कार जो सड़क पर फर्राट भरती और नदी में तैरती है..
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● जेबीएम कंपनी को मिली है तकनीकी स्वीकृति , फाइल अब शासन के पास.. ● एक बार चार्ज करने पर 140 किमी चलेगी.. ● 9 मीटर लंबी और 32 सीटों वाली होगी बस ..
रायपुर। राजधानी रायपुर में हर तरह के विकास के चिन्ह तो दिखते हैं पर जाने क्यों लोगों के आवागमन के लिए कोई एक पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम अब तक ढंग से विकसित नहीं किया जा सका। हर बार किसी न किसी वजह से अनुबंध का पेंच फंसता रहा है। इस समस्या से छुटकारा दिलाने का शासन ने एक नया साधन खोज लिया है। अब राजधानी में अगले कुछ महीनों में इलेक्ट्रिक सिटी बस की सेवाएं शुरू हो जाएंगी। इसके लिए नगर निगम को चौथे टेंडर में जेबीएम ई-बस कंपनी की ओर से प्रस्ताव मिल गया है। इसी प्रस्ताव को तकनीकी और वित्तीय लिफाफा खुलने के बाद नगर निगम नगरीय प्रशासन संचालनालय को भेज रहा है।
अफसरों ने बताया कि इस कंपनी ने मुंबई के अलावा दिल्ली तथा बेंगलूरू मेट्रोपोलिटिन ट्रांसपोर्ट सर्विसेज में भी इलेक्ट्रिक बसों की आपूर्ति की है। इसी अनुभव के आधार पर उक्त कंपनी को ठेका देने की सिफारिश शासन से कर दी । इस बस के लिए केन्द्र के 15 वें वित्त आयोग से निगम को फंड जारी हुआ था लेकिन तीन साल के फंड को एकत्र करने के बाद 20 करोड़ रुपये की लागत से 10 ई-बस की योजना पर पिछले साल से ही काम शुरू हो गया है।
इसके लिए टेंडर प्रक्रिया में निगम ने यह शर्त रखी थी कि ई-बस बनाने वाली कंपनी को ही वार्षिक संधारण (सालाना रखरखाव) यानी एनुअव मेंटेनेंस का काम दिया जाए। इससे ई-बस के पार्ट्स आदि की आपूर्ति में भी दिक्कत नहीं होगी। कहा जाता है कि इन्हीं शर्तों पर कंपनी राजी भी हो गई और इस प्रकार अब छत्तीसगढ़ में रायपुर नगर निगम पहली ई-बस चलाने वाला निगम होने जा रहा है। कंपनी को यह ठेका 20 करोड़ 91 लाख में तय हुआ है। कहा जा रही है कि इसका मंजूरी शासन से आते ही कार्यादेश ( वर्क ऑर्डर ) जारी कर दिया जाएगा।
राजधानी रायपुर में इलेक्ट्रिक बस संचालन सेवा शुरू होने के साथ ही उक्त कंपनी को पांच चार्जिंग स्टेशन भी बनाना होगा। नगर निगम इन बसों को रखने के लिए डिपो भी उपलब्ध कराएगा। बताया गया है कि एक बार पूरी तरह चार्ज होने के बाद बस 140 किमी तक निर्बाध चलने में सक्षम है।
ई-बस निर्माता उक्त कंपनी को लगभग 9 मीटर लंबी और 32 सीटों वाली उक्त बसों के रखरखाव का जिम्मा अगले 10 साल के लिए दिया जाएगा। अफसरों ने बताया कि शासन से कीमत की मंजूरी मिलते ही प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।क्योंकि निगम की जरूरत के मुताबिक 32 सीटर बस की उपलब्धता कंपनी तय करेगी।
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