पत्रिका बेहतर प्रतिसाद के साथ उत्तरोत्तर प्रगति के सोपान तय कर रही है। छह महीने की इस शिशु पत्रिका का अत्यंत सुरुचिपूर्ण वेब पोर्टल: "निरंतर पहल डॉट इन "सुधी पाठको को सौपते हुए अत्यंत खुशी हो रही है। संपादक समीर दीवान
Address
Raipur
Phone
+(91) 9893260359