अब महाराष्ट्र-झारखंड में चुनावी सरगर्मियां तेज..
■ भाजपा ने दोनों राज्यों में लगाई सौगातों -वादों की झड़ी ■ विपक्षी खेमा भी सक्रिय हुआ ■ इन दोनों राज्यों में चुनाव नवंबर में होने की चर्चा
● तीन राज्यों में हार के बाद क्षेत्रीय दिग्गजों के सुर बदले
रायपुर। विधानसभा में अपनी जिद पर एकला चलो की नीति अपनाने वाली राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी विपक्षी दलों 'इंडिया'के सहयोगी दलों ने झटका दिया है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने 6 दिसंबर को 'इंडिया'बैठक बुलाई थी लेकिन तीन राज्यों में कांग्रेस की हार के बाद इस गठबंधन के सदस्य क्षेत्रीय दलों का सुर ही बदल गया।
तृ्णमूल कांग्रेस,सपा, झामुमो जैसे दलों के शीर्ष नेताओं ने अलग अलग कारणों से बैठक में शामिल होने में असमर्थता बताई है। इसके चलते बैठक आखिरी समय में स्थगित करनी पड़ी है। पं. बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (दीदी) और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पहले से ही उनके तय कार्यक्रमों में व्यस्तता बताकर 'इंडिया' की बैठक में आने से इंकार किया है।
इसी तरह तमिलनाडु के सीएम एम के स्टालिन ने चक्रवाती तूफान के कारण प्रदेश से बाहर नहीं आ पाने की वजह बताते हुए इंकार कर दिया है। उत्तरप्रदेश से समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो अखिलेश यादव ने भी अपनी व्यस्तता बताई है। उधर महाराष्ट्र से पूर्व मुख्यमंत्री उध्दव ठाकरे ने पहले तो आने की पुष्टि की फिर बाद में उन्होंने भी आना टाल दिया। सूत्रों के मुताबिक उक्त बैठक अब 17 दिसंबर को होगी।
गठबंधन के शीर्ष नेताओं की जगह समन्वय समिति की बैठक बुधवार 6 दिसंबर को खरगे के निवास पर रखी गई है। अनुमान किया गया है कि विधानसभा चुनाव के नतीजों से उत्साहित भाजपा आम चुनाव पहले कराने की भी मांग कर सकती है। इसे देखते हुए गठबंधन अपनी गतिविधियां तेज करने पर विचार कर सकती है। इनमें भी सबसे प्रमुख काम सीटों का बटवारा ही होगा।
'इंडिया' की आखिरी बड़ी बैठक मुंबई में हुई थी। इनमें समन्वय समिति, प्रचार , सोशल मीडिया रणनीति बनाने के लिए दो अन्य समितियां बनाने का फैसला हुआ था। समन्वय समिति का काम भी ठप पड़ा है। दरअसल विधानसभा चुनाव के कारण गठबंधन के फैसले टल रहे थे। चुनाव के दौरान कांग्रेस की सपा से कड़वाहट भी देखी गई थी।
टीएमसी के मुखपत्र ने लिखा -कांग्रेस की हार से देशभर में नुकसान होगा, विजयन बोले -हमसे लड़ना है या भाजपा से 'इंडिया' गठबंधन के तहत साथ आने वाले सदस्य दलों ने कड़े तेवर दिखाते हुए कांग्रेस को घेरा है। तीन राज्यों के नतीजों को लेकर तृणमूल कांग्रेस के मुखपत्र ने लिखा है- कांग्रेस की इस हार का असर पूरे देशभर में दिख सकता है। दूसरी ओर केरल के सीएम पी.विजयन ने कहा कि कांग्रेस को यह तय करना होगा कि वह हमसे लड़ना चाहती है या भाजपा से। अगर उसे भाजपा से मुकाबला करना है तो उसे वायनाड से चुनाव नहीं लड़ने के बारे में सोचना चाहिए । वे हमारे ही प्रदेश में हमें नुकसान पहुंचाने की रणनीति अपनाएंगे तो हम सहयोगी कैसे बने रह सकते हैं। |
■ भाजपा ने दोनों राज्यों में लगाई सौगातों -वादों की झड़ी ■ विपक्षी खेमा भी सक्रिय हुआ ■ इन दोनों राज्यों में चुनाव नवंबर में होने की चर्चा
हम एक धर्म निरपेक्ष देश हैं । हमारे निर्देश सभी के लिए होंगे। चाहे वे किसी धर्म या व्यवसाय के हों। अगर सड़क के बीच में कोई धार्मिक संरचना है फिर वह गुरूद्वारा हो, दरगाह या फिर मंदिर, तो उसे हटाना ही पड़ेगा। यह जनता के आवागमन में बाधा नहीं डाल सकती। साथ ही अवैध निर्माण तोड़ने से पहले पर्याप्त समय देना चाहिए। महिलाओं और बच्चों को सड़क पर देखना अच्छा नहीं । - जस्टिस बी.आर. गवई
हम एक धर्म निरपेक्ष देश हैं । हमारे निर्देश सभी के लिए होंगे। चाहे वे किसी धर्म या व्यवसाय के हों। अगर सड़क के बीच में कोई धार्मिक संरचना है फिर वह गुरूद्वारा हो, दरगाह या फिर मंदिर, तो उसे हटाना ही पड़ेगा। यह जनता के आवागमन में बाधा नहीं डाल सकती। साथ ही अवैध निर्माण तोड़ने से पहले पर्याप्त समय देना चाहिए। महिलाओं और बच्चों को सड़क पर देखना अच्छा नहीं । - जस्टिस बी.आर. गवई
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