• 28 Apr, 2025

फिर टल सकते हैं चुनाव पाकिस्तान में...

फिर टल सकते हैं चुनाव पाकिस्तान में...

● मतदान में दो माह से भी कम समय बाकी, अभी तक किसी पार्टी की रैली नहीं

इस्लामाबाद। पाकिस्तान में हमेशा ही की तरह  लोकतांत्रिक प्रक्रिया से चुनाव को लेकर एक खास तरह की उदासीनता इन दिनों भी देखी जा रही है। वहां आम चुनाव के लिए तारीख फरवरी 8 मुकर्रर की गई है पर बमुश्किल डेढ़ महीने इस मियाद को बच रह गए हैं पर किसी भी राजनीतिक पार्टियों में इसे लेकर सरगर्मियां नहीं देखी जा रही हैं। पाकिस्तान के राजनीतिक विश्लेषकों की जानिब से आ रही खबरों के मुताबिक अब तक किसी सियासी पार्टी ने किसी तरह की रैली या फिर आमसभा नहीं शुरू की है। 
  
    पाकिस्तान की सियासी नब्ज से बाखूबी वाफिक लोगों का कहना है कि मसलसल बिगड़ती कानून व्यवस्था और जेल में बंद में पूर्व प्रधानमंत्री  मिया इमरान खान लगातार बढ़ती लोकप्रियता के चलते सत्ताधारी दलों की चिंताओं के बाद तय तारीख पर चुनाव हो जाएं इस बात की गुंजाइश तकरीबन नहीं दिख रही है। मंगलनार 12 दिसंबर को अफगानिस्तान की सीमा से सटे खैबर पख्तूनख्वा में एक पुलिस स्टेशन में हमले में 26 सुरक्षा कर्मियों की मौत हो गई थी। इसी तरह 2 दिसंबर को चीन सीमा के पास गिलगित -बाल्टीस्तान क्षेत्र में आतंकियों ने एक यात्री बस पर हमला कर दिया था। इस महले में 10 लोगों की मौत हो गई थी। मौलान फजलूर रहमान का कहना है कि बलूचिस्तान और खैबर की कानून व्यवस्था को देखते हुए वहां चुनाव इन हालातों में तो नहीं ही कराए जा सकते।

     पीएमएलएन के नेता मिंया आमीर मुकाम ने मांग की है मौजूदा हालात में इलेक्शन की सूरतहाल नहीं दिखती तो बेहतर होगा कि पाकिस्तान में आम चुनाव चार सप्ताह या यानी करीब एक महीने के लिए कम से कम टाल दिये जाने चाहिए। कहा जा रहा है कि अगर पाकिस्तान तय तारीख के मुताबिक चुनाव नहीं करवाता है तो  इंटरनेशल मोनेटरी फंड (आईएफएम)मिलने वाली माली मदद ले पाना मुश्किल काम होगा। 

खान की लोकप्रियता बढ़ रही, अप्रुवल रेटिंग 60 फीसदी से ज्यादा..

नवाज शरीफ की पार्टी पीएमएलएन और जरदारी की पार्टी पीपीपी चुनावों में देरी हो ये चाहती हैं। इसकी खास वजह इनके प्रतिद्वंद्वी इमरान खान की पार्टी पीटीआई को मिल रहा भारी जन समर्थन है। बताते चलें कि पाकिस्तान की सूरते हाल में अभी इमरान खान जेल में होने के बावजूद भी सबसे लोकप्रिय नेता हैं। गैलप पाकिस्तान के सर्वेक्षण में इमरान की एप्रुवल रेटिंग सबसे ज्यादा 60 फीसदी थी। विशेषज्ञ आमीर खान ने बताया कि पाकिस्तान में चुनाव को लेकर ढीला रवैया तो देखा ही जाता रहा है पर इस बार की तरह असमंजस
इससे पहले कभी नहीं देखा गया।